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'पाकिस्तान को सीजफायर के लिए मनाएं, हम तैयार', निशिकांत दुबे का दावा- इंदिरा गांधी ने 1971 में यूएस राष्ट्रपति को लिखी थी चिट्ठी

निशिकांत दुबे ने न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि इंदिरा गांधी ने 5 दिसंबर 1971 को अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पत्र लिखा था. उन्होंने लिखा था कि हमारी सरकार खतरे में है, और भारत युद्ध विराम चाहता है. आप पाकिस्तान को मना लीजिए. दुबे ने सवाल उठाते हुए कहा कि इतना बड़ा आत्मसमर्पण, इतना बड़ा झूठ.

Nishikant Dubey

संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारी बहस के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपने एक दावे से राजनीतिक पारा हाई कर दिया है. निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि इंदिरा गांधी ने 1971 में अमेरिकी राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखा था. इस चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि वह पाकिस्तान को मना लें और सीजफायर करा दें.
निशिकांत दुबे ने न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि इंदिरा गांधी ने 5 दिसंबर 1971 को अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पत्र लिखा था. उन्होंने लिखा था कि हमारी सरकार खतरे में है, और भारत युद्ध विराम चाहता है. आप पाकिस्तान को मना लीजिए. दुबे ने सवाल उठाते हुए कहा कि इतना बड़ा आत्मसमर्पण, इतना बड़ा झूठ.

'पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया, तो युद्धविराम हो गया…'
निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि 1971 का पूरा इतिहास इंदिरा गांधी के लिखे इस एक पत्र में समाया हुआ है. जब लोगों को लगा कि हम अपना पाक अधिकृत कश्मीर ले सकते हैं, जब हमने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया था, उस समय अचानक युद्धविराम हो गया. इस इतिहास को देखने के बाद, क्या आपको नहीं लगता कि कांग्रेस ने सभी को नियंत्रित कर लिया था? कांग्रेस ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की.

'1971 में इंदिरा गांधी ने आत्मसमर्पण कर दिया था…'
राहुल गांधी के भाषण को लेकर सांसद निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि हमें बचपन से यही सिखाया गया है कि निक्सन और किसिंजर को दखल देने की अनुमति नहीं थी, लेकिन इतिहास गवाह है कि 1971 में इंदिरा गांधी ने आत्मसमर्पण कर दिया था. मैंने स्पीकर से कहा है कि वे उनके भाषण को हटाने के लिए कार्रवाई करें या फिर उन्हें संसद में माफी मांगने के लिए कहें.

'1962 का युद्ध अमेरिका के साथ मिलकर लड़ा...'
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि नेहरूजी ने 1962 का युद्ध अमेरिका के साथ मिलकर लड़ा था. हमने अपना चारबतिया हवाई अड्डा उन्हें इस्तेमाल के लिए दे दिया और 1963 में उनके साथ समझौता कर लिया. नंदा देवी में परमाणु उपकरण रखे गए, जिससे उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पूरे हिमालयी क्षेत्र को परेशानी हो रही है. इसकी एक ही वजह थी कि हमने अमेरिका को अपने परमाणु उपकरण रखने की अनुमति दे दी थी. हमने वियतनाम युद्ध में अमेरिका का साथ दिया था. पूरे गांधी परिवार ने इस देश को बेच दिया है. उन्होंने इस देश के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.

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