यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को दी जाएगी फांसी, राष्ट्रपति रशद अल-आलिमी ने लगाई सजा पर मुहर, जानें किस मामले में पाई गईं दोषी
यमन के एक नागरिक की हत्या मामले में दोषी पाई गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी. उन पर अपने ही क्लीनिक सहयोगी पर हत्या का आरोप है. उनकी सजा पर अंतिम मुहर यमन के राष्ट्रपति राशद अल आलिमी ने लगाया है.
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केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी. उन पर एक यमन नागरिक की हत्या का आरोप लगा है. फिलहाल वह जेल में बंद है. जेल अधिकारियों ने उन्हें फांसी की तारीख के बारे में बता दिया है. इस बीच निमिषा के परिवार ने कहा है कि उन्हें इस मामले में कोई भी जानकारी नहीं है. खबरों के मुताबिक, निमिषा पर जिस शख्स की हत्या का आरोप है. उसके परिवार से भी बातचीत चल रही है. पीड़ित परिवार इस मामले को सुलझाने के लिए और उनकी फांसी पर रोक लगाने के लिए 10 लाख डॉलर की पेशकश की है. वही निमिषा की जान बचाने के लिए इस मामले में भारत सरकार भी दखल दे सकती है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि निमिषा प्रिया के ऊपर साल 2017 में तलाल नाम के एक यमन नागरिक की हत्या का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि मृतक तलाल के ही सहयोग से वह क्लिनिक चलाती थी. उसके बाद मानसिक और शारीरिक शोषण से तंग आकर उन्होंने तलाल की हत्या कर दी थी.
जिसकी हत्या की उसी के साथ चला रहीं थी क्लिनिक
यमन के कानून के तहत देश के बाहर का कोई भी व्यक्ति स्थानीय व्यक्ति के साथ साझेदारी करने के बाद ही कारोबार कर सकता है. ऐसे में अन्य साझेदारी और शर्तों के आधार पर निमिषा और तलाल ने अपनी सहमति जताई. उसके बाद साल 2015 में दोनों ने खुद का क्लिनिक शुरू किया. हालांकि, उसके बाद दोनों के बीच मनमुटाव होने लगा और इस दौरान तलाल निमिषा से दुर्व्यवहार करने लगा. निमिषा यमन छोड़कर भारत वापस आना चाह रही थी, लेकिन उनका पासपोर्ट तलाल के पास था. इसके बाद निमिषा ने इसकी पुलिस शिकायत में की थी, फिर साल 2016 में तलाल की गिरफ्तारी हुई. उसके कुछ महीनों बाद वह जेल से बाहर आ गया. उसके बाद 2017 में निमिषा ने एक स्थानीय जेल वार्डन की मदद ली. जिसने तलाल को अक्षम करने के लिए सेडेटिव्स के प्रयोग का सुझाव दिया. उसके बाद निमिषा ने उसे इंजेक्शन लगा दिया, लेकिन इंजेक्शन ओवरडोज की वजह से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद निमिषा को गिरफ्तार किया गया और वह मामले में दोषी ठहराई गईं.
कौन है निमिषा प्रिया
बता दें कि निमिषा प्रिया भारत से नर्सिंग ट्रेनिंग का कोर्स करने के बाद साल 2011 में यमन चली गईं थीं. वह मजदूरी करने वाले अपने माता-पिता को अच्छी जिंदगी देना चाहती थी. इसी वजह से उन्होंने देश छोड़कर बाहर जाने का फैसला किया था. यमन में उन्होंने कई अस्पतालों में भी काम किया. उसके बाद खुद का क्लीनिक खोलने की तैयारी शुरू की. 2014 में वह तलाल के संपर्क में आईं. दोनों ने मिलकर एक साथ काम करने का वादा किया. वहीं तलाल के साथ जो क्लिनिक उन्होंने खोला था. वह साल 2017 में बंद हो चुका है.
सरकार की पैनी नजर
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सरकार भी इस मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. खबरों के मुताबिक, साल 2018 में निमिषा प्रिया को यमन में हत्या के अपराध में दोषी ठहराया गया था. उस वक्त स्थानीय अदालत में मौत की सजा सुनाई गई थी. उसके बाद सरकार मामले पर बारीकी से नजर रखी हुई है. स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के सदस्यों से लगातार संपर्क किया जा रहा है. निमिषा की हर संभव मदद करने की कोशिश की जा रही है.
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