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अग्निवीरों को मिलेगा बड़ा तोहफा...75 फीसदी जवानों की नौकरी होगी पक्की! जानें भारतीय सेना का प्लान

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मई में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहली बार आर्मी कमांडर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है. इस कॉन्फ्रेंस में सेना की टॉप लीडरशिप सहित कई अन्य मसलों पर चर्चा हो सकती है. बता दें कि सेना के पास रिटायर सैनिकों का एक बड़ा पूल है.

देश में अग्निवीर स्कीम के लिए बड़ी खबर सामने आई है. 4 साल के कार्यकाल के बाद 25 फीसदी जवानों को नौकरी में बनाए रखने के प्रावधान में बड़ा इजाफा हो सकता है. बताया जा रहा है कि इसे 25 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी तक किया जा सकता है. इसको लेकर जैसलमेर में आयोजित होने वाली कमांडर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा फैसला लिया जा सकता है. 

अग्निवीरों के पहले बैच के 4 साल पूरे

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले साल अग्निवीरों के पहले बैच की अवधि पूरी हो रही है. ऐसे में 25 फीसदी अग्निवीरों को स्कीम के तहत बरकरार रखने का प्रावधान है, लेकिन 25 की जगह 75 फीसदी लोगों को बरकरार रखा जा सकता है. 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद आर्मी कमांडर्स की पहली कॉन्फ्रेंस 

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मई में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहली बार आज यानी गुरुवार को आर्मी कमांडर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है. इस कॉन्फ्रेंस में सेना की टॉप लीडरशिप सहित कई अन्य मसलों पर चर्चा हो सकती है.

सेना के पास रिटायर सैनिकों का बड़ा पूल 

आर्मी कमांडर्स के इस बैठक में एक अन्य विषय पर फैसला हो सकता है. बता दें कि सेना के पास रिटायर सैनिकों का एक बड़ा पूल है. ऐसे में इनकी सेवाओं का आगे कैसे प्रयोग किया जाएगा. इस पर भी विचार हो सकता है.

रिटायरमेंट के बाद इन जगहों पर लगाए गए अग्निवीर 

वर्तमान में रिटायर्ड अग्निवीरों को आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी, एक्स सर्विसमेन कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम में लगाया है, लेकिन अब आने वाले समय में इन लोगों की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है. मौजूदा सैनिकों के कल्याण के लिए भी कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. इनमें सबसे अहम मसला होगा कि कैसे तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बने और जॉइंट कमांड में काम हो सके. 

बीते महीने भी कंबाइंड कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ था 

इससे पहले कोलकाता में बीते महीने 'कंबाइंड कमांडर्स' कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी भी पहुंचे थे. उस मीटिंग में सरकार की ओर से ऐलान हुआ था कि 3 जॉइंट मिलिट्री स्टेशन बनेंगे. इसके अलावा कई अन्य फैसलों में यह भी चर्चा हुई थी कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की शैक्षणिक शाखाओं का विलय किया जाएगा. इसमें चर्चा हुई थी कि यदि कोई हमला होता है या कोई ऑपरेशन करना है, तो भारतीय बल कितनी देर में तैयार हो सकते हैं. इसके साथ हथियारों या विमानों की रिपेयर में कितना टाइम लग सकता है. इन सभी मसलों पर आज होने वाली बैठक में चर्चा हो सकती है. 

क्या है अग्निवीर योजना?

भारत की तीनों सेनाओं में युवाओं के अंदर जोश भरने के उद्देश्य से 14 जून, 2022 को केंद्र सरकार ने एक नई सैन्य भर्ती योजना को शुरू किया था. इस योजना का नाम अग्निपथ है. इसमें भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को शुरू किया गया. इस योजना की खास बात है कि इसमें भर्ती सिर्फ 4 साल के लिए होती है और उसके बाद अग्निवीर अपनी मर्जी से करियर चुन सकते हैं. इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है. स्कीम के तहत युवाओं को 4 साल के लिए काम करने का मौका मिलेगा. इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया गया है.

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