तुमने शुरू किया, खत्म हम करेंगे... अमेरिकी हमले के बाद ईरान की ट्रंप को खुली धमकी
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है. अमेरिका ने यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पश्चिम एशिया में हालात लगातार विस्फोटक बनते जा रहे हैं. इस हमले के तुरंत बाद तेहरान से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई. ईरान ने अमेरिका को सीधे चेतावनी देते हुए कहा है, “तुमने शुरू किया है, लेकिन खत्म हम करेंगे.”

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप सेना ने पहली बार सीधे हस्तक्षेप करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों इस्फहान, नतांज और फोर्डो को निशाना बनाया है. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पश्चिम एशिया में हालात लगातार विस्फोटक बनते जा रहे हैं. इस हमले के तुरंत बाद तेहरान से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई. ईरान ने अमेरिका को सीधे चेतावनी देते हुए कहा है, “तुमने शुरू किया है, लेकिन खत्म हम करेंगे.”
ईरानी मीडिया ने अमेरिकी हमले की पुष्टि की है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम और ड्रोन के ज़रिए इन न्यूक्लियर साइट्स पर हमला बोला. ईरानी न्यूज़ चैनलों का दावा है कि अमेरिका के इस हमले से पहले ही तेहरान ने एहतियातन अपने यूरेनियम भंडार को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च 2025 में ही ईरान ने संवेदनशील परमाणु उपकरणों को हटाने और सुरक्षात्मक उपायों की योजना तैयार कर ली थी. इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ने की आशंका है. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका की यह सैन्य कार्रवाई एक नए अंतरराष्ट्रीय संकट की शुरुआत कर सकती है, जिसमें अब सीधे तीन शक्तिशाली देश ईरान, इजरायल और अमेरिका आमने-सामने हैं.
ईरान की अमेरिका को खुली चेतावनी
ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीधी धमकी देते हुए कहा है कि अब पश्चिम एशिया में हर अमेरिकी नागरिक और सैनिक ईरान के निशाने पर है. ईरानी चैनल ने एक ग्राफिक के जरिए क्षेत्र में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को दिखाते हुए कहा, "अमेरिका ने हमारे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर एक गंभीर अपराध किया है। अब इस क्षेत्र में उसके लिए कोई जगह नहीं बची है." चैनल ने ट्रंप को संबोधित करते हुए चेताया,"अमेरिका के राष्ट्रपति, आपने इसे शुरू किया है लेकिन खत्म हम करेंगे."
ईरान पर अमेरिका ने क्यों बरसाए बम?
इस सैन्य कार्रवाई के पीछे मुख्य मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करना है. अमेरिका और इज़रायल दोनों को आशंका है कि ईरान अगर न्यूक्लियर हथियार बनाने में सफल हो गया, तो वह न सिर्फ क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डालेगा, बल्कि पश्चिमी देशों के लिए भी एक बड़ा रणनीतिक खतरा बन जाएगा. इसी डर के चलते अमेरिका और इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर निगरानी रखे हुए थे. अब जब ईरान ने यूरेनियम संवर्धन (enrichment) की प्रक्रिया को तेज किया और कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि वह बम निर्माण के बेहद करीब है, तब अमेरिका ने सैन्य कार्रवाई का रास्ता चुना. ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो जैसे ठिकाने केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि ये ईरान के रणनीतिक आत्मविश्वास के प्रतीक भी हैं. इन पर हमला कर अमेरिका ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह किसी भी कीमत पर ईरान को न्यूक्लियर पावर नहीं बनने देगा.
ट्रंप ने फिर दी ईरान को हमले की चेतावनी
ट्रंप ने ईरान से शांति का रास्ता अपनाने की अपील की, लेकिन साथ ही सख्त चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा, “अगर ईरान ने अब भी शांति का रास्ता नहीं चुना, तो अगली अमेरिकी कार्रवाई इससे कहीं ज्यादा बड़ी और गंभीर होगी.”