Advertisement

भारत का अंतरिक्ष की तरफ एक और कदम... ISRO ने गगनयान के 'इंजन' का किया सफल परीक्षण, ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बना

शनिवार को ISRO द्वारा बताया गया है कि 'गगनयान' के इंजन का सफल परीक्षण कर लिया गया है. वास्तविक परिस्थिति में किया जाने वाला यह परीक्षण शुक्रवार को सर्विस मॉड्यूल आधारित 'फ्लाइट ऑफ-नॉमिनल मिशन प्रोफाइल' के लिए किया गया. भारत यह कामयाबी हासिल करने वाला रूस, चीन, अमेरिका के बाद चौथा देश बन गया है. भारत इसके जरिए अंतरिक्ष में मानव को भेज सकेगा.

13 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
01:34 AM )
भारत का अंतरिक्ष की तरफ एक और कदम... ISRO ने गगनयान के 'इंजन' का किया सफल परीक्षण, ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बना

भारत की स्पेस एजेंसी ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अंतरिक्ष की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है. शनिवार को ISRO ने योग्यता परीक्षण कार्यक्रम में 'गगनयान' के इंजन का सफल परीक्षण कर लिया है. SMPS के एकीकृत प्रदर्शन को मान्य करने के लिए 350 सेकंड के लिए पूर्ण अवधि का 'हॉट परीक्षण' आयोजित किया गया. 

ISRO ने किया 'गगनयान' इंजन का  सफल परीक्षण 

शनिवार को ISRO द्वारा बताया गया है कि 'गगनयान' के इंजन का सफल परीक्षण कर लिया गया है. वास्तविक परिस्थिति में किया जाने वाला यह परीक्षण शुक्रवार को सर्विस मॉड्यूल आधारित 'फ्लाइट ऑफ-नॉमिनल मिशन प्रोफाइल' के लिए किया गया. बता दें कि 'फ्लाइट ऑफ-नॉमिनल मिशन प्रोफाइल' का संबंध किसी विमान के उड़ान पथ और उसकी अन्य गतिविधियों से है.

'भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन' 

ISRO की तरफ से जारी जानकारी के अनुसार, गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन है. भारत ने अंतरिक्ष में मानव देश को लेकर एक बड़ी सफलता हासिल की है. इससे पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन NASA के तहत शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में भेजा है. वह अभी भी वहीं पर मौजूद हैं.

क्या है गगनयान का 'प्रोपल्शन सिस्टम'

भारत की स्पेस एजेंसी ISRO की तरफ से जिस 'प्रोपल्शन सिस्टम' का परीक्षण किया गया है. वह गगनयान के इंजन की तरह काम करेगा. यह स्पेस में जाने के बाद गगनयान को नियंत्रित करने और आगे बढ़ाने का काम करेगा. इसके अलावा यह कक्षा को बदलने, दिशा बदलने और गगनयान को धीमा-तेज करने के लिए भी काम आएगा. किसी भी एस्ट्रोनॉट के धरती पर लौटने में भी इस इंजन का काफी अहम योगदान होगा. बताया गया है कि इसमें दो तरह के ईंधन का उपयोग किया जाएगा. सबसे बड़े संचालन के लिए लिक्विड अपोजी मोटर्स और भ्रस्टर के लिए रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा.

'14,000 सेकंड्स और 25 टेस्ट में हुआ पास'

यह भी पढ़ें

इस इंजन के सफल परीक्षण के लिए ISRO ने अलग-अलग माहौल में कम से कम 25 बार टेस्ट किया है. इस इंजन को करीब 14,000 सेकंड तक चलाकर भी देखा गया है. दरअसल, ऐसा इसलिए किया गया, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पूरी तरीके से तैयार है या फिर नहीं. ISRO की यह सफलता काफी ज्यादा बड़ी है. इससे अब भारत भी NASA की तरह ही इंसानों के लिए सुरक्षित स्पेसक्राफ्ट बनाने में सक्षम है. इस बड़ी कामयाबी के बाद अब ISRO की टीम इस काम में और भी ज्यादा मेहनत करेगी. वहीं भविष्य में वह अंतरिक्ष मिशन की तैयारी में भी जुट जाएगी. जानकारी के लिए बता दें गगनयान के जरिए किसी भी इंसान के उड़ान भरते ही भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले यह कामयाबी अमेरिका, रूस और चीन को मिली है.  

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
अधिक
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें