कन्हैया कुमार को लेकर कांग्रेस चिंतित, तालमेल बैठाने खुद बिहार पहुंचे रहे राहुल गांधी
बात अगर विपक्ष में शामिल कांग्रेस की करें तो पार्टी ने गठबंधन से इतर अपनी पार्टी की ज़मीन को मज़बूत करने की कोशिश में है। पहले कांग्रेस ने बिहार चुनाव में यह संकेत दिया था कि पार्टी चुनावी मैदान में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी लेकिन कुछ ही दिनों के बाद कांग्रेस ने इन संकेतों को ख़ारिज करते हुए यह ऐलान किया है कि वो बिहार विधानसभा चुनाव इंडिया महागठबंधन के तहत ही लड़ेगी।

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल पूरी तरह से तैयारी दिखाई दे रहा है। सत्तारूढ़ गठबंधन से लेकर विपक्ष की इंडिया महगठबंधन में शामिल दल अपनी रणनीतियों पर मंथन करते हुए चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है। इस दौरान नेताओं के बीच वार-पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है। वही बात अगर विपक्ष में शामिल कांग्रेस की करें तो पार्टी ने गठबंधन से इतर अपनी पार्टी की ज़मीन को मज़बूत करने की कोशिश में है। पहले कांग्रेस ने बिहार चुनाव में यह संकेत दिया था कि पार्टी चुनावी मैदान में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी लेकिन कुछ ही दिनों के बाद कांग्रेस ने इन संकेतों को ख़ारिज करते हुए यह ऐलान किया है कि वो बिहार विधानसभा चुनाव इंडिया महागठबंधन के तहत ही लड़ेगी। इससे यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि कांग्रेस को अब लालू और तेजस्वी की चुनावी शर्तें माननी होंगी वही इसमें कई फ़ैक्टर भी होंगे जैसे कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव।
लालू को किस बात का डर
दरअसल, बिहार में युवा नेता के तौर पर लालू अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को ही आगे रखना चाहते है। यही वजह है कि वो शुरुआत से इस बात को नहीं चाहते थे कि कांग्रेस कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को साथ में लें। लालू यादव इन दोनों नेताओं को पसंद नहीं करते है। यही वजह रही कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पप्पू यादव को हराने के लिए तेजस्वी यादव पूर्णियां में डेरा जमाए हुए थे लेकिन वो असफल रहें। इसी तरह साल 2019 की ही तरह 2024 में भी तेजस्वी यादव ने कन्हैया कुमार को बेगूसराय से चुनाव नहीं लड़ने दिया थे। लालू यादव का मानना है कि कन्हैया को ज़्यादा तवज्जों मिलेगी तो वो तेजस्वी के प्रतियोगी न बैन जाए।
बिहार आ रहे राहुल गांधी
बीयर विधानसभा चुनाव के लिए अब कम समय बचा है। ऐसे में एनडीए गठबंधन को सत्ता वापसी से रोकने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरी कोशिश कर रहे है। राहुल गांधी 7 अप्रैल को बिहार दौरे पर पटना पहुँच रहे है। इस दौरान उनकी कोशिश होगी कि वो कन्हैया कुमार और पप्पू यादव की भूमिका को लालू और तेजस्वी को राज़ी कर सके हालाँकि ये थोड़ा चुनौतिपूर्ण रहेगा। पार्टी के आलाकमान ने इस बात को स्पष्ट नहीं किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कन्हैया कुमार की भूमिका क्या रहेगी , लेकिन पप्पू यादव को लेकर यह साफ़ है कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। कन्हैया को पार्टी ने दो लोकसभा चुनाव में मौक़ा दिया लेकिन नतीजा असफल रहा। चर्चा यह भी है कि पार्टी कन्हैया की भूमिका को बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार तक सीमित रखने पर विचार कर सकती है। अगर तेजस्वी और लालू आयदव नहीं मानते है तो। वही कांग्रेस ने अभी महागठबंधन के नेता को लेकर क़यासों के लिए जगह छोड़ रखा है।
बताते चले कि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव है। ऐसे में सेक्युलर छवि वाले नीतीश कुमार के इस कदम पर विपक्ष उन्हें घेरने का प्रयास कर रहा है। ताकि इसका सीधा लाभ चुनाव में मिल सके।