पीएम मोदी को घाना में मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान, चार अहम समझौते पर हुए हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे. यह तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है. राजधानी अक्करा में उनका भव्य स्वागत हुआ और उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई. एक विशेष समारोह में घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया, जिसे पीएम मोदी ने भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में बुधवार को घाना पहुंचे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री तीन दशकों में पहली घाना की द्विपक्षीय यात्रा है. राजधानी अक्करा पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई.
Honoured to be conferred with ‘The Officer of the Order of the Star of Ghana.’ https://t.co/wsEkMTC5s3
— Narendra Modi (@narendramodi) July 2, 2025
अक्करा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने इस सम्मान को भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित करते हुए घाना सरकार और राष्ट्रपति महामा का आभार प्रकट किया. पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और घाना के बीच कई ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इनमें सबसे महत्वपूर्ण समझौता रेयर अर्थ मिनरल्स की माइनिंग (दुर्लभ खनिज खनन) से संबंधित रहा, जो दोनों देशों के आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नई दिशा देगा. बता दें पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और अफ्रीकी देशों के बीच मजबूत होते रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों का प्रतीक मानी जा रही है.
I thank the people and Government of Ghana for conferring ‘The Officer of the Order of the Star of Ghana’ upon me. This honour is dedicated to the bright future of our youth, their aspirations, our rich cultural diversity and the historical ties between India and Ghana.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 2, 2025
This… pic.twitter.com/coqwU04RZi
पीएम मोदी ने भारतीयों को किया समर्पित सम्मान
‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘घाना के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होना मेरे लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात है. मैं राष्ट्रपति महामा, घाना सरकार और घाना के लोगों हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. मैं 1.4 अरब भारतीयों की ओर से इस सम्मान को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं. मैं सम्मान हमारे युवाओं की आकांक्षाओं, उनके उज्ज्वल भविष्य, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं और भारत- घाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित करता हूं’. इसके साथ ही पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, मैं घाना के लोगों और सरकार को मुझे 'ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद देता हूं. यह सम्मान हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य, उनकी आकांक्षाओं, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और भारत और घाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित है. यह सम्मान एक जिम्मेदारी भी है; भारत-घाना की दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए काम करते रहना. भारत हमेशा घाना के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और एक भरोसेमंद दोस्त और विकास भागीदार के रूप में योगदान देना जारी रखेगा.
भारत-घाना साझेदारी से चीन को चुनौती
पीएम मोदी की ऐतिहासिक घाना यात्रा के दौरान भारत और घाना के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों ने वैश्विक स्तर पर रणनीतिक संतुलन की दिशा में एक अहम संकेत दिया है. घाना की राजधानी अक्करा में प्रधानमंत्री मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में व्यापक चर्चा हुई. बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, “दोनों पक्षों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है. भारत, घाना की विकास यात्रा में न केवल एक भागीदार है, बल्कि एक सह-यात्री के रूप में हमेशा साथ खड़ा रहेगा.” भारत और घाना के बीच हुए सबसे अहम समझौतों में से एक रेयर अर्थ मिनरल्स की माइनिंग से संबंधित करार रहा, जिसे चीन के वैश्विक एकाधिकार को चुनौती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. चीन के पास दुर्लभ खनिजों का विशाल भंडार है और वह इन संसाधनों पर सख्त नियंत्रण बनाए हुए है. इससे भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) प्रोजेक्ट और तकनीकी क्षेत्र की निर्भरता बढ़ गई थी. अब घाना जैसे संसाधन-संपन्न देश के साथ हुए इस करार से भारत ने न केवल एक नया विकल्प तैयार किया है, बल्कि चीन के प्रभुत्व को तोड़ने की दिशा में रणनीतिक बढ़त भी हासिल की है. यह साझेदारी भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में संतुलन लाने का संकेत देती है.
आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और घाना आतंकवाद को मानवता का दुश्मन मानते हैं. उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने घाना द्वारा भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई में दिए गए समर्थन के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया.
घाना आशा की किरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की राजधानी अक्करा में अपने संबोधन में घाना को पश्चिम अफ़्रीका का एक "जीवंत लोकतंत्र और आशा की किरण" करार दिया. यह बयान उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा की उपस्थिति में दिया, जब दोनों देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग को नए आयाम देने वाले कई अहम फैसलों की घोषणा की गई. पीएम मोदी ने कहा, “आज हमने घाना के लिए ITEC और ICCR स्कॉलरशिप की संख्या दोगुनी करने का फैसला किया है. इसके साथ ही हम युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु एक स्किल डेवेलपमेंट सेंटर की स्थापना पर भी काम करेंगे.” उन्होंने आगे कहा कि भारत, राष्ट्रपति महामा के “Feed Ghana” कार्यक्रम में कृषि सहयोग के लिए तत्पर है.
चार समझौतों पर हस्ताक्षर
पीएम मोदी और राष्ट्रपति महामा की मौजूदगी में भारत और घाना के बीच कई अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. जिनमें से चार समझते बहुत ही महत्वपूर्ण है. इनमें विशेष रूप से शिक्षा, संस्कृति, मानकीकरण और पारंपरिक चिकित्सा जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं.
1- संस्कृति के आदान-प्रदान पर समझौता ज्ञापन (MoU): भारत और घाना के बीच कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष MoU पर हस्ताक्षर किए गए. यह समझौता दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक समझ और आपसी जुड़ाव को गहराई देगा.
2- मानकीकरण और प्रमाणन में सहयोग: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और घाना स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (GSA) के बीच एक समझौता हुआ है, जिसका उद्देश्य गुणवत्ता मानकों, तकनीकी सहयोग और प्रमाणन प्रक्रियाओं में परस्पर सहयोग को मजबूत करना है.
3- पारंपरिक चिकित्सा में शिक्षा और अनुसंधान सहयोग: पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेदा (ITRA) और घाना के ट्रेडिशनल एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन डायरेक्टोरेट (ITAM) के बीच MoU पर हस्ताक्षर किए गए. इसका उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा की शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान में आपसी आदान-प्रदान है.
4- संयुक्त आयोग बैठक (Joint Commission Meeting) की स्थापना: दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग की निरंतर समीक्षा और उच्च स्तरीय संवाद को संस्थागत रूप देने के लिए संयुक्त आयोग बैठक पर भी समझौता किया. यह व्यवस्था भविष्य में सहयोग की प्रगति का मार्गदर्शन करेगी.
घाना के राष्ट्रपति को भारत आने का दिया निमंत्रण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण दिया. अक्करा में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने इस दौरान भारत-घाना संबंधों की गहराई को बताया और दोनों देशों के बीच मित्रता को और प्रगाढ़ करने की बात कही. पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति महोदय, आप भारत के घनिष्ठ मित्र हैं. आप भारत को बहुत अच्छी तरह जानते हैं. मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूं. मुझे विश्वास है कि आप हमें भारत में आपका स्वागत करने का अवसर देंगे.”