आँखों की कमज़ोर होती रोशनी से हैं परेशान? ये टिप्स आपके लिए साबित होंगे वरदान
आज के समय में काफी छोटी उम्र से ही बच्चों को चश्मा लग जा रहा है. कम लोग ही जानते हैं कि प्राकृतिक रोशनी और शारीरिक गतिविधियां आंखों के लिए फायदेमंद हैं. बच्चों को खेलकूद और बाहरी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें. अगर आप घर पर हैं, तो हर आधे घंटे में खिड़की से दूर तक देखें, ताकि आंखों को आराम मिले.

आजकल हमारी ज़िंदगी डिजिटल स्क्रीन से घिरी हुई है. सुबह उठते ही मोबाइल, फिर लैपटॉप पर काम, और रात में टीवी या टैबलेट... हमारी आँखें लगातार तनाव में रहती हैं. प्रदूषण, धूल और अनुचित आहार भी आँखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं. ऐसे में, आँखों की देखभाल करना पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गया है. अच्छी बात यह है कि कुछ आसान टिप्स और आदतों को अपनाकर आप न केवल अपनी आँखों को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि अपनी रोशनी भी बढ़ा सकते हैं.
आँखों की सेहत के लिए फायदेमंद टिप्स
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया है. इसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मूगदर रानाडे आंखों से संबंधित उन टिप्स का उल्लेख करती नजर आईं, जो बेहद जरूरी हैं.
उन्होंने बताया, “स्वस्थ शरीर हो तभी आंखें भी स्वस्थ रह सकती हैं. इसके लिए अपनी डाइट में कई रंगों के फल, सब्जियां और अनाज शामिल करें. ये रंग रेटिना को पोषण देते हैं, जो आंखों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. गाजर, आम, शकरकंद और हरी सब्जियां जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो आंखों की रोशनी के लिए अच्छा है.”
आज के समय में काफी छोटी उम्र से ही बच्चों को चश्मा लग जा रहा है. कम लोग ही जानते हैं कि प्राकृतिक रोशनी और शारीरिक गतिविधियां आंखों के लिए फायदेमंद हैं.
उन्होंने बताया, “बच्चों को खेलकूद और बाहरी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें. अगर आप घर पर हैं, तो हर आधे घंटे में खिड़की से दूर तक देखें, ताकि आंखों को आराम मिले. इसके साथ ही अगर आपको चश्मा पहनने की सलाह दी गई है, तो इसे नियमित रूप से पहनें. चश्मे को साफ रखने के लिए लिक्विड साबुन या थोड़े से साबुन का इस्तेमाल करें. इससे लेंस साफ और दृष्टि स्पष्ट रहेगी.”
भले ही आपको कोई समस्या न लग रही हो, फिर भी साल में एक बार नेत्र विशेषज्ञ (Ophthalmologist) से आँखों की नियमित जाँच करवाना ज़रूरी है. शुरुआती पहचान से कई गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है.