दिग्गज एड गुरु पीयूष पांडे का निधन, 'अबकी बार मोदी सरकार'...'मिले सुर मेरा तुम्हारा' जैसे विज्ञापनों से घर-घर बनाई पहचान
दिग्गज एड गुरु पीयूष पांडे के निधन ने सभी को हैरान कर दिया है. ‘अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा लिखने वाले पीयूष पांडे के निधन से पीएम मोदी को भी गहरा सदमा है.
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भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और ओगिल्वी इंडिया के क्रिएटिव लीडर पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे. 70 साल की उम्र में गुरुवार को उनका निधन हो गया. पांडे को सिर्फ एक विज्ञापन विशेषज्ञ के रूप में ही नहीं बल्कि ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता था, जिन्होंने भारतीय विज्ञापन को उसकी अपनी भाषा और आत्मा दी.
पीयूष पांडे के निधन से टूटे पीएम मोदी
पीयूष पांडे के निधन पर एड जगत से लेकर बॉलीवुड हस्तियां, बिज़नेस मेन से लेकर राजनीति से जुड़े लोग भी शोक व्यक्त कर रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिग्गज एड गुरु के निधन पर दुख जताते हुए लिखा, “श्री पीयूष पांडे जी अपनी रचनात्मकता के लिए प्रशंसित थे. उन्होंने विज्ञापन और संचार जगत में अभूतपूर्व योगदान दिया. मैं वर्षों तक हमारे बीच हुई बातचीत को हमेशा संजो कर रखूँगा. उनके निधन से दुखी हूँ. मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ॐ शांति.”
बिजनेस मेन सोहेल सेठ ने जताया दुख
बिजनेस मेन सोहेल सेठ ने पीयूष पांडे के निधन पर शोक जताते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, "मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे जीनियस के खोने से मैं बहुत ज़्यादा दुखी और टूट गया हूं. भारत ने सिर्फ़ एक महान एडवरटाइजिंग माइंड ही नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और एक बहुत अच्छे इंसान को खो दिया है. अब स्वर्ग में 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' पर डांस होगा.”
हंसल मेहता ने जताया दुख
फ़िल्ममेकर हंसल मेहता ने दुख जताते हुए लिखा, "फेविकोल का जोड़ टूट गया. आज एड वर्ल्ड ने अपना ग्लू खो दिया. पियूष पांडे, आप अच्छे से जाएं.”
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल क्या बोले?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा, "पद्म श्री पीयूष पांडे के निधन पर अपनी उदासी ज़ाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. एडवरटाइजिंग की दुनिया में एक महान हस्ती, उनकी क्रिएटिव जीनियस ने कहानी कहने के तरीके को फिर से परिभाषित किया और हमें यादगार और हमेशा याद रहने वाली कहानियां दीं."
उन्होंने आगे कहा, “मेरे लिए, वह एक ऐसे दोस्त थे, जिनकी चमक उनकी सच्चाई, गर्मजोशी और हाज़िरजवाबी में दिखती थी. मैं हमेशा उनके साथ हुई अपनी दिलचस्प बातचीत को याद रखूंगा. वह अपने पीछे एक गहरा खालीपन छोड़ गए हैं, जिसे भरना मुश्किल होगा. उनके परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.”
प्रणव अदाणी ने क्या कहा?
अदाणी ग्रुप में एग्रो और ऑयल एंड गैस के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अदाणी ने पीयूष पांडे के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, ''मेरे प्रिय मित्र पीयूष पांडे के निधन से स्तब्ध हूं, वह रचनात्मक प्रतिभा जिन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में आकार दिया. उनके विचार उद्योग के मानक बने. उन्होंने कई पीढ़ियों के कहानीकारों को प्रेरित किया. उनकी गर्मजोशी और बुद्धिमता की बहुत कमी खलेगी. ओम शांति.’’
कब और कहां हुआ था पीयूष पांडे का जन्म
पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर में हुआ था. उनके परिवार में नौ बच्चे थे, जिनमें सात बहनें और दो भाई शामिल थे. उनके भाई प्रसून पांडे फिल्म निर्देशक हैं, जबकि बहन ईला अरुण गायिका और अभिनेत्री थीं. उनके पिता राजस्थान राज्य सहकारी बैंक में कार्यरत थे. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और 1982 में विज्ञापन जगत में कदम रखा और ओगिल्वी इंडिया में क्लाइंट सर्विसिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में शामिल हुए.
‘ओगिल्वी इंडिया’ ने नंबर 1 एजेंसी का दर्जा हासिल किया था
उनका पहला प्रिंट विज्ञापन सनलाइट डिटर्जेंट के लिए लिखा गया. छह साल बाद वे क्रिएटिव विभाग में आए और लूना मोपेड, फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स जैसे ब्रांड्स के लिए कई प्रसिद्ध विज्ञापन बनाए. इसके बाद उन्हें क्रिएटिव डायरेक्टर और फिर राष्ट्रीय क्रिएटिव डायरेक्टर बनाया गया. 1994 में उन्हें ओगिल्वी इंडिया के निदेशक मंडल में भी स्थान मिला. उनके नेतृत्व में ओगिल्वी इंडिया ने लगातार 12 वर्षों तक भारत की नंबर 1 एजेंसी का दर्जा हासिल किया.
कई दमदार एड बनाए
पीयूष पांडे द्वारा बनाए गए विज्ञापन आज भी लोगों की यादों में बसे हुए हैं. उन्होंने एशियन पेंट्स के लिए 'हर खुशी में रंग लाए,' कैडबरी के लिए 'कुछ खास है,' फेविकोल के लिए आइकॉनिक 'एग' विज्ञापन और हच के पग वाले विज्ञापन जैसी रचनाएं तैयार कीं.
2014 में BJP के लिए चुनावी नारा दिया
इसके अलावा, उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी नारा 'अबकी बार, मोदी सरकार' दिया. उनका योगदान केवल व्यावसायिक विज्ञापन तक सीमित नहीं था. उन्होंने राष्ट्रीय एकता गीत 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' लिखा और कई सामाजिक अभियान जैसे पोलियो जागरूकता और धूम्रपान विरोधी अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभाई.
कई पुरस्कारों से किए गए सम्मानित
पांडे को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें 2016 में पद्म श्री से नवाजा गया और 2024 में एलआईए लीजेंड अवार्ड दिया गया. इसके अलावा, उन्हें क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, मीडिया एशिया अवार्ड्स और कान्स लायंस में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं. उनके नेतृत्व में ओगिल्वी इंडिया को वैश्विक स्तर पर सबसे रचनात्मक कार्यालयों में से एक माना गया. उनकी रचनात्मकता, सहजता और भारतीय विज्ञापन को दी गई दिशा उन्हें हमेशा यादगार बनाएगी.
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