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नकली जज और फर्जी कोर्ट, फैसला सुनाकर अरबों की सरकारी जमीन हड़प ली...

गुजरात के गांधीनगर में एक फर्जी कोर्ट चल रहे नकली जज पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। पुलिस ने आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन को कोर्ट में पेश किया। आरोपी ने पुलिस पर टॉर्चर और मारपीट के आरोप लगाए। इसके बाद अदालत ने मेडिकल कराने को आदेश दिया। जनिए पूरा सच।

जब भी कोई बड़ी मुसीबत आती है। और उसे कही से भी मदद नहीं मिल पाती तो वो इंसाफ के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है। क्योंकि वो जानता है कि यहां से उसे न्याय जरूर मिलेगा। कभी कोई झगड़ा भी हो जाए तो व्यक्ति के मुंह से सबसे पहले निकलता है 'तुझे कोर्ट में देख लूंगा'। हमें हमारे कानून हमारे कोर्ट पर आंख बंद कर के भरोसा होता है। लेकिन जरा सोचिए कि यही न्याय का मंदिर आगर फर्जी निकले तो। वो जज जिसे हम My Lord कहते है, वो ही झूठा निकला तो। और जो फैसला वो प्रसाद के रुप में बांट रहा है वो भी जहर हो तो। जरा सोचिए कैसा लगेगा। कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है गुजरात से। जहां पर पुलिस ने एक फर्जी कोर्ट, फर्जी स्टाफ और फर्जी जज का भंडाफोड़ किया है। 


अहमदाबाद के एक वकील ने फर्जी जज बनकर एक विवादित जमीन पर फैसला सुना दिया। दरअसल आरोपी वकील वकील मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन ने पहले जज खुद को जज बनाया। फिर कोर्ट की कार्रवाई चलाई और सरकारी जमीन पर आदेश जारी कर दिया। जैसे ही पुलिस को पता चला तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जैसे जैसे पुलिस मामले की गहराई से जांच करती गई तो कई अहम और चौंकाने वाली बातें सामने आई। 

आरोपी वकील मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन ने साल 2019 में विवादित जमीन के संबंध में मध्यस्थता का आदेश भी दे दिया। घटना जैसे ही सामने आई सबके होश उड़ गए। आरोपी वकील ने राखी वासणा इलाके में फर्जी कोर्ट लगा रखी थी। जहां उसने वकील, क्लर्क और अन्य अदालती कर्मचारियों की भूमिका भी निभाई। 

हैरानी की बात तो ये है कि ये फर्जी कोर्ट अहमदाबाद सिविल कोर्ट के सामने ही चलता था। इस कोर्ट से फर्जी जज ने कोरड़ो-अरबों की विवादित जमीनों से जुड़े मामले में कई ऑडर भी पास कर डाले है। इनमे से कुछ ऑडर तो डीएम ऑफिस तक पहुंच गए थे। हालांकि अब इस नकली जज को असली जज के सामने पेश किया गया। जिसके बाद इसे 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। 

इधर इस मसले को राजनीतिक बनाने की भी पुरजोर कोशिश की गई। उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से गुजरात की पुलिस प्रशासन और कानून व्यवस्था पर स वाल उठाने की कोशिश की। उन्होंने लिखा कि गुजरात में मॉरिस सैमुअल नाम का एक नक़ली जज पकड़ा गया है  ख़ुद की अदालत लगा कर जज बनता था। फ़ैसले सुनाता था, नक़ली स्टाफ़ भी रखा था । 100 करोड़ की सरकारी ज़मीन का फ़ैसला सुना कर अपने नाम करा लिया। पहले गुजरात में नक़ली CMO विराज पटेल और नक़ली PMO अधिकारी किरण पटेल धरे गए थे।  

खैर अब फर्जी जज और उसकी पूरी नकली विरासत का भंडाफोड़ हो चुका है। आगे पुलिस इसपर गहनता से जांच कर रही है। अब इस नकली जज पर असली जज का फैसला क्या होता है। ये देखना दिलचस्प होगा। 

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