जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अलर्ट: आतंक के खिलाफ भारत का ऑपरेशन सिंदूर, स्कूल-कॉलेज बंद
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 9 और 10 मई को राज्य के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है. इसके अलावा पंजाब में भी सीमावर्ती जिलों में अगले तीन दिनों के लिए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।

बीते कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में जिस तरह से हालात बदल रहे हैं, उसने पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद एक बार फिर अपने भयानक रूप में सामने आया है. पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. जवाब में भारत सरकार ने जो कदम उठाया है, वह न सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी है कि भारत अब और सहन नहीं करेगा. इसी कड़ी में भारत ने ऑपरेशन "सिंदूर" की शुरुआत की. यह एक ऐसा जवाब है जिसने सीमा पार बैठे दुश्मनों को सोचने पर मजबूर कर दिया.
जम्मू-कश्मीर और पंजाब में स्कूल-कॉलेज बंद
जम्मू-कश्मीर और पंजाब के हालात को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 9 और 10 मई को राज्य के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। राज्य की शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस निर्णय के पीछे यही सोच है कि किसी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके। पंजाब में भी सीमावर्ती जिलों में अगले तीन दिनों के लिए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने प्रेस को बताया कि फिरोजपुर, पठानकोट, गुरदासपुर जैसे बॉर्डर जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस और प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीमाओं पर सात IAS अफसरों की तैनाती
हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सात वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की विशेष तैनाती की गई है। इन अधिकारियों को मेंटर की भूमिका दी गई है ताकि स्थानीय जिला प्रशासन को हर कदम पर सलाह और समर्थन मिल सके। जम्मू, पुंछ, कठुआ, सांबा, कुपवाड़ा, बारामुला, राजौरी और बांदीपोरा जैसे जिलों में इनकी नियुक्ति की गई है।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और जो भी देश की शांति में विघ्न डालेगा, उसे कड़ा जवाब दिया जाएगा।
गुरुद्वारे पर हमला और मासूमों की मौत
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे दर्दनाक क्षण वह था जब पुंछ में पाकिस्तान की तरफ से दागे गए रॉकेट ने एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया। इस हमले में चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल था। जम्मू-कश्मीर में हुई फायरिंग में अब तक कुल 13 लोगों की जान जा चुकी है। यह भारत के लिए सिर्फ सैन्य चुनौती नहीं, बल्कि एक भावनात्मक आघात भी है जिसमें निर्दोष नागरिकों की बलि चढ़ रही है।
आपको बता दें कि 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई। भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा के पास सीमावर्ती पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चपैड्स को चिन्हित कर उन पर माइक-29 और राफेल विमानों से निशाना साधा। सेना के विशेष बलों ने ज़मीन पर नियंत्रण रेखा के समीप घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों को नेस्तनाबूद कर दिया। जवाबी कार्रवाई इतनी सटीक और प्रभावशाली थी कि पाकिस्तान की ओर से दागी गई मिसाइलें भी भारत के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 'सुदर्शन' ने हवा में ही नष्ट कर दीं।
यह पहली बार नहीं है कि भारत ने जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन इस बार ऑपरेशन सिंदूर का स्वरूप और क्रियान्वयन इतना चुस्त और ठोस था कि दुश्मन बौखला उठा। पाकिस्तान की सेना ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति की दुहाई देना शुरू कर दी, जबकि भारत ने साफ कहा "हम शांति चाहते हैं, लेकिन अगर कोई बारूद की भाषा बोलेगा, तो जवाब लहू की धार से मिलेगा।"