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क्यों हर राष्ट्रपति 20 जनवरी को ही लेता है शपथ? पढ़ें पूरा इतिहास

20 जनवरी का दिन अमेरिका के लिए बेहद खास है। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा ऐतिहासिक क्षण है, जो हर चार साल में अमेरिका की लोकतांत्रिक भावना को फिर से जीवंत करता है। डोनाल्ड ट्रंप का 2025 में राष्ट्रपति पद की शपथ लेना इस परंपरा का हिस्सा होगा, और यह दिन फिर से इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा।

17 Jan, 2025
( Updated: 17 Jan, 2025
02:04 PM )
क्यों हर राष्ट्रपति 20 जनवरी को ही लेता है शपथ? पढ़ें पूरा इतिहास
अमेरिका की राजनीति में 20 जनवरी का दिन विशेष महत्व रखता है। यह दिन केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह अमेरिका के लोकतंत्र और संविधान का प्रतीक है। हर चार साल में इस दिन को "इनॉग्रेशन डे" के रूप में मनाया जाता है, जब अमेरिका के नए निर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अपने पद की शपथ लेते हैं। लेकिन इस तारीख को इतना खास क्यों माना गया, और इसके पीछे का इतिहास क्या है? आइए, इस दिलचस्प कहानी पर गहराई से नज़र डालते हैं।

20 जनवरी इतिहास का बदलता अध्याय

आज 20 जनवरी अमेरिका के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण का दिन है, लेकिन यह हमेशा से ऐसा नहीं था। 1789 में अमेरिकी संविधान लागू होने के बाद, राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण की तारीख 4 मार्च तय की गई थी। इसका कारण यह था कि नवंबर में चुनाव होने के बाद, नए राष्ट्रपति को अपने प्रशासनिक कार्य संभालने के लिए समय मिल सके। लेकिन 1933 में, इस परंपरा को बदलने का फैसला किया गया। 1933 में अमेरिकी संविधान में 20वें संशोधन को जोड़ा गया। इस संशोधन के अनुसार, नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 20 जनवरी को शुरू होगा। यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि प्रशासनिक कामकाज के लिए अनावश्यक देरी को रोका जा सके और सत्ता हस्तांतरण को तेज बनाया जा सके।

20वें संशोधन के बाद, फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 20 जनवरी 1937 को अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली। यह दिन अमेरिका के इतिहास में खास बन गया और तभी से हर चार साल में यह तारीख "इनॉग्रेशन डे" के रूप में मनाई जाती है।

वही इनॉग्रेशन डे के महत्व की बात करें तो "इनॉग्रेशन डे" केवल एक शपथ ग्रहण समारोह नहीं है, बल्कि यह दिन अमेरिका की जनता के लिए एक नया अध्याय लिखने का समय होता है। इस दिन, देश के नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अमेरिकी जनता से यह वादा करते हैं कि वे देश को आगे बढ़ाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे। शपथ ग्रहण समारोह वॉशिंगटन डीसी में कैपिटल हिल पर आयोजित होता है। इसमें राष्ट्रपति अपना हाथ बाइबल पर रखकर शपथ लेते हैं, जो यह दर्शाता है कि वे संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता निभाएंगे। इस समारोह में दुनियाभर के नेता और महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल होती हैं, जिससे यह दिन वैश्विक महत्व का हो जाता है।

क्यों बदली गई तारीख?

4 मार्च से 20 जनवरी की तारीख में बदलाव के पीछे प्रशासनिक और सामाजिक कारण थे। 4 मार्च से 20 जनवरी तक लगभग चार महीने का अंतराल होता था, जिसे "ट्रांजिशन पीरियड" कहा जाता था। इस दौरान, पुराने प्रशासन का कार्यकाल खत्म हो चुका होता था और नया प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय नहीं होता था। यह समय राजनीतिक अस्थिरता और प्रशासनिक देरी का कारण बनता था। इसलिए, 20 जनवरी को शपथ ग्रहण की तारीख तय की गई ताकि नए प्रशासन को जल्द से जल्द जिम्मेदारी सौंपी जा सके और जनता की समस्याओं को जल्दी सुलझाया जा सके।

कैसे मनाया जाता है इनॉग्रेशन डे?

इनॉग्रेशन डे पर वॉशिंगटन डीसी में भव्य आयोजन होता है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद, एक परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें अमेरिकी सैन्य बल और विभिन्न सांस्कृतिक समूह हिस्सा लेते हैं। रात में इनॉग्रेशन बॉल आयोजित होता है, जिसमें राष्ट्रपति और उनकी पत्नी जनता के साथ इस ऐतिहासिक दिन का जश्न मनाते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप फिर बनाएंगे इतिहास

2025 में 20 जनवरी को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इस मौके पर वॉशिंगटन डीसी में एक भव्य समारोह का आयोजन होगा, जिसमें दुनियाभर के नेता और बड़ी हस्तियां शामिल होंगी। भारत से विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

20 जनवरी केवल एक तारीख नहीं, बल्कि अमेरिका के संविधान और लोकतंत्र का प्रतीक है। यह दिन दर्शाता है कि सत्ता जनता के द्वारा चुने गए नेताओं को सौंपी जाती है और यह प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित होती है। यह तारीख न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें सिखाती है कि बदलाव के साथ प्रगति कैसे संभव है और कैसे संविधान और लोकतंत्र की शक्ति एक देश को महान बना सकती है।

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