Advertisement

ISRO का EOS-09 मिशन रह गया अधूरा, लॉन्च के तीसरे चरण में सैटेलाइट में आई तकनीकी गड़बड़ी, ISRO प्रमुख ने दी जानकारी

देश की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जा रहे ISRO के EOS-09 मिशन सैटेलाइट में गड़बड़ी आने के चलते इसका प्रक्षेपन अधूरा रहा गया. इसकी जानकारी खुद ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने दी. उन्होंने कहा कि अब हम इस डेटा का अध्ययन करेंगे और फिर मिशन पर लौटेंगे.

18 May, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
08:52 AM )
ISRO का EOS-09 मिशन रह गया अधूरा, लॉन्च के तीसरे चरण में सैटेलाइट में आई तकनीकी गड़बड़ी, ISRO प्रमुख ने दी जानकारी
ISRO/X
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 101वें सैटेलाइट EOS-09 (अर्थ ऑब्जर्वेटरी सैटेलाइट) मिशन को लेकर वैज्ञानिकों को निराशा हाथ लगी है. रविवार की सुबह ISRO ने आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्री हरिकोटा से PSLV-C61 रॉकेट की लॉन्चिंग की कोशिश की जो, तकनीकी दिक्कतों की वजह से सफल नहीं हो पाई. लॉन्च के बाद महज 9 मिनट के अंदर तीसरे चरण में सैटेलाइट में गड़बड़ी आ गई. इस बात की जानकारी ISRO ने सोशल मीडिया के जरिए दी. 

ISRO ने साझा की जानकारी 

ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मिशन के बारे में पोस्ट कर लिखा “आज 101वाँ लॉन्चिंग का किया गया. PSLV-C61 का प्रदर्शन पहले और दूसरे चरण तक सामान्य रहा लेकिन तीसरे चरण को पूरा नहीं किया जा सका.” वहीं इसको लेकर ISRO प्रमुख वी. नारायणन  ने कहा कि महज़ 9 मिनट में तीसरे चरण तक पहुंचकर यह मिशन रुक रखना है, अब हम इस डेटा का अध्ययन करेंगे और फिर मिशन पर लौटेंगे. सैटेलाइट को लॉन्च करने का मकसद एंटी टेरर मिशन, भारत में घुसपैठ और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना था. 
EOS-09 एक एडवांस पृथ्वी ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है, जिसमें सी-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह सैटेलाइट किसी भी मौसम और दिन-रात में धरती की सतह की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीर लेने में सक्षम है. यह कृषि, वन क्षेत्र प्रबंधन, आपदा प्रबंधन और रक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. ISRO के मुताबिक, यह पीएसएलवी रॉकेट की कुल 63वीं उड़ान और पीएसएलवी-एक्सएल वर्जन की 27वीं उड़ान थी. इस मिशन से पहले ISRO के PSLV ने अब तक कई सफल लॉन्च पूरे किए थे. EOS-09 में लंबी अवधि का फ्यूल भी था.

देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्व था यह मिशन 

EOS-09 सैटेलाइट को इस उद्देश्य से तैयार किया गया था कि यह देश की रिमोट सेंसिंग क्षमताओं को और मजबूत कर सके. यह सैटेलाइट देश की सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला था. इसके जरिए सीमा पार से होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जाती. सबसे महत्वपूर्ण तो यह था कि ये LOC और LAC पर कड़ी निगरानी रखता जो देश की सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी था. ISRO द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, EOS-09 सैटेलाइट की हाइट 44.5 मीटर है और वेट 321 टन है. जो 4 फेज में बने मिशन EOS-09 सैटेलाइट को सन सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट (SSPO) में स्थापित किया जाना था. रिमोट सेंसिंग के साथ डिजाइन किया गया सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेटरी सैटेलाइट सी-बैंड सिंथेटिक अपर्चर एडवांस्ड ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है, जिसमें रडार लगाया गया है. 

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें