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'इंडिया आउट' से 'इंडिया इम्पॉर्टेंट तक...', PM मोदी की कूटनीति के आगे मुइज्जू नतमस्तक, कहा- आपके आने से मालदीव में बढ़ेगा पर्यटन

'इंडिया आउट' का नारा देने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब भारत के साथ सहयोग की नई इबारत लिखते दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुइज्जू ने भारत को पर्यटन विकास में अहम भागीदार बताया. उन्होंने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत शुरू हो चुकी है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. मुइज्जू ने माना कि भारत ने मालदीव की हर स्तर पर मदद की है और भविष्य में दोनों देश मजबूत सहयोगी बनेंगे.

27 Jul, 2025
( Updated: 27 Jul, 2025
08:52 PM )
'इंडिया आउट' से 'इंडिया इम्पॉर्टेंट तक...', PM मोदी की कूटनीति के आगे मुइज्जू नतमस्तक, कहा- आपके आने से मालदीव में बढ़ेगा पर्यटन
Image: X/ MMuizzu

एक वक्त था जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत के खिलाफ 'इंडिया आउट' जैसे तीखे नारे लगा रहे थे. वही मुइज्जू अब भारत की तारीफों के पुल बांधते नजर आ रहे हैं. शनिवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, तो यह दृश्य दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ने जैसा था. यह पहली बार था जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुआ. यह केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम कदम भी था.

बदलते रिश्तों की गर्मजोशी

प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू ने साफ कहा कि भारत उन देशों में से है, जो मालदीव के पर्यटन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत और मालदीव के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है और जल्द ही इसका नतीजा सामने आ सकता है. यह वही मुइज्जू हैं, जिनकी पहचान चीन समर्थक नेता के रूप में होती रही है और जिन्होंने सत्ता में आते ही ‘इंडिया आउट’ अभियान को हवा दी थी. लेकिन अब वही मुइज्जू कह रहे हैं कि भारत और मालदीव भविष्य में मजबूत साझेदार बनेंगे.

पीएम मोदी की मौजूदगी बनी ऐतिहासिक

‘रिपब्लिक स्क्वायर’ में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत मालदीव सरकार के मंत्रियों ने पूरे सम्मान के साथ किया. विदेश मंत्रालय ने भी इसे भारत-मालदीव रिश्तों के लिए 'मील का पत्थर' बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह के बाद कहा कि भारत मालदीव के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करता है और उनके साथ मिलकर भविष्य को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने मालदीव के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए दोनों देशों के बीच साझेदारी को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक रूप से गहराई तक जुड़ा बताया.

पिघलती बर्फ़ और बढ़ता भरोसा

हाल ही के वर्षों में भारत और मालदीव के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद. नवंबर 2023 में जब मुइज्जू ने सत्ता संभाली, तो ‘इंडिया आउट’ का नारा प्रमुखता से उभरा. लेकिन अब तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है. प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा को इस बदलाव का सबसे बड़ा संकेत माना जा रहा है. भारत की ओर से 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सहायता की घोषणा और मुक्त व्यापार समझौते को लेकर सहमति, इन दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा देने जा रहे हैं.

भारतीय समुदाय को मिला सम्मान

मालदीव यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों में उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है. यह बयान केवल औपचारिक नहीं था, बल्कि एक मजबूत रणनीतिक संदेश भी था.चीन जैसे देशों को, जो हिंद महासागर में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में हैं.

भारत की छवि और भरोसा

मोदी ने यह भी कहा कि मालदीव की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जलवायु परिवर्तन पर उसकी वैश्विक भागीदारी ने उसे एक विशिष्ट पहचान दी है. भारत और मालदीव के संबंध साझा मूल्यों, परंपराओं और आपसी विश्वास पर आधारित हैं. दोनों देश अब सिर्फ रणनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी जुड़ते जा रहे हैं.

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बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सिर्फ एक राजनयिक यात्रा नहीं, बल्कि मालदीव के राजनीतिक रुख में आए बदलाव की कहानी भी है. 'इंडिया आउट' से 'इंडिया इम्पोर्टेंट' तक के इस सफर ने दिखा दिया कि मजबूत नेतृत्व और सही कूटनीतिक दृष्टिकोण से देशों के रिश्तों को कैसे एक नई दिशा दी जा सकती है. अब जब मुइज्जू खुद भारत यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह संकेत है कि आने वाले समय में भारत और मालदीव की साझेदारी पहले से भी अधिक मजबूत होने वाली है. मालदीव के द्वीपों पर भरोसे की यह लहर हिंद महासागर में शांति और सहयोग की नई इबारत लिख सकती है.

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