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बांग्लादेश में 17 साल बाद लौट रहा यह नेता, स्वागत में 50 लाख तैयार; जानें कौन है वह नाम जिसे लोग मान रहे अगला PM

बांग्लादेश में फरवरी में प्रस्तावित आम चुनाव से पहले राजनीतिक हालात तनावपूर्ण हैं. अंतरिम सरकार और मोहम्मद यूनुस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेज़ हैं. इसी बीच बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल बाद लंदन से लौट रहे हैं. उनके स्वागत में बड़ी रैली की तैयारी है.

Muhammad Yunus / Tariq Rehman (File Photo)

बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. देश के बड़े शहरों में अलग-अलग मुद्दों को लेकर अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ लगभग रोज़ाना तीखे विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच अगले साल की शुरुआत, यानी फरवरी में प्रस्तावित आम चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी भी तेज़ हो गई है. नई सरकार के गठन से पहले ही देश का राजनीतिक माहौल उथल-पुथल से भरा नजर आ रहा है.

बांग्लादेश में जारी सियासी हलचल के चुनावी माहौल के बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र तारिक रहमान करीब 17 वर्षों बाद देश लौटने जा रहे हैं. उनके आगमन को लेकर पार्टी संगठन पूरी तरह सक्रिय हो चुका है. लंदन से वापसी पर रहमान के स्वागत में बीएनपी एक विशाल रैली आयोजित करने की तैयारी में है, जिसमें करीब 50 लाख समर्थकों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. यह शक्ति प्रदर्शन ऐसे समय पर हो रहा है, जब फरवरी में होने वाले आम चुनावों में तारिक रहमान को प्रधानमंत्री पद के एक मजबूत और प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है.

कौन हैं तारिक रहमान?

60 वर्षीय तारिक रहमान, लंबे समय से अस्वस्थ चल रही पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र हैं और वर्तमान में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी आम चुनाव में बीएनपी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है. रहमान की लंदन से वापसी ऐसे दौर में हो रही है, जब बीते वर्ष छात्र आंदोलन के बाद लंबे समय तक सत्ता में रहीं शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था, जिससे उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी बीएनपी का राजनीतिक प्रभाव लगातार बढ़ा है. संक्षिप्त अंतरिम सरकारों के अंतराल को छोड़ दिया जाए तो वर्ष 1991 से अब तक बांग्लादेश की सत्ता खालिदा जिया और शेख हसीना के बीच ही घूमती रही है.

सर्वे में तारिक रहमान की पार्टी सबसे पसंदीदा 

अमेरिका स्थित इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट द्वारा दिसंबर में कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, आगामी आम चुनाव में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी को सबसे अधिक संसदीय सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. हालांकि चुनावी मुकाबले में इस्लामी जमात-ए-इस्लामी पार्टी भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है. दूसरी ओर, चुनाव प्रक्रिया से बाहर की जा चुकी शेख हसीना की अवामी लीग ने अशांति फैलाने की चेतावनी दी है, जिससे कुछ हलकों में मतदान प्रक्रिया पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. इस बीच तारिक रहमान का स्वदेश लौटने का फैसला सिर्फ राजनीतिक घटनाओं से ही नहीं, बल्कि निजी कारणों से भी जुड़ा है. उनकी मां और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया पिछले कई महीनों से गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं. पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी वजह से रहमान को लंदन छोड़कर जल्द बांग्लादेश लौटने का निर्णय लेना पड़ा.

बांग्लादेश की राजनीति के लिए निर्णायक मोड़ 

बीएनपी ने इसे देश की राजनीति का एक अहम मोड़ करार दिया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि राजधानी में एक ऐतिहासिक रैली की व्यापक तैयारियां चल रही हैं. योजना के तहत एयरपोर्ट से लेकर स्वागत स्थल तक के पूरे मार्ग पर 50 लाख से अधिक समर्थकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है. बीएनपी के वरिष्ठ नेता रुहुल कबीर रिजवी ने कहा कि यह पल राजनीतिक रूप से बेहद निर्णायक होगा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन के साथ समन्वय कर सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. बता दें कि तारिक रहमान वर्ष 2008 से लंदन में रह रहे थे. उस दौरान उनके खिलाफ बांग्लादेश में कई आपराधिक मामलों में सजा सुनाई गई थी, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और शेख हसीना की हत्या की साजिश से जुड़ा मामला भी शामिल था. हालांकि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद रहमान को सभी मामलों में राहत मिल गई, जिससे उनकी वापसी में मौजूद कानूनी अड़चनें समाप्त हो गईं. 

तारिक रहमान को देश का भविष्य मान रहे युवा 

तारिक रहमान की अपने देश में वापसी ऐसे वक्त पर हो रही है, जब करीब 17 करोड़ की आबादी वाला बांग्लादेश नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही अंतरिम सरकार के अधीन एक बेहद नाज़ुक चुनावी चरण में कदम रख रहा है. लगभग दो वर्षों से जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बाद इस आम चुनाव को देश में स्थिरता लौटाने की दिशा में अहम माना जा रहा है. ऐसे में मौजूदा हालात में बांग्लादेश एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा नजर आ रहा है, जहां रहमान की वापसी न केवल बीएनपी की शांतिपूर्ण तरीके से जनसमर्थन जुटाने की क्षमता की कसौटी बनेगी, बल्कि अंतरिम सरकार द्वारा सत्ता का भरोसेमंद और निष्पक्ष हस्तांतरण सुनिश्चित करने के दावे की भी परीक्षा होगी. हालांकि सरकार स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव कराने का भरोसा जता चुकी है, लेकिन हाल के दिनों में मीडिया संस्थानों पर हमलों और छिटपुट हिंसक घटनाओं ने कानून-व्यवस्था को लेकर चिंताओं को और गहरा कर दिया है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बांग्लादेश के युवा तारिक रमहान को देश का अगला प्रधानमंत्री भी बनाते देखना चाह रहे है. 

बता दें कि तारिक रहमान की वापसी सिर्फ एक राजनीतिक घटनाक्रम नहीं, बल्कि बांग्लादेश के आने वाले भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम बनता नजर आ रही है. जहां एक ओर उनके समर्थक इसे बदलाव की उम्मीद के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश के लिए निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भरोसेमंद चुनाव कराना अंतरिम सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. अब पूरे देश की निगाहें फरवरी में होने वाले आम चुनाव पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि बांग्लादेश इस राजनीतिक चौराहे से किस दिशा में आगे बढ़ता है.

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