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फाइटर जेट, ड्रोन, हेलीकॉप्टर को गिराने में सक्षम...PM मोदी के 'सुदर्शन चक्र मिशन' की दिशा में बड़ी छलांग, भारत ने किया एयर डिफेंस प्रणाली का परीक्षण

भारत ने इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस हथियार प्रणाली (आईएडब्ल्यूएस) का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण भारत के एयर डिफेंस सिस्टम व क्षमता को एक नए युग में ले जाने वाला साबित हुआ है.

Image: IADWS / Rajnath Singh (X)

भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस हथियार प्रणाली (IADWS) का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण भारत के एयर डिफेंस सिस्टम व क्षमता को एक नए युग में ले जाने वाला साबित हुआ है.  

विशेषज्ञों के मुताबिक यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करती है जिनके पास आधुनिक, स्वदेशी और बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली मौजूद है. IAWS एक बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें पूरी तरह स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइलें तथा एक उच्च शक्ति वाला लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार शामिल है.

IADWS के सफल विकास के लिए बधाई- राजनाथ सिंह 

इस महत्वपूर्ण परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को IAWS के सफल विकास के लिए बधाई देता हूँ. यह अनूठा उड़ान परीक्षण हमारे देश की बहु-स्तरीय एयर डिफेंस क्षमता को स्थापित करता है. यह महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा को मजबूती देगा व देश को शत्रु के हवाई खतरों के प्रति और अधिक सशक्त बनाएगा.”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार सुबह जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 23 अगस्त को दोपहर लगभग 12 बजकर 30 मिनट पर ओडिशा तट से इस एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली का सफल पहला उड़ान परीक्षण किया है. इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत ने मिलकर देश की सुरक्षा क्षमता को नई मजबूती प्रदान की है.

क्या कुछ खास है IADWS में?

गौरतलब है कि स्वदेशी तकनीक पर आधारित यह परीक्षण DRDO ने किया है. दरअसल IAWS एक बहु-स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है. इसमें क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल शामिल हैं. यह मिसाइल दुश्मन के लड़ाकू विमानों और मिसाइलों को मध्यम दूरी पर निशाना बनाने में सक्षम है. इसके अलावा इसमें लगा एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम कम ऊँचाई पर आने वाले हवाई खतरों जैसे ड्रोन, हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट्स को तुरंत निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है.

यानी भारत के इस एयर डिफेंस सिस्टम से दुश्मन के लड़ाकू विमानों, किसी भी प्रकार के ड्रोन हमले, हेलीकॉप्टर से किए जाने वाले हमले और अन्य किसी भी प्रकार के हवाई हमले को न केवल निष्क्रिय किया जा सकता है, बल्कि दुश्मन के इन हथियारों को हवा में ही मार गिराया जाएगा. इसके हथियार निर्देशित ऊर्जा हथियार से लैस हैं. उच्च शक्ति वाला लेजर आधारित यह हथियार आधुनिक युद्ध की दिशा बदलने में सक्षम है और शत्रु के हवाई लक्ष्यों को पलक झपकते ही नष्ट कर सकता है.

भारत की मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस क्षमता स्थापित

इस उड़ान परीक्षण ने भारत की मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस क्षमता को स्थापित कर दिया है. यह प्रणाली किसी भी हवाई खतरे से निपटने में सक्षम है. विशेषज्ञों के मुताबिक चाहे वह फाइटर जेट हो, ड्रोन, हेलीकॉप्टर, या क्रूज मिसाइल हो, यह भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम सभी को अलग-अलग स्तर पर रोकने में सक्षम होगा. इससे देश की सुरक्षा को नई मजबूती मिली है. सरकार और रक्षा प्रतिष्ठान ने इस सफलता पर DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी है.

पाकिस्तान-चीन के हवाई हमले को झेलने में सक्षम

यह प्रणाली अब देश की महत्वपूर्ण सैन्य एवं औद्योगिक स्थापनाओं को दुश्मन के हवाई हमलों से सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी. इस अनूठे सफल परीक्षण से भारत न केवल अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत बना रहा है बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम बढ़ा चुका है.

गौरतलब है कि भारत ने इसी सप्ताह अपनी अत्याधुनिक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का सफल परीक्षण भी किया है. यह परीक्षण देश की मिसाइल क्षमता में एक बड़ी कामयाबी है. ‘अग्नि-5’ बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से किया गया था. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस परीक्षण में बैलिस्टिक मिसाइल ने अपने सभी संचालनात्मक व तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया है. इस परीक्षण के बाद मिसाइल क्षेत्र में भारत की शक्ति में जबरदस्त इजाफा हुआ है.

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