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अमेरिकी सीनेट में सनातन धर्म की विजय, काश पटेल ने कहा 'जय श्री कृष्ण'

Kash Patel: 'काश' पटेल का दो वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। दरअसल ये दोनों वीडियो गुरुवार को सीनेट न्यायपालिका समिति के समक्ष पटेल की 'कन्फर्मेशन' सुनवाई के हैं।

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Kash Patel: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एफबीआई प्रमुख के तौर पर नामित कश्यप 'काश' पटेल का दो वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। दरअसल ये दोनों वीडियो गुरुवार को सीनेट न्यायपालिका समिति के समक्ष पटेल की 'कन्फर्मेशन' सुनवाई के हैं।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से .....

दूसरे वीडियो में पटेल अपने माता-पिता का परिचय कराते हुए 'जय श्री कृष्ण' बोलते दिखें  

एक वायरल वीडियो में, भारतीय मूल के वकील पटेल सीनेट में सुनवाई से पहले अपने माता-पिता के पैर छूने के लिए झुकते हुए दिखाई दे रहे हैं। दूसरे वीडियो में पटेल अपने माता-पिता का परिचय कराते हुए 'जय श्री कृष्ण' बोलते हैं। वह कहते हैं, "मैं अपने पिता प्रमोद और अपनी मां अंजना का स्वागत करना चाहूंगा, जो आज यहां बैठे हैं। वे भारत से यहां आए हैं। मेरी बहन निशा भी यहां हैं। वह भी मेरे साथ रहने के लिए महासागर पार से आईं हैं। आप लोगों का यहां होना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। जय श्री कृष्ण।" पटेल कहते हैं कि वे न केवल अपने माता-पिता के सपनों को लेकर चल रहे हैं, बल्कि न्याय, निष्पक्षता और कानून के शासन के पक्ष में खड़े लाखों अमेरिकियों की उम्मीदों को भी आगे लेकर जा रहे हैं।

पटेल का कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा में लंबा करियर रहा 

पटेल ने बताया कि उनके पिता युगांडा में इदी अमीन की नरसंहारकारी तानाशाही से बचकर भाग गए थे, जहां तीन लाख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को उनकी जातीयता के आधार पर मार दिया गया था 'सिर्फ इसलिए कि वे मेरे जैसे दिखते थे।' पटेल का कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा में लंबा करियर रहा है। उन्होंने एक सार्वजनिक वकील के रूप में शुरुआत की, राज्य और संघीय अदालतों में हत्या से लेकर वित्तीय अपराधों तक के जटिल मामलों की सुनवाई की।

बाद में वे न्याय विभाग (डीओजे) में चले गए जहां उन्होंने आतंकवाद के अभियोजक के रूप में काम किया। उनके पास अल-कायदा और आईएसआईएस से जुड़े अपराधियों के अभियोजन की जिम्मेदारी रही। पटेल के करियर में टर्निंग प्वाइंट 2019 में आया जब उन्हें ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में एंट्री हुई। बाद में ट्रंप के राष्ट्रपति पद के अंतिम महीनों के दौरान कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टॉफ के रूप में नियुक्त किया। 

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