Advertisement

बुलेट, सिग्नल कैप्चरिंग, बैलेस्टिक रिपोर्ट... संसद में अमित शाह ने सबूतों के साथ बताई 'ऑपरेशन महादेव' की पूरी टाइमलाइन

ऑपरेशन महादेव को लेकर अमित शाह ने पूरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 निर्दोष सैलानियों की हत्या करने वाले तीनों पाकिस्तानी आतंकी सोमवार को सेना के ऑपरेशन महादेव में मारे गए हैं. इन तीनों आतंकियों के नाम सुलेमान, जिब्रान और हमजा अफगानी थे. गौरतलब है कि पहलगाम की आतंकी घटना 22 अप्रैल को हुई थी.

संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. इस दौरान लोकसभा में ऑपरेशन महादेव की भी चर्चा हुई. ऑपरेशन महादेव को लेकर अमित शाह ने पूरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 निर्दोष सैलानियों की हत्या करने वाले तीनों पाकिस्तानी आतंकी सोमवार को सेना के ऑपरेशन महादेव में मारे गए हैं. इन तीनों आतंकियों के नाम सुलेमान, जिब्रान और हमजा अफगानी थे. गौरतलब है कि पहलगाम की आतंकी घटना 22 अप्रैल को हुई थी.

अमित शाह ने कहा कि मारे गए आतंकियों की पहचान स्थापित करने के लिए और ये तय करने के लिए कि मारे गए आतंकी ही पहलगाम की आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार थे, चार से पांच राउंड पहचान सत्यापित की गई. इसकी आखिरी पुष्टि आज सुबह 4.46 बजे हुई जब उनके पास चंडीगढ़ से वैज्ञानिकों का फोन आया. 

गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई 2025 को हुई थी. अमित शाह ने कहा कि आतंकी घटना के साथ सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी बंदोबस्त कर दी थी कि आतंकी किसी भी हालत में देश की सीमा को छोड़कर बाहर न जा पाएं.

सत्ता पक्ष की तालियां और विपक्ष का हंगामा
अमित शाह का जानकारी को सुनते वक्त सत्ता पक्ष ने तालियां बजाईं, वहीं विपक्ष हंगामा करता नजर आया. अमित शाह ने कहा कि 22 मई को इस घटना से जुड़ा ह्युमन इंटेलिजेंस IB के पास आया था. इससे दाची गांव क्षेत्र के अंदर आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली. आतंकियों का सिग्नल कैप्चर करने के लिए हमारे एजेंसियों द्वारा बनाया गए यंत्र के जरिये 22 मई से 22 जुलाई तक लगातार प्रयास किए गए. 

गृह मंत्री ने कहा कि ठंड में ऊंचाइयों पर हमारे सेना के अधिकारी और IB, CRPF के जवान घूमते रहे ताकि आतंकियों का सिग्नल कैप्चर किया जा सके. इस कोशिश में 22 जुलाई को हमें सफलता मिली. इससे आतंकियों के वहां होने की पुष्टि हो गई, इसके बाद चार पैरा के जवान, सीआरपीएफ के जवान और जम्मू-कश्मीर के पुलिस जवानों ने एक साथ आतंकियों को घेरा. 5 ह्युमन एसेट्स भेजे गए. तब सोमवार को हुए ऑपरेशन में पहलगाम पर हमला करने वाले तीनों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया. 

इसके बाद गृह मंत्री ने बताया कि सरकार और सेना की एजेंसियों ने मारे गए आतंकियों की पहचान कैसे स्थापित की. इसके लिए 4 से 5 राउंड की कोशिश की गई और हर प्रकार से संतुष्ट होने के बाद ये बताया कि ऑपरेशन में मारे गए तीनों आतंकी पहलगाम हमले के जिम्मेदार थे.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, NIA ने पहले ही इन आतंकियों को आसरा देने वालों को अपनी हिरासत में रखा था. कल चार लोगों ने ये पुष्टि की कि यही तीनों आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार हैं. मगर हमनें इस पर भी भरोसा नहीं किया, कोई जल्दबाजी नहीं की. हमने आतंकी घटनास्थल से मिले कारतूसों का FSL पहले से करा रखा था. चंडीगढ़ एफएलएल से मिली बैलेस्टिक रिपोर्ट के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार था. ये आतंकी जब कल मारे गए तो इनके पास से तीन हथियार मिले, एक एम-9 अमेरिकन राइफल औऱ 2 एके -47 राइफल. जो कारतूल मिले थे वो भी एम-9 और एके -47 राइफल के थे. मगर हम इससे भी संतुष्ट नहीं हुए." 

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि आतंकियों की पहचान स्थापित करने के लिए उनके पास बरामद तीनों राइफलों को श्रीनगर से विशेष विमान से चंडीगढ़ पहुंचाया गया. और इन राइफलों से पूरी रात फायरिंग करके इसके खोखे जेनरेट किए गए. दोनों खोखों का मिलान किया गया. यानी कि पहलगाम से मिले खोखे और यहां चंडीगढ़ में फायरिंग में निकले खोखे का मिलान किया गया. राइफल की नाली और निकले हुए खोखे का भी मिलान हो गया. तब ये तय हो गया कि इन्हीं तीन राइफलों से हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई.

गृह मंत्री ने कहा कि वे घंटे, मिनट और सेकेंड का ब्यौरा देते हुए बता रहे हैं कि ये आतंकी कैसे मारे गए. उन्होंने कहा कि आतंकियों के मारे जाने की सूचना सुनकर विपक्ष खुश होगा, लेकिन उनके चेहरे पर स्याही पड़ गई है.  

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →
अधिक →