60 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप: शिल्पा शेट्टी–राज कुंद्रा बोले-आरोप बेबुनियाद, कोर्ट पर भरोसा
शिल्पा शेट्टी ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक लंबा नोट साझा किया, जिसमें उन्होंने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया. शिल्पा ने लिखा, ''हम फैलाए जा रहे बेबुनियाद और झूठे आरोपों से साफ इनकार करते हैं. जिन मुद्दों को अपराध जैसा दिखाया जा रहा है.
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बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा और उनके पति राज कुंद्रा के खिलाफ हाल ही में 60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और ठगी का आरोप लगा. बड़ी रकम के निवेश, मशहूर हस्तियों की छवि और उनके व्यवसायिक जुड़ाव वाला ये मामला सुर्खियों में है.
क्या है पूरा मामला?
मुंबई के बिजनेसमैन दीपक कोठारी ने आरोप लगाते हुए मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई.
ईओडब्ल्यू की जांच और धारा 420
इस मामले ने मीडिया और सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा दी है. जांच के दौरान ईओडब्ल्यू के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं जो धोखाधड़ी की ओर इशारा करते हैं, इसलिए इस मामले में धारा 420 भी जोड़ी गई है. इस कड़ी में अब शिल्पा शेट्टी ने प्रतिक्रिया दी है और सभी आरोपों को निराधार बताया है.
क्या बोली शिल्पा शेट्टी?
शिल्पा शेट्टी ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक लंबा नोट साझा किया, जिसमें उन्होंने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया. शिल्पा ने लिखा, ''हम फैलाए जा रहे बेबुनियाद और झूठे आरोपों से साफ इनकार करते हैं. जिन मुद्दों को अपराध जैसा दिखाया जा रहा है, उनका कोई कानूनी आधार नहीं है.''
उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट में क्वाशिंग पिटीशन दायर की गई है और उसका निर्णय अभी लंबित है. हमने जांच में पूरी तरह सहयोग किया है और हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.
शिल्पा शेट्टी ने मीडिया से खास अपील
इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट में मीडिया से भी विनती की कि मामले पर जल्दबाजी में कोई रिपोर्टिंग न करें क्योंकि यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है.
मामले की शुरुआत दीपक कोठारी की शिकायत से हुई, जिसमें उन्होंने बताया कि 2015 से 2023 के बीच उन्होंने बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में लगभग 60 करोड़ रुपए निवेश किए. यह कंपनी शिल्पा और राज कुंद्रा से जुड़ी हुई थी.
शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्हें निवेश के बदले लाभ और पैसे के रिटर्न का भरोसा दिया गया था, लेकिन बार-बार मांगने के बावजूद उनके पैसे वापस नहीं किए गए.
हालांकि, शिल्पा और राज कुंद्रा ने पहले ही प्रेस में स्पष्ट कर दिया है कि उनके इरादे कभी अपराधपूर्ण नहीं थे. उनका कहना है कि यह विवाद केवल व्यापार में हुई विफलता और कंपनी के दिवालियापन से जुड़ा है.
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