Advertisement

Maha Kumbh समाप्त होते ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर क्या बोले CM Yogi ?

Prayagraj: Maha Kumbh के दौरान मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद सीएम योगी का इस्तीफा मांगने वाले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को अब महाकुंभ की समाप्ति पर सीएम योगी ने दिया जवाब !

02 Mar, 2025
( Updated: 02 Mar, 2025
10:32 AM )
Maha Kumbh समाप्त होते ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर क्या बोले CM Yogi ?

तीर्थराज प्रयागराज के संगम तट पर 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन हो गया। इन 45 दिनों में देश ही नहीं… दुनिया के कोने-कोने से आए 66 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई और इसी के साथ महाकुंभ समाप्त भी हो गया। लेकिन इस दौरान 29 जनवरी का वो हादसा भला कौन भूल सकता है जिसने तीस लोगों की जान ले ली और इसी हादसे की वजह से विपक्ष के साथ-साथ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी सीएम योगी पर भड़क गये और उनसे इस्तीफा मांगने लगे। लेकिन इसके बावजूद सीएम योगी ने उनके खिलाफ कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि सीएम योगी जानते हैं कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती उनके आलोचक के साथ-साथ शंकराचार्य भी हैं जिन्हें सनातन धर्म में भगवान का दर्जा दिया जाता है। यही वजह है कि महाकुंभ के समापन के बाद सीएम योगी जब तमाम साधु संतों और शंकराचार्यों का नाम ले रहे थे तो इस दौरान ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को भी याद करना नहीं भूले।

सीएम योगी जब महाकुंभ में साधु संतों के साथ ही शंकराचार्यों की मौजूदगी का जिक्र कर रहे थे तो इस दौरान उन्होंने ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का नाम भले ही ना लिया हो लेकिन उन्हें पूज्य स्वामी जी कह कर जरूर संबोधित किया क्योंकि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भले ही सीएम योगी की आलोचना करते रहे हों लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सीएम योगी भी पलट कर उन्हें जवाब दें। वो ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि बाकी शंकराचार्यों की तरह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का दर्जा भी सनातन धर्म में भगवान का है। यही वजह है कि कई मौके पर खुद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मोदी योगी की तारीफ भी करते नजर आए हैं। यहां तक कि मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के शादी समारोह में उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप पीएम मोदी को अपनी माला दे दी थी। इसी बात से समझ सकते हैं कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती वैचारिक रूप से भले ही मोदी और योगी सरकार की आलोचना करते रहे हों लेकिन व्यक्तिगत रूप से वो सीएम योगी और पीएम मोदी के विरोधी नहीं हैं।

रह गई बात आलोचना की तो वैसे भी कहा जाता है कि हर किसी की जिंदगी में आलोचक जरूर होना चाहिए क्योंकि आलोचक ही कमियां गिनाता है। समर्थक तो हर बात पर सिर्फ तारीफ करता है। इसीलिये कबीर दास ने कहा है कि निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना निर्मल करे सुभाय। यानि जो व्यक्ति आपकी निंदा करता है, जो व्यक्ति हर समय आपके भीतर कमियां तलाशता है उसे हमेशा अपने पास रखना चाहिए क्योंकि एक वही है जो बिना साबुन या बिना पानी के आपके स्वभाव को निर्मल बना सकता है, आपके भीतर की हर कमी को दूर कर सकता है। शायद यही वजह है कि लाख आलोचना करने के बावजूद पीएम मोदी और सीएम योगी शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का सम्मान करते हैं और सीएम योगी ने तो महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए उनका आभार भी जताया।




LIVE
Advertisement
Tablet से बड़ा होता है साइज, Oral S@X, Size लड़कियों के लिए मैटर करता है? हर जवाब जानिए |Dr. Ajayita
Advertisement
Advertisement