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झारखंड BJP में बड़ा उलटफेर, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू बने प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष

आदित्य साहू झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. पार्टी की ओर से इसकी आधिकारिक सूचना 3 अक्टूबर को जारी की गई है.

Aditya Sahu(File Photo)

आदित्य साहू झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. पार्टी की ओर से इसकी आधिकारिक सूचना 3 अक्टूबर को जारी की गई है. रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के कुच्चू गांव निवासी आदित्य साहू झारखंड से राज्यसभा के सांसद भी हैं.  

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हस्ताक्षर से जारी पत्र के अनुसार, उनकी नियुक्ति इस पद पर पूर्व से कार्यरत रहे रवींद्र कुमार राय के स्थान पर की गई है. रवींद्र राय को पिछले साल अक्टूबर में झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस पद पर नियुक्त किया गया था. संभावना जताई जा रही है कि उन्हें पार्टी कोई और बड़ा दायित्व दे सकती है.

जानिए आदित्य साहू के बारे में

पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से पार्टी से जुड़े आदित्य साहू पूर्व में झारखंड प्रदेश भाजपा में उपाध्यक्ष, महामंत्री सहित कई प्रमुख पदों का दायित्व निभा चुके हैं. 61 वर्षीय साहू शिक्षण के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं. वह 2019 तक राम टहल चौधरी कॉलेज के व्याख्याता के रूप में कार्यरत रहे. जुलाई 2022 में उन्हें झारखंड से राज्यसभा के लिए चुना गया था. सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से आदित्य साहू की नियुक्ति बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

वह वैश्य समुदाय से आते हैं और इस समुदाय के बीच भाजपा की गहरी पैठ रही है. झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बाबूलाल मरांडी का भी कार्यकाल पूरा हो चुका है और इस पद पर नई नियुक्ति को लेकर भी तरह-तरह के कयास चल रहे हैं. इस पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नाम की भी चर्चा लंबे समय से चल रही है. रघुवर दास भी वैश्य समुदाय से आते हैं. ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद का दायित्व आदिवासी या ओबीसी समुदाय के किसी नेता को दिया जा सकता है.

क्या है BJP की रणनीति?

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता पक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा से हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी द्वारा एक साल के भीतर रवींद्र कुमार राय की जगह आदित्य साहू को नियुक्त करना इस बात का संकेत है कि भाजपा झारखंड में अपनी संगठनात्मक मशीनरी को मजबूत करने और राज्य इकाई का पुनर्गठन करने की कोशिश कर रही है.

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