भारत ने एक तीर से साधे दो निशाने, पाकिस्तान के आतंकवाद और चीनी एयर डिफेंस सिस्टम की खुली पोल
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान चीन के हथियार और एयर डिफ़ेंस सिस्टम के भरोसे भारत के कई शहरों पर हमला करने का प्रयास किया, लेकिन इस दौरान ना सिर्फ पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी बल्कि चीन के हथियारों की भी पोल खुल गई.

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की 'ऑपरेशन सिंदूर' की कार्रवाई की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. इस एयर स्ट्राइक की कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने जब चीन के बनाए हथियारों, ड्रोन और एयर डिफ़ेंस सिस्टम के भरोसे भारत पर हमला करने की हिमाकत की तो भारत की सेना ने जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की है. जिससे ना सिर्फ पाकिस्तान ऊबर पाया, बल्कि चीन के हथियारों की नाकामी भी सबके सामने आ गई.
चीन के हथियार हुए फेल
भारत के इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि पाकिस्तान के पास मौजूद चीनी हथियार और लड़ाकू विमान गंभीर संकट के समय कुछ खास असर नहीं दिखा सके. पाकिस्तान अपने कुल रक्षा आयात का लगभग 82 प्रतिशत हिस्सा चीन से खरीदता है. इनमें रडार, एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल और फाइटर जेट्स शामिल हैं, लेकिन भारत के हमलों के सामने ये सब बिलकुल बेअसर साबित हुए. लाहौर में चीन का बना एयर डिफेंस रडार भारतीय हमले में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुआ. पंजाब के चुनियां एयरबेस में तैनात चीन का वाईएलसी-8ई एंटी-स्टील्थ रडार पूरी तरह तबाह कर दिया गया. चीन से मिले ड्रोन और एआर-1 लेजर गाइडेड मिसाइलें, जो पाकिस्तान ने भारत पर दागीं, भारतीय डिफेंस सिस्टम ने उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया.
एयर डिफ़ेंस सिस्टम भी किया तबाह
पाकिस्तान ने चीन का बना एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया था ताकि भारतीय मिसाइलों और विमानों को रोका जा सके, लेकिन भारत ने इन सिस्टम्स को आसानी से जाम कर दिया और बिना रुकावट पाकिस्तान के अंदर तक हमला किया. इन सिस्टम्स की विफलता पर चीन में भी चर्चा हुई और कई चीनी सोशल मीडिया अकाउंट्स ने इसके लिए पाकिस्तान की कम ट्रेनिंग और खराब ऑपरेशन प्लानिंग को जिम्मेदार ठहराया. चीन की पीएल-15 मिसाइल को अमेरिका की एआईएम-120डी जैसी आधुनिक मिसाइलों का मुकाबला करने वाली बताया गया था, लेकिन यह अपने लक्ष्यों को छू भी नहीं सकी. भारतीय अधिकारियों ने होशियारपुर में एक पीएल-15 मिसाइल का टुकड़ा बरामद किया, जो जमीन पर गिरा मिला था.
चीन के विमान भी हुए नाकाम
पाकिस्तान ने चीन के जे-10सी और जेएफ-17 ब्लॉक- III जैसे लड़ाकू विमानों को तैनात किया था, लेकिन ये भारतीय हमलों को रोक पाने में असफल रहे। इन जेट्स के पास पीएल-15 मिसाइलें थीं, फिर भी वे भारत की एयर स्ट्राइक को न तो रोक पाए और न ही कोई प्रभावशाली जवाब दे पाए. इस हार के बीच पाकिस्तान ने प्रोपेगैंडा फैलाते हुए दावा किया कि उसने भारत के कई विमान, जिनमें राफेल भी शामिल हैं, गिरा दिए, लेकिन इन दावों को कोई सबूत नहीं मिला, न ही किसी भारतीय विमान का मलबा पाकिस्तान दिखा सका.
भारत की स्वदेशी तकनीक श्रेष्ठ
जहां पाकिस्तान चीनी तकनीक के सहारे भारत को रोकने की कोशिश कर रहा था, वहीं भारत ने अपनी स्वदेशी तकनीक और कुछ पश्चिमी रक्षा उपकरणों के सहारे न केवल खुद को बचाया, बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा में गहरी सेंध लगाई. प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने कहा, "भारत ने यह दिखा दिया कि आधुनिक रक्षा प्रणाली सिर्फ हमले रोकने के लिए नहीं, बल्कि दुश्मन की रक्षा में भी सेंध लगाने की ताकत रखती है. यह सब एक मजबूत रणनीति और सिस्टम के सही इस्तेमाल का नतीजा है." अब सबको पता चल चुका है कि चीन के बनाए हथियार और सिस्टम जमीनी हकीकत में फेल हो गए. पाकिस्तान की सुरक्षा में गंभीर खामियां सामने आईं. वहीं, भारत की तकनीक और रणनीति ने एक बार फिर खुद को सक्षम और भरोसेमंद साबित किया. बतौर हथियार निर्यातक देश चीन की साख पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.
'ऑपरेशन सिंदूर' ने साबित कर दिया कि हथियारों की गुणवत्ता और उनका सही इस्तेमाल युद्ध में सबसे ज्यादा मायने रखते हैं और इसमें भारत ने बाजी मार ली. यह ऑपरेशन भारत के लिए एक बड़ी सफलता रही और इससे पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की तकनीक की कमजोरी खुलकर सामने आ गई.
बताते चले कि भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बिना पाकिस्तान में घुसे पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त हमला किया. इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे.