'भारत से दूरी बनाने पर उनका ही नुकसान है...' बिना नाम लिए पड़ोसी देशों को एस जयशंकर की दो टूक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'डीडी इंडिया' पर आयोजित संवाद सत्र के दौरान भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों और खाड़ी देशों के साथ बढ़ती नजदीकियों पर अपने विचार प्रकट किए. इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व में 11 वर्षों के दौरान चीन और अमेरिका के रुख में आए बदलावों पर भी चर्चा की.
Follow Us:
विदेश मंत्री एस जयशंकर का पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर बड़ा बयान आया है. उन्होंने अपने विचार 'डीडी इंडिया' द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र के दौरान प्रकट किए. इस दौरान उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात कही. वहीं पिछले 11 वर्षों के दौरान अमेरिका और चीन के रुख में आए बदलावों पर भी बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब दिया.
भारत के पड़ोसी देशों के संबंधों पर आया एस जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'डीडी इंडिया' द्वारा आयोजित संवाद सत्र के दौरान भारत के पड़ोसी देशों के संबंधों पर बयान देते हुए कहा कि 'हमें हर समय सुगमता की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, हमारे प्रत्येक पड़ोसी देश को समझना चाहिए कि भारत के साथ काम करने पर लाभ मिलेगा और भारत के साथ काम न करने की एक कीमत चुकानी पड़ेगी. कुछ लोगों को इसको समझने में समय लगता है, जबकि कुछ लोग इसे बेहतर समझते हैं. क्योंकि उसने अपनी पहचान सेना के तौर पर परिभाषित की है. उसके अंदर एक शत्रुता का भाव है. ऐसे में अगर आप पाकिस्तान को एक तरफ रख दें, तो यह तर्क लागू होगा.'
चीन और अमेरिका के रुख में भी आया बदलाव
यह भी पढ़ें
एस जयशंकर ने एक रणनीतिक विशेषज्ञ से बातचीत को लेकर अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर एक लिंक शेयर किया है. उस बातचीत में उनसे पिछले 11 वर्षों के दौरान अमेरिका और चीन के रुख में आए बदलाव पर सवाल पूछा गया कि नई दिल्ली इस बदलाव को कैसे देखती है? इस पर जयशंकर ने कहा कि 'जहां तक अमेरिका का सवाल है, उसके बारे में अंदाजा लगा पाना मुश्किल है, इसलिए एक व्यवस्थित स्तर पर आप इसे यथासंभव अधिक से अधिक संबंधों के साथ स्थिर कर सकते हैं.' वहीं चीन के साथ रुख में आए बदलाव को लेकर उन्होंने कहा 'यदि आपको चीन के सामने खड़ा होना है, तो हम काफी कठिन दौर से गुजर चुके हैं. इसलिए क्षमताओं को बेहतर बनाना बेहद महत्वपूर्ण है. बता दें कि इस बातचीत में उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में पड़ोसी देशों के साथ संबंधों, खाड़ी देशों के साथ बढ़ती नजदीकियां और हिंद प्रशांत क्षेत्रों के साथ संबंधों पर विस्तार से चर्चा की है.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें