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संघ प्रमुख की अपील का असर, बांग्लादेश के दीपू दास के परिवार को दुनियाभर से आ रही मदद, मॉब लिंचिंग में गई थी जान

संघ प्रमुख मोहन भागवत की पूरी दुनिया के हिंदुओं से की गई अपील कि सभी अपने-अपने स्तर से बांग्लादेश के हिंदू भाइयों की मदद करें, उसका असर अब दिखने लगा है. बांग्लादेश यूनाइटेड सनातनी अवेकनिंग अलायंस की मुहिम के बाद दुनियाभर के लोग दीपू दास के परिवार के लिए मदद भेज रहे हैं.

संघ प्रमुख की अपील का असर, बांग्लादेश के दीपू दास के परिवार को दुनियाभर से आ रही मदद, मॉब लिंचिंग में गई थी जान
बांग्लादेश में दीपू दास के परिवार से मिले प्रो. कुशल बरन चक्रवर्ती (ब्लू जैकेट में)

बांग्लादेश में बीते दिनों हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इतना ही नहीं, दीपू के शव को मॉब लिंचिंग के बाद पेड़ से टांगकर सरेआम जला दिया गया, जिसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. दीपू अपने परिवार में अकेला कमाने वाला था. वह भीषण गरीबी में अपनी पत्नी, मां, पिता और बच्चों को छोड़कर चला गया. उसके जाने के बाद से पूरी फैमिली टूट सी गई है. बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. 

उसके जाने की वजह से उसके परिवार के लोगों की स्थिति बेहद खराब हो गई है. इसी दौरान पत्नी और बच्चों की दुर्दशा को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रही है. दीपू के परिवार के लोगों की मदद के लिए पूरी दुनिया से सहयोग का सिलसिला शुरू हो गया है. बीते दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी दुनियाभर के हिंदुओं से अपने-अपने स्तर से मदद करने की अपील की थी और एकजुट होने का आह्वान किया था.

दीपू दास के परिवार की मदद के लिए उठे हाथ!

बांग्लादेश के मयमनसिंह में हुई दीपू चंद्र दास की हत्या से दुखी लोगों ने परिवार की मदद करनी शुरू कर दी है. दुनिया भर से सहायता भेजी जा रही है. दास परिवार के लिए भारत ही नहीं, अमेरिका और सिंगापुर सहित कई देशों से भी दान भेजा जा रहा है. संघ प्रमुख की अपील और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट के बाद सहायता अभियान और तेज हो गया है.

दीपू दास के परिवार की मदद के लिए आगे आए बांग्लादेश के अल्पसंख्यक!

आपको बता दें कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा दास परिवार के लिए एक बैंक खाता खोला गया. लोग लगातार पूछ रहे थे कि मदद करें तो कैसे करें, आर्थिक सहायता कैसे भेजें, क्योंकि हर किसी के लिए मौके पर जाकर मदद करना संभव नहीं है. बैंक अकाउंट शुरू होते ही शाम तक देश-विदेश से डोनेशन आने लगे.

अब तक आए लाखों रुपये के दान!

चटगांव विश्वविद्यालय में संस्कृत के प्रोफेसर कुशल बरन चक्रवर्ती ने इस संबंध में जानकारी दी कि उन्होंने ही परिवार की मदद के लिए सोशल मीडिया पर बैंक खाते का विवरण साझा किया था. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल दान की गणना नहीं की जा रही है. बरन चक्रवर्ती ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि दुनियाभर के लोगों ने अब तक लाखों रुपये दान किए हैं. मालूम हो कि चक्रवर्ती अन्य प्रतिनिधियों के साथ दीपू दास के परिवार से मिलने भी पहुंचे थे.

दयनीय स्थिति में है दीपू दास का परिवार!

चक्रवर्ती ने आगे कहा कि दीपू दास के परिवार की स्थिति बेहद खराब है. परिवार के लोग भावनात्मक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं. उनके पास इतनी भी संपत्ति और पैसे नहीं हैं कि वे एक हफ्ते का भी गुजारा चला सकें. दीपू ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. उन्होंने आगे जानकारी दी कि दीपू एक कपड़ा निर्माण कंपनी में काम करते थे और बेहद मामूली वेतन पाते थे. चक्रवर्ती के मुताबिक, हालांकि काम अच्छा करने की वजह से कंपनी ने उन्हें प्रमोशन दिया था. उन्होंने आगे बताया कि इससे उनके कुछ सहकर्मी नाराज हो गए और उन पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश फैलाने का झूठा आरोप लगा दिया. लोगों ने इंटरनेट पर ईशनिंदा का आरोप लगाया, जबकि दीपू के पास स्मार्टफोन तक नहीं था.

 

 

कहां रहती है दीपू की फैमिली?

बता दें कि दीपू दास का परिवार मयमनसिंह के तारकांदी पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक गोदाम के पीछे बने अस्थायी मकान में रहता है. रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार को दीपू का शव भी घर नहीं लाने दिया गया. चक्रवर्ती ने आगे बताया कि दीपू की शादी दो साल पहले ही हुई थी. दोनों का एक छोटा बच्चा है. इस बुरे हालात में, पैसे की तंगी और दीपू की इस तरह की निर्मम हत्या हो जाना परिवार के लिए बेहद कष्टदायक है. इस स्थिति में परिवार का जीवित रह पाना बेहद मुश्किल है. चक्रवर्ती ने आगे कहा कि इसी सबको देखते हुए हम सभी ने सबसे पहले उनके लिए बैंक खाता खोलने का फैसला किया.

दीपू की मदद के लिए बांग्लादेश यूनाइटेड सनातनी अवेकनिंग अलायंस ने छेड़ी मुहिम!

प्रो. चक्रवर्ती ने दीपू के परिवार से मुलाकात और उनसे हुई बातचीत की जानकारी फेसबुक पर भी साझा की. इसके बाद लोगों ने जमकर दीपू की हत्या की निंदा की. सोमवार सुबह उन्होंने फेसबुक के जरिए परिवार के लिए आर्थिक सहायता की अपील की थी. उन्होंने बताया कि इसके तुरंत बाद लोग उनके खाते में पैसे भेजने लगे और भुगतान के स्क्रीनशॉट भी साझा करने लगे. उन्होंने कहा, “हम इस सहयोग से अभिभूत हैं.”

दुनियाभर के हिंदू खड़े हो जाएं: भागवत

आपको बता दें कि दीपू की हत्या और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में भारत में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संगठनों ने पूरे देश में इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है. इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी दुनियाभर के हिंदुओं से अपने-अपने स्तर से बांग्लादेश के हिंदुओं की मदद की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि सामाजिक दृष्टि से देखें तो यह सवाल उठता है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा कब समाप्त होगी. बांग्लादेश में वे अल्पसंख्यक हैं, वहां यह कदम कठिन है. कठिन है, फिर भी जितना अधिक से अधिक बचाव हो सकता है, उसके लिए वहां के हिंदुओं को एकजुट रहना पड़ेगा.

दुनियाभर के हिंदुओं को बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए खड़ा होना होगा: संघ प्रमुख

उन्होंने आगे कहा कि दुनियाभर के हिंदुओं को अपनी मर्यादा में रहकर बांग्लादेशी हिंदुओं की जितनी मदद कर सकते हैं, जो और जितनी कर सकते हैं, उतनी सबको करनी पड़ेगी. हमको भी करनी पड़ेगी और हम वह कर भी रहे हैं. बाकी हिंदुओं का तो एक ही देश है, भारत देश. भारत सरकार को इसका संज्ञान लेना पड़ेगा, कुछ करना पड़ेगा. वह कुछ कर भी रही होगी, कुछ बातें बताई जाती हैं, कुछ बताई नहीं जा सकतीं. परिणाम कभी होते हैं, कभी नहीं होते, लेकिन प्रयास करना पड़ेगा.

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