बच्चों को ज़्यादा मीठा खिलाना पड़ सकता है भारी! आगे चलकर हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां
बच्चों में मीठे के प्रति प्राकृतिक झुकाव होता है. उनके taste buds मीठे के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. साथ ही, आज के समय में चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे सोडा, कैंडी, फ्रूट जूस) इतनी आसानी से उपलब्ध हैं कि बच्चों को इनसे दूर रखना मुश्किल हो जाता है. कई बार माता-पिता भी अनजाने में या जानकारी के अभाव में बच्चों को ज़्यादा चीनी वाले प्रोडक्ट्स खिला देते हैं.

हर बच्चा मीठे का शौकीन होता है. टॉफियाँ, चॉकलेट्स, बिस्किट, केक और रंग-बिरंगी कोल्ड ड्रिंक्स बच्चों की पसंदीदा चीज़ें होती हैं. माता-पिता भी अक्सर उन्हें खुश करने के लिए या बहलाने-फुसलाने के लिए मीठा खिला देते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि अपने बच्चों को ज़रूरत से ज़्यादा मीठा खिलाना कितना खतरनाक हो सकता है? यह आदत छोटी उम्र में तो ठीक लग सकती है, लेकिन आगे चलकर ये बच्चों को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बना सकती है.
क्यों मीठा बच्चों को इतना पसंद आता है?
बच्चों में मीठे के प्रति प्राकृतिक झुकाव होता है. उनके taste buds मीठे के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. साथ ही, आज के समय में चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे सोडा, कैंडी, फ्रूट जूस) इतनी आसानी से उपलब्ध हैं कि बच्चों को इनसे दूर रखना मुश्किल हो जाता है. कई बार माता-पिता भी अनजाने में या जानकारी के अभाव में बच्चों को ज़्यादा चीनी वाले प्रोडक्ट्स खिला देते हैं.
ज़रूरत से ज़्यादा मीठा खिलाने के गंभीर दुष्परिणाम
बच्चों की डाइट में अत्यधिक चीनी का सेवन उन्हें भविष्य में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की ओर धकेल सकता है.
वज़न बढ़ना और मोटापा
चीनी में कैलोरी बहुत अधिक होती है और इसमें पोषक तत्व कम होते हैं. जब बच्चे ज़रूरत से ज़्यादा मीठा खाते हैं, तो वे अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करते हैं, जिससे उनका वज़न तेज़ी से बढ़ता है और वे मोटापे का शिकार हो सकते हैं. बचपन का मोटापा आगे चलकर वयस्कों में होने वाली कई बीमारियों, जैसे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह का कारण बन सकता है.
दांतों की सड़न और कैविटी
चीनी मुंह में मौजूद बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम करती है. ये बैक्टीरिया चीनी को एसिड में बदलते हैं, जो दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे बच्चों में दांतों की सड़न (कैविटी), मसूड़ों की बीमारियां और दर्द जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं.
एनर्जी स्पाइक और व्यवहार संबंधी समस्याएं
चीनी का तेज़ सेवन Blood शुगर के स्तर को अचानक बढ़ा देता है और फिर तेज़ी से नीचे गिराता है, जिसे 'शुगर क्रैश' कहते हैं. इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, बेचैनी और मूड स्विंग्स हो सकते हैं, जिससे उनका व्यवहार प्रभावित होता है.
इम्यून सिस्टम पर बुरा असर
बहुत ज्यादा चीनी का सेवन करने से इम्युनिटी पर भी बुरा असर पड़ सकता है. इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने पर बच्चों को जल्दी-जल्दी इंफेक्शन हो सकता है.
बच्चों को ज़रूरत से ज़्यादा मीठा खिलाना उनकी सेहत पर एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे न केवल बचपन में बल्कि बड़े होने के बाद भी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसीलिए सही चुनाव करके और अच्छी आदतें डालकर, आप अपने बच्चे को एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन दे सकते हैं.