अन्ना हजारे ने केजरीवाल पर दिया तगड़ा बयान, बताया किस वजह से आज करते है उनका विरोध
माजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी के हार के प्रमुख वजहों को बताया है।
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दिल्ली की सियासी माहौल में अब भारतीय जनता पार्टी खुलकर सांस ले रही है। पार्टी की 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी हुई है। विधानसभा चुनाव के नतीजे में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ पिछले एक दशक से दिल्ली की सत्ता में काबिल आम आदमी पार्टी को बड़े अंतर से मात दिया। इसके बाद दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता शपथ लेकर अपने सरकारी कामकाज को शुरू कर चुकी हैं। वही दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी में हार के कारणों को टटोलने के लिए तमाम बैठकों का सिलसिला जारी है। इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी के हार के प्रमुख वजहों को बताया है।
महिला मुख्यमंत्री बनाना गर्व की बात
दरअसल, अन्ना आंदोलन से ही अरविंद केजरीवाल चर्चा में आए उसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी का गठन किया। जिसे जनता ने पसंद करते हुए दिल्ली की सत्ता के कुर्सी पर बिठाया। लेकिन महज 10 साल में बहुत कुछ बदल गया। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी धीरे-धीरे राष्ट्रीय पार्टी बन गई लेकिन अब वही राष्ट्रीय पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। जिस राज्य से उसे पार्टी की नींव पड़ी इस राज्य में यह पार्टी धराशाही हो गई। इन्हीं मुद्दों पर अन्ना हजारे ने कई महत्वपूर्ण बाते बताई है। उनका कहा है कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अच्छा काम कर रहे थे। लेकिन शराब की दुकानों के चक्कर में उन्हें जनता के रोष का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की प्रशंसा भी की। महिला को मुख्यमंत्री बनाना गर्व की बात है। उनकी जीत की पीछे लोगों ने उनके शुद्ध विचारों और कार्यों ' के देखा है।
शराब ने काम किया खराब
दिल्ली चुनाव के नतीजे पर बात रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद ही आम आदमी पार्टी के जन्म हुआ था लेकिन केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में शराब नीति को लेकर के जो भी घटनाक्रम हुआ वह केजरीवाल को नुकसान पहुंचाया है। उन्हें समाज के सामने एक उदाहरण पेश करना चाहिए था लेकिन वह भटक गए। उन्होंने आगे कहा केजरीवाल अच्छा काम कर रहे थे इसी वजह से वह दिल्ली के तीन बार मुख्यमंत्री बने मैंने उनके खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा क्योंकि वह अच्छा काम कर रहे थे जनता उनके काम से खुश थे लेकिन फिर धीरे-धीरे उन्होंने शराब की दुकान खोलनी शुरू कर दी और लाइसेंस जारी करने लगे, तब मैं परेशान हो गया।
बताते चले कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की छवि एक साफ सुथरे इंसान के तौर पर है। लोकपाल बिल को लेकर हुए आंदोलन में केजरीवाल उनके साथ थे लेकिन साल 2012 में आम आदमी पार्टी के गठन के बाद दोनों अलग हो गए। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे पर अगर नजर डाले तो दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी 48 और आम आदमी पार्टी मार्च 22 सीट पर चुनाव जीतने में कामयाब रही जबकि कांग्रेस शून्य पर सिमट गई।
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