मलेशिया के सिंकहोल में गिरी भारतीय महिला, 5 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं
sinkholes kuala lumpur सिंकहोल एक ऐसी प्राकृतिक घटना है जो तब होती है जब जमीन के नीचे की चट्टानें धीरे-धीरे घुल जाती हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां चूना पत्थर या जिप्सम जैसी चट्टानें होती हैं, जो पानी के संपर्क में आने पर घुलने लगती हैं।
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23 अगस्त को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में एक चौंकाने वाली घटना घटी जब 48 वर्षीय भारतीय नागरिक विजय लक्ष्मी गली एक सिंकहोल में गिर गईं। वह मंदिर की ओर जा रही थीं, तभी अचानक जमीन उनके पैरों तले धंस गई, और वे लगभग 8 मीटर गहरे सिंकहोल में समा गईं। घटना के तुरंत बाद, भारतीय उच्चायोग और मलेशिया के स्थानीय अधिकारियों ने मिलकर एक व्यापक बचाव अभियान शुरू किया।
Search and Rescue ऑपरेशन जारी:
बचाव अभियान में स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस बल, और वैज्ञानिक टीमें शामिल हैं। इस ऑपरेशन के लिए एडवांस्ड मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है, जैसे हाई-प्रेशर वाले जल जेट्स, रिमोट कैमरे, और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार, जो उन जगहों तक पहुंचने में मदद करते हैं जहां सीधे जाना मुश्किल है। SAR (Search And Rescue) टीम्स लगातार विजय लक्ष्मी गली की खोज में नए-नए स्थानों की जांच कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
स्थानीय अधिकारियों और भारतीय उच्चायोग की कड़ी मेहनत जारी है, और विजय लक्ष्मी के परिवार को लगातार अपडेट दिया जा रहा है। टीम का हर प्रयास उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए है, और यह मामला धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय मीडिया का भी ध्यान खींच रहा है।
क्या है सिंकहोल और कैसे बनता है?
सिंकहोल एक प्राकृतिक प्रक्रिया के परिणामस्वरूप बनता है जब जमीन के नीचे की चट्टानें धीरे-धीरे पानी के संपर्क में आकर घुलने लगती हैं। यह खासकर तब होता है जब चूना पत्थर या जिप्सम जैसी चट्टानें पानी में घुल जाती हैं।
जब बारिश का पानी, जो स्वाभाविक रूप से हल्का अम्लीय (acidic) होता है, इन चट्टानों को घुलाने लगता है, तो धीरे-धीरे चट्टानों के नीचे एक खाली स्थान बन जाता है। जैसे ही यह खाली स्थान बड़ा हो जाता है, ऊपर की जमीन धंस जाती है और एक बड़ा गड्ढा या सिंकहोल बन जाता है। इस प्रक्रिया का परिणाम हमेशा अचानक होता है, और अक्सर गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है, जैसा कि इस मामले में देखा गया।
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