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अमेरिका के रडार पर ये 3 देशों के राष्ट्रपति... ट्रंप ने दी सीधी धमकी, कहा- अपनी जान की फिक्र करो, जानें पूरा मामला

साल 2025 के अंत तक अमेरिका ने कोलंबिया, वेनेजुएला और ईरान के नेताओं को अपने रडार पर ले लिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन तीनों को जान से मारने तक की धमकी दी है. अमेरिका इन देशों को अपना कट्टर दुश्मन मानता है और सत्ता परिवर्तन के जरिए अपने हित साधने की कोशिश कर रहा है.

अमेरिका के रडार पर ये 3 देशों के राष्ट्रपति... ट्रंप ने दी सीधी धमकी, कहा- अपनी जान की फिक्र करो, जानें पूरा मामला
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साल 2025 के अंत तक आते-आते वैश्विक राजनीति में हलचल तेज हो गई है. अमेरिका ने दुनिया के तीन देशों के सुप्रीम लीडर या राष्ट्रपतियों को अपने रडार पर ले लिया है. इन देशों में कोलंबिया, वेनेजुएला और ईरान शामिल हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन तीनों नेताओं को जान से मारने तक की धमकी दे चुके हैं. इस घटनाक्रम ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव का माहौल बन गया है.

अमेरिका इन तीनों देशों को अपना कट्टर दुश्मन मानता है. वेनेजुएला और कोलंबिया जहां एक-दूसरे के पड़ोसी हैं, वहीं ईरान पश्चिम एशिया में अमेरिका और उसके सहयोगी इजराइल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. जानकारों का कहना है कि अमेरिका की रणनीति इन तीनों ही देशों में सत्ता परिवर्तन की है, ताकि वहां ऐसे नेता आ सकें जो वॉशिंगटन के हितों के मुताबिक काम करें.

अमेरिका ने इन देशों को निशाने पर क्यों लिया?

डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया और वेनेजुएला पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ट्रंप का कहना है कि इन दोनों देशों से बड़े पैमाने पर कोकीन और ड्रग्स की तस्करी अमेरिका तक पहुंच रही है. अमेरिका इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देख रहा है. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक वेनेजुएला को लेकर अमेरिका की असली दिलचस्पी वहां के तेल भंडार हैं. वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार माना जाता है और अमेरिका लंबे समय से उस पर नजर बनाए हुए है.

अमेरिका की ईरान को लेकर अलग रणनीति

ईरान के मामले में अमेरिका की रणनीति थोड़ी अलग है. माना जा रहा है कि अमेरिका सीधे हमला करने के बजाय इजराइल के जरिए ईरान को जंग में उलझाना चाहता है. ईरान के रडार में होने की सबसे बड़ी वजह उसका परमाणु कार्यक्रम है. अमेरिका चाहता है कि तेहरान तुरंत न्यूक्लियर संवर्धन रोक दे. इसके लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से सख्त अल्टीमेटम भी दिया जा चुका है. इस साल के अंत में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और इजराइल के बीच अहम बातचीत प्रस्तावित है.

कौन-कौन से राष्ट्रपति निशाने पर?

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो इस सूची में सबसे ऊपर हैं. डोनाल्ड ट्रंप सार्वजनिक रूप से मादुरो को धमकी दे चुके हैं. हाल ही में ट्रंप ने कहा कि मादुरो के लिए बेहतर होगा कि वे वेनेजुएला छोड़ दें, वरना उनके साथ कुछ भी हो सकता है. ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी धमकियों के बाद मादुरो काफी डरे हुए हैं. उन्होंने अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी क्यूबा के एजेंटों को सौंप दी है और उनके आसपास किसी को भी फोन ले जाने की इजाजत नहीं है. मादुरो का आरोप है कि अमेरिका उन्हें मारकर वेनेजुएला के तेल पर कब्जा करना चाहता है.

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन भी अमेरिकी रडार में हैं. जून 2025 में जब इजराइल ने ईरान पर हमला किया था, तब पेजेशकियन को निशाना बनाने की कोशिश हुई थी, लेकिन वे बच गए थे. अमेरिका लगातार ईरान पर परमाणु मुद्दे पर सरेंडर करने का दबाव बना रहा है, जिसे तेहरान ने साफ तौर पर खारिज कर दिया है. अब सबकी नजर डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तावित मुलाकात पर टिकी है.

कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो को भी ट्रंप ने खुली धमकी दी है. 23 दिसंबर को ट्रंप ने कहा कि पेट्रो को अपनी जान की चिंता करनी चाहिए. ट्रंप का आरोप है कि कोलंबिया से ड्रग्स की तस्करी बढ़ रही है और अमेरिका इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा.

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बताते चलें कि 2025 के अंत में अमेरिका की आक्रामक नीति ने दुनिया को एक बार फिर बड़े टकराव के मुहाने पर ला खड़ा किया है. आने वाले महीनों में इन तीन देशों और अमेरिका के रिश्ते किस दिशा में जाते हैं, इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं.

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