वेनेजुएला ने अमेरिका को दी धमकी! सीमा पर तैनात कीं 5,000 मिसाइलें, राष्ट्रपति मादुरो बोले- हर खतरे का जवाब देंगे
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने एक टीवी कार्यक्रम में बताया कि 'देश किसी भी अमेरिकी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरीके से तैयार है. हमारे पास 5,000 मिसाइलें हैं, जो देश की शांति और आजादी की रक्षा करेंगी. यह मिसाइलें हवा में कम दूरी के हमलों को रोकने के लिए तैनात की गई हैं.'
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अमेरिका के खिलाफ वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी खतरे से निपटने के लिए रूस से मिली 5,000 इग्ला-एस मिसाइलें तैनात की गई हैं. मादुरो ने यह फैसला अमेरिका द्वारा कई बार वेनेजुएला की बॉर्डर पर हमला करने की वजह से लिया गया है. उन्होंने ट्रंप को को चेताते हुए कहा कि वेनेजुएला की सेना अपनी मातृभूमि की एक-एक इंच जमीन की रक्षा के लिए तैयार है.
वेनेजुएला के राष्ट्रपति की अमेरिका को सीधी धमकी
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने एक टीवी कार्यक्रम में बताया कि 'देश किसी भी अमेरिकी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरीके से तैयार है. हमारे पास 5,000 मिसाइलें हैं, जो देश की शांति और आजादी की रक्षा करेंगी. यह मिसाइलें हवा में कम दूरी के हमलों को रोकने के लिए तैनात की गई हैं.' जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. दोनों देशों के बीच कई दशकों से राजनीतिक मतभेद चल रहे हैं.
अमेरिका ने वेनेजुएला की बोट्स पर किया कई बार हमला
बता दें कि अमेरिका लंबे समय से वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो के खिलाफ है. हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला के समुद्री तट के पास कुछ नौसैनिक जहाज़ भेजे हैं, जिसे अमेरिका में ड्रग्स के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन बताया है. इसके अलावा अमेरिका ने पिछले कई दिनों में वेनेजुएला की नावों को भी तबाह कर दिया है. आरोप है कि यह सभी नावें ड्रग्स ले जा रही थीं, हालांकि, वेनेजुएला ने इन आरोपों को गलत बताया है. वेनेजुएला का कहना है कि अमेरिका द्वारा किया गया, यह ऑपरेशन उसकी आजादी पर बड़ा हमला है.
अमेरिका ने मादुरो पर रखा 420 करोड़ का इनाम
बता दें कि बीते 7 अगस्त को अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति के ऊपर 50 मिलियन डॉलर यानी करीब 420 करोड़ रुपए का इनाम रखा है. इसके अलावा उनसे जुड़े 700 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति भी जब्त कर दी है, जिसमें दो प्राइवेट जेट भी शामिल है.
ट्रंप ने लगाया ड्रग तस्कर का आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मादुरो को ड्रग तस्कर बताया है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि 'वह ड्रग कार्टेल के साथ मिलकर अमेरिका में फेंटानाइल कोकीन भेज रहे हैं.' अधिकारियों ने दावा किया है कि मादुरो के पास 7 टन कोकीन है, जिसे वह अमेरिका भेजने की तैयारी कर रहे हैं. इससे पहले साल 2020 में मैनहट्टन की संघीय अदालत ने मादुरो पर नार्को टेररिज्म और कोकीन तस्कर की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था. ट्रंप प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी पर 1.5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था, जिसे बाद में बाइडेन प्रशासन ने 2.5 करोड़ डॉलर कर दिया. बता दें कि यह इनाम इतना है, जितना अमेरिकी हमले के आरोपी ओसामा बिन लादेन की गिरफ्तारी पर रखा गया था.
2013 से वेनेजुएला की सत्ता में कायम
मादुरो साल 2013 से ही वेनेजुएला की सत्ता में बने हुए हैं. उन पर अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और लैटिन अमेरिकी देश चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाते रहे हैं. 2024 में भी हुए राष्ट्रपति चुनाव में इन सभी देशों ने उनपर आरोप लगाया था.
अमेरिका ने वेनेजुएला पर लगाए कई प्रतिबंध
बता दें कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच कई दशकों से राजनीतिक मतभेद रहे हैं. वेनेजुएला अमेरिका की पूंजीवादी और विदेशी नीतियों को लेकर आलोचना करता रहा है. वहीं अमेरिका वेनेजुएला में मानवाधिकार की उलझन पर हमेशा नाराजगी जताता है.
तेल भंडारों की खोज हुई
100 साल पहले वेनेजुएला में तेल भंडारों की खोज हुई थी, तेल की खोज होने के बाद 20 साल बाद ही वेनेजुएला दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों में से एक बन गया. उसे लैटिन अमेरिका का सऊदी अरब कहा जाने लगा. वेनेजुएला लगभग पूरी तरह से तेल पर निर्भर था. 80 के दशक में तेल की कीमत गिरने लगी और फिर उसकी गिरावट की वजह से वेनेजुएला की आर्थिक व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा. सरकारी नीतियों की वजह से वेनेजुएला अपना कर्ज चुकाने में भी फेल रही, उसके बाद जब तेल के दाम बढ़े. तब भी वह इसका फायदा नहीं उठा सका, साल 2015 में उसकी हालत और भी ज्यादा खराब हो गई. जब अमेरिका ने वेनेजुएला पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया.
1950 तक दुनिया का चौथा सबसे धनी देश
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1950 के दशक में वेनेजुएला दुनिया का चौथा सबसे धनी देश था, लेकिन वर्तमान में उसकी हालत काफी ज्यादा खराब है. देश की 75 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रही है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल में करीब 75 लाख लोग देश छोड़कर चले गए.
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