RSS कार्यक्रम में नहीं पहुंच सकीं आशा भोसले, लिखा भावुक पत्र
5 जून 2025 को नागपुर में RSS के 'कार्यकर्ता विकास वर्ग' समापन समारोह में आशा भोसले तबीयत खराब होने के कारण शामिल नहीं हो सकीं, भेजा भावुक पत्र

कुछ बातें होती हैं जो दिल को छू जाती हैं. कुछ मुलाकातें हो पाती हैं तो कुछ नहीं, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे मन में ताजा रहती हैं. ऐसा ही एक मौका 5 जून 2025 को नागपुर के रेशीमबाग में आया, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ का समापन समारोह हुआ. इस खास मौके पर देश की मशहूर और सभी की प्रिय गायिका आशा भोसले जी का नाम भी जुड़ा था, लेकिन वो तबीयत खराब होने की वजह से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाईं.
कार्यक्रम का परिचय
‘कार्यकर्ता विकास वर्ग’ संघ का एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम होता है, जिसमें देश भर से आए युवा स्वयंसेवक 25 दिनों तक संघ की सेवा भावना, अनुशासन और राष्ट्र भक्ति के संस्कार सीखते हैं.इस बार इसका समापन नागपुर के रेशीमबाग परिसर में हुआ.
इस अवसर पर संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ जनजातीय नेता अरविंद नेताम जी मौजूद थे, जिनकी बातों ने सभी को देशभक्ति की और प्रेरित किया.
आशा भोसले जी की गैर-मौजूदगी और उनका पत्र
आशा ताई भोसले जी को इस समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. डॉ. भागवत जी ने खुद उनके घर जाकर उन्हें बुलाया था. आशा ताई भी इस कार्यक्रम में आने के लिए उत्सुक थीं क्योंकि वो संघ के कार्यकर्ताओं से मिलना और उनके काम को करीब से देखना चाहती थीं.
लेकिन दुर्भाग्यवश, अमेरिका से लौटने के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी. इसलिए वो इस समारोह में शामिल नहीं हो सकीं.
इसकी जानकारी उन्होंने डॉ. भागवत जी को एक पत्र के जरिए दी.उस पत्र में उन्होंने अपनी अस्वस्थता के कारण समारोह में न आ पाने का दुःख व्यक्त किया और साथ ही संघ के कार्यकर्ताओं और उनके कार्य की जमकर प्रशंसा की.
उन्होंने लिखा, “आपका धन्यवाद कि आपने मुझे व्यक्तिगत रूप से और फिर औपचारिक रूप से ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग’ के समापन समारोह में आमंत्रित किया. मैं संघ मुख्यालय जाकर उन कार्यकर्ताओं से मिलना चाहती थी जो देश सेवा के लिए खुद को समर्पित कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से मैं इस बार नहीं आ सकी.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने हमेशा संघ के काम की सराहना की है. संघ के स्वयंसेवक हमारे देश के उज्जवल भविष्य की उम्मीद हैं. मैं अपने स्तर पर संघ के काम को पूरी मदद देना चाहती हूं.”
“मेरी एक दिली इच्छा है कि मैं जब स्वस्थ हो जाऊं, तब आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलूं. मुझे उम्मीद है कि वह दिन जल्द आएगा.”
डॉ. भागवत जी की प्रतिक्रिया
डॉ. मोहन भागवत जी ने आशा ताई के पत्र को बहुत ही स्नेह और आदर के साथ स्वीकार किया. उन्होंने उनकी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और कहा कि वो आशा करते हैं कि जल्दी ही उनसे मिलेंगे.
इस तरह नागपुर का ये दिन सिर्फ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन नहीं था, बल्कि देश सेवा की भावना और समर्पण का उत्सव था. आशा ताई भले ही इस बार हम सबके बीच नहीं थीं, लेकिन उनका प्यार, सम्मान और आशीर्वाद हर दिल में महसूस किया गया.