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अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ: LG मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को दिखाई हरी झंडी, गूंजे हर-हर महादेव के नारे

बाबा बर्फानी के भक्तों के इंतज़ार का अंत हुआ बुधवार अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार सुबह 5 बजे जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया. यात्रा 9 अगस्त (सावन पूर्णिमा) तक कुल 38 दिनों तक चलेगी.

02 Jul, 2025
( Updated: 02 Jul, 2025
06:20 PM )
अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ: LG मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को दिखाई हरी झंडी, गूंजे हर-हर महादेव के नारे

बाबा बर्फानी के भक्तों के साल भर के इंतज़ार का अंत हुआ और बुधवार तड़के अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई. जम्मू के भगवती नगर स्थित श्री अमरनाथ यात्री निवास बेस कैंप से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुबह 5 बजे श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस साल 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त दिन शनिवार को सावन पूर्णिमा तक चलेगी. अमरनाथ यात्रा पूरे 38 दिनों तक चलेगी.

अमरनाथ की यात्रा करने वाला पहला जत्था श्रीनगर के बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना हुआ है. यात्रा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, ड्रोन से निगरानी की जा रही है, और हाईवे पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है. इस बार की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है. जत्थे में शामिल कई भक्तों ने कहा कि उनकी आस्था आतंक के हर मंसूबे पर भारी पड़ेगी. एक श्रद्धालु ने कहा कि हम निडर होकर बाबा बर्फानी के दर्शन को निकले हैं. यह यात्रा आतंक के खिलाफ एक मजबूत जवाब है. श्रद्धालुओं के जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया, "आज 4500 से ज्यादा बाबा बर्फानी के भक्तों को रवाना किया गया है. जम्मू कश्मीर के प्रशासन और अमरनाथ साइन बोर्ड ने अच्छे इंतज़ाम किए है. श्रद्धालुओं का जो उत्साह दिख रहा है, उसने जम्मू शहर में एक बार फिर से मेले जैसा माहौल बना दिया है."

3 जुलाई को होंगे बाबा बर्फानी के पहले दर्शन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद यात्रा मार्गों पर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं, लेकिन भक्तों की आस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. इस बार यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 3 लाख 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, जबकि 4 हजार से ज्यादा लोगों ने काउंटर से यात्रा के टोकन प्राप्त किए हैं. श्रद्धालु श्रीनगर स्थित विभिन्न ट्रांजिट कैंपों में जुटने लगे हैं, जहां से वे आगे बालटाल और पहलगाम रूट से बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा की ओर रवाना होंगे. पहला जत्था 3 जुलाई की शाम तक लगभग 14,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन करेगा. यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है. ट्रांजिट कैंपों में मौजूद कई भक्तों ने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य यही है, "जितनी जल्दी हो सके, बाबा बर्फानी के दर्शन हो जाएं."

सुरक्षा के अभेद्य घेरे में बाबा बर्फानी की यात्रा
पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं. यात्रा मार्गों पर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालु निश्चिंत होकर बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकें. इस बार सुरक्षा में लगी पैरा मिलिट्री फोर्स की कंपनियों की संख्या बढ़ा दी गई है. पिछले साल जहां 514 कंपनियां तैनात थीं, वहीं इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 581 कंपनियों तक पहुंच गया है. इनमें सीआरपीएफ की 221 कंपनियों के साथ-साथ अन्य केंद्रीय बलों की 360 कंपनियां भी शामिल हैं. जम्मू से लेकर बालटाल और पहलगाम तक के यात्रा मार्गों की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंपा गया है. वहीं गुफा परिसर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी आईटीबीपी (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) के पास है. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसएसबी, और सेना के विशेष दस्ते भी यात्रा मार्गों और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं.

अब तक सवा तीन लाख श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए अब तक लगभग सवा तीन लाख (3.25 लाख) श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। यात्रियों में आस्था और जोश का अद्भुत मेल देखने को मिल रहा है. हर ओर “बोल बम” और “हर हर महादेव” के जयकारे गूंज रहे हैं. इस बार प्रशासन ने प्रतिदिन 15,000 श्रद्धालुओं को बालटाल और पहलगाम रूट से यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी है. इससे यात्रा का संचालन ज्यादा सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प मौजूद हैं. जो श्रद्धालु अग्रिम पंजीकरण नहीं कर पाए हैं, वे ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. यात्रियों के लिए जम्मू, श्रीनगर, पहलगाम और बालटाल में रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाए गए हैं.

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