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कनाडा में भारत विरोधी एक्टिविटी पर बड़ा प्रहार, खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू का राइट हैंड गोसल अरेस्ट

इंद्रजीत गोसल को साल 2024 नवंबर में ग्रेटर टोरंटो एरिया के एक हिंदू मंदिर में हुई हिंसक घटना के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था, जहां उसने कथित तौर पर हिंदू-कनाडाई श्रद्धालुओं पर हमला किया था.

22 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
08:56 PM )
कनाडा में भारत विरोधी एक्टिविटी पर बड़ा प्रहार, खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू का राइट हैंड गोसल अरेस्ट

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी गतिविधियां अभी भी कम होते हुए नहीं दिख रही. आतंकवादी गुरपतवंत सिंह उर्फ पन्नू का करीबी सहयोगी इंद्रजीत सिंह गोसल को पुलिस ने अरेस्ट किया है. खालिस्तानी चरमपंथी इंद्रजीत, पन्नू का राइट हैंड माना जाता है. कनाटा के ओटावा की पुलिस ने उसे अरेस्ट किया है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक इंद्रजीत को हथियार रखने समेत कई आरोपों में ये गिरफ्तार किया गया है. साल 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद, इंद्रजीत गोसल अमेरिका के खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के एक प्रमुख कनाडाई आयोजक के रूप में सुर्खियों में आया था. 

मंदिर पर हमले का आरोपी है इंद्रजीत गोसल

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब उसे कनाडाई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले इंद्रजीत गोसल को साल 2024 नवंबर में ग्रेटर टोरंटो एरिया के एक हिंदू मंदिर में हुई हिंसक घटना के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था, जहां उसने कथित तौर पर हिंदू-कनाडाई श्रद्धालुओं पर हमला किया था. 

इसके बाद पील रीजनल पुलिस शर्तों के साथ उसे रिहा कर दिया था. 
माना जाता है कि 36 वर्षीय इंद्रजीत घोषित आतंकवादी और सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख पन्नू का सबसे बेहद करीबी है और उसके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) के रूप में भी काम कर चुका है. 

पन्नू को कब आतंकी घोषित किया गया? 

मूल रूप से पंजाब के रहने वाले अमेरिकी-कनाडाई नागरिक पन्नू को गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जुलाई 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. उसके संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने और आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के एक साल बाद ही भारत ने यह कदम उठाया. 

भारत में पन्नू के खिलाफ कितने मामले दर्ज? 

भारत में अधिकारियों ने एसएफजे और पन्नू के खिलाफ 100 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से लगभग 60 अकेले पंजाब में दर्ज हैं. वहीं, इंद्रजीत गोसल की गिरफ्तारी भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में एक नए अध्याय की ओर सकारात्मक और सहयोग भरा कदम है. इसके जरिए आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में कनाडा भारत का साथ दे रहा है जबकि कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकियों पर उदारवादी नीति अपनाई. यह नई दिल्ली और ओटावा के बीच सामान्य राजनयिक गतिविधियों की हालिया बहाली के साथ भी मेल खाता है.

निज्जर की हत्या में ट्रूडो ने लगाए थे गंभीर आरोप 

साल 2023 में दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए थे. तब तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. भारत ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें बेतुका और दुर्भावनापूर्ण बताया था. इसके बाद से ही भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ गए थे. अप्रैल 2025 में कनाडा के नए प्रधानमंत्री बने मार्क कार्नी ने भारत के साथ रिश्तों को पटरी पर लाने की ओर कदम बढ़ाए. 

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हाल ही में NSA अजीत डोभाल और उनकी कनाडाई समकक्ष नथाली ड्रोइन ने नई दिल्ली में तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से व्यापक वार्ता की, जिसमें आतंकवाद और सुरक्षा सहयोग एजेंडे में प्रमुखता से शामिल रहे. 

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