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2025 में चांद से होगी पहली मोबाइल कॉल, जानें कैसे काम करेगा 4G नेटवर्क

NASA और Nokia मिलकर इतिहास रचने जा रहे हैं। अब मोबाइल नेटवर्क सिर्फ धरती तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि चांद पर भी 4G नेटवर्क काम करेगा। 26 फरवरी 2025 को Athena Lander लॉन्च होगा, जो चंद्रमा पर इस नेटवर्क को स्थापित करेगा। इस तकनीक से HD वीडियो स्ट्रीमिंग, डेटा ट्रांसफर और कम्युनिकेशन संभव होगा।

2025 में चांद से होगी पहली मोबाइल कॉल, जानें कैसे काम करेगा 4G नेटवर्क
विज्ञान और तकनीक की दुनिया में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए NASA और Nokia मिलकर चंद्रमा पर पहला 4G मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने जा रहे हैं। अब तक मोबाइल नेटवर्क सिर्फ धरती तक सीमित था, लेकिन जल्द ही यह चांद पर भी काम करेगा। यह तकनीक 26 फरवरी 2025 को लॉन्च होने वाले Athena लैंडर के जरिए चंद्रमा की सतह पर स्थापित की जाएगी। यह मिशन Intuitive Machines के IM-2 मिशन का हिस्सा है।
NASA के इस साहसिक कदम से चंद्रमा पर भविष्य में मानवीय बस्तियों की स्थापना, अनुसंधान और संचार को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन आएगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आने वाले समय में इंसान चांद से ही मोबाइल कॉल कर सकेंगे? यह सुनने में जितना अविश्वसनीय लगता है, उतना ही रोमांचक भी है!

कैसे काम करेगा चांद का मोबाइल नेटवर्क?
चांद पर स्थापित होने वाला यह नेटवर्क Nokia का "Lunar Surface Communication System (LSCS)" होगा, जिसे खासतौर पर चंद्रमा की कठिन परिस्थितियों के अनुरूप तैयार किया गया है। इस नेटवर्क की मदद से HD वीडियो स्ट्रीमिंग, डेटा ट्रांसफर, कमांड-एंड-कंट्रोल कम्युनिकेशन संभव होगा। NASA ने इस तकनीक को लेकर कहा है कि यह सिस्टम चंद्रमा के चरम तापमान, तेज विकिरण और गुरुत्वाकर्षण की कमी जैसी मुश्किल परिस्थितियों में भी पूरी तरह काम करने में सक्षम होगा। Nokia ने इसे 4G LTE तकनीक के आधार पर विकसित किया है, जिसे भविष्य में 5G और उससे आगे के नेटवर्क में अपग्रेड किया जा सकता है।

किन्हें मिलेगा इस नेटवर्क का फायदा?
चंद्रमा पर इस नेटवर्क का उपयोग करने के लिए दो विशेष वाहन तैयार किए गए हैं। Intuitive Machines का Micro-Nova Hopper, और Lunar Outpost का Mobile Autonomous Prospecting Platform (MAPP) Rover. ये दोनों वाहन Nokia के बनाए गए नेटवर्क डिवाइसेज़ के माध्यम से Athena Lander से जुड़ेंगे और वैज्ञानिक डेटा को चंद्रमा से पृथ्वी तक पहुंचाने में मदद करेंगे।

चांद पर इंटरनेट और कॉलिंग कब संभव होगी?
अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो यह नेटवर्क सबसे पहले NASA के Artemis मिशन को सपोर्ट करेगा, जो 2028 तक इंसानों को चांद पर भेजने की योजना बना रहा है। Nokia ने अपने बयान में कहा कि वे इस नेटवर्क को भविष्य के एस्ट्रोनॉट्स के स्पेससूट्स में भी इंटीग्रेट करना चाहते हैं। इसका मतलब है कि एक दिन अंतरिक्ष यात्री चांद से मोबाइल कॉल कर पाएंगे और मैसेजिंग के जरिए पृथ्वी पर संपर्क बना सकेंगे।
NASA और Nokia की इस साझेदारी का सबसे बड़ा लक्ष्य चंद्रमा पर दीर्घकालिक मानव उपस्थिति को संभव बनाना है। भविष्य में जब चांद पर वैज्ञानिक और खनन अभियानों की संख्या बढ़ेगी, तो वहां एक मजबूत और विश्वसनीय संचार प्रणाली की जरूरत होगी। यदि यह तकनीक सफल रहती है, तो यह चांद पर भविष्य के शहरों और रिसर्च सेंटरों के लिए एक महत्वपूर्ण आधारशिला साबित हो सकती है।

क्या यह नेटवर्क मंगल ग्रह तक भी पहुंचेगा?
NASA और Nokia सिर्फ चांद तक ही सीमित नहीं रहना चाहते। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि चंद्रमा पर 4G नेटवर्क सफल होता है, तो इसी तरह का संचार नेटवर्क मंगल ग्रह पर भी स्थापित किया जा सकता है। यह सिर्फ एक शुरुआत है आने वाले दशकों में, इंसान पूरे सौरमंडल में संचार नेटवर्क स्थापित कर सकता है। NASA और Nokia के इस मिशन से यह स्पष्ट हो जाता है कि इंसान अंतरिक्ष को अब एक नए घर के रूप में देखने लगा है। यह केवल एक मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने का मिशन नहीं, बल्कि पूरे ब्रह्मांड में इंसान की मौजूदगी को संभव बनाने की दिशा में पहला कदम है।
आज हम जिस मोबाइल नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं, वह कल हमें चंद्रमा से पृथ्वी पर लाइव वीडियो भेजने में सक्षम बना सकता है। यह सोचकर ही रोमांच होता है कि हम उस युग की शुरुआत में खड़े हैं, जहां इंसान अंतरिक्ष में कॉल और इंटरनेट का उपयोग कर सकेगा।

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