PM मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ की 'चाय पर चर्चा', मुलाकात में दिखी मजबूत साझेदारी… जानें इस भेंट के क्या हैं मायने
भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर की मुलाकात चेकर्स में हुई. दोनों नेताओं ने 'चाय पर चर्चा' करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कीं, जिनमें मसाला चाय परोसते एक युवक और दोनों प्रधानमंत्रियों की सहज बातचीत दिखाई दी.

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ब्रिटेन के ऐतिहासिक चेकर्स वह पल भारत और ब्रिटेन के लिए बेहद खास बन गया जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने जब चाय की चुस्कियों के बीच एक-दूसरे से संवाद किया, तो वह सिर्फ औपचारिकता नहीं थी, बल्कि दो लोकतंत्रों की बदलती और मजबूत होती दोस्ती का प्रतीक भी था. यह मुलाकात इसलिए भी ऐतिहासिक बन गई क्योंकि इसके साथ ही लंबे समय से अटका हुआ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) भी आखिरकार सिरे चढ़ गया. यह समझौता अब दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक दरवाजे खोलेगा, बल्कि युवाओं, किसानों, उद्योगों और व्यापारियों के लिए नए अवसर भी लेकर आएगा.
चाय पर चर्चा को मिली वैश्विक पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर चेकर्स में की गई इस भेंट की तस्वीरें साझा कीं, जिनमें पारंपरिक भारतीय कुर्ता पहने एक युवक मसाला चाय परोसता नजर आ रहा है. पीएम मोदी ने अपने ट्रेडमार्क सफेद कुर्ते के साथ स्लीवलेस जैकेट पहनी हुई थी, जबकि कीर स्टार्मर क्लासिक ब्रिटिश स्टाइल में फॉर्मल सूट में दिखाई दिए. पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, "चेकर्स में प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ चाय पर चर्चा भारत-ब्रिटेन संबंधों को और मजबूत बना रही है." दोनों नेताओं के बीच यह 'चाय पर चर्चा' किसी स्क्रिप्टेड बैठक से ज्यादा एक आत्मीय संवाद की तरह थी, जिसने भारत-ब्रिटेन रिश्तों को एक नया मानवीय स्पर्श दिया.
‘Chai Pe Charcha’ with PM Keir Starmer at Chequers...brewing stronger India-UK ties! @Keir_Starmer pic.twitter.com/sY1OZFa6gL
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2025
खेल भी बना साझेदारी का पुल
चाय के बाद जब बातचीत का रुख खेल की ओर मुड़ा, तो उसमें भी दोस्ती की गर्मजोशी साफ झलक रही थी. पीएम मोदी ने फुटबॉल और क्रिकेट दोनों को लेकर ट्वीट किए. उन्होंने बताया कि भारत के युवा ब्रिटेन के फुटबॉल क्लबों के बड़े प्रशंसक हैं. वहीं क्रिकेट को उन्होंने सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक साझा जुनून और साझेदारी का प्रतीक बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े ही दिलचस्प अंदाज में लिखा कि “कई बार स्विंग और मिस हो सकता है, लेकिन हम सीधे बल्ले से खेलते हैं”. यह पंक्ति सिर्फ खेल की नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच भरोसे की भी कहानी कहती है.
MEA spokesperson Randhir Jaiswal tweets, "PM Narendra Modi met with young cricketers from the UK at Chequers Estate today. PM interacted with them & discussed the important role of cricket in bolstering people to people ties between the two countries."
— ANI (@ANI) July 24, 2025
(Pics: Randhir Jaiswal/X) pic.twitter.com/QC1x7JWwCL
ऐतिहासिक व्यापार समझौते की नई शुरुआत
इस मुलाकात का सबसे बड़ा परिणाम था. भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर दस्तखत. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कीर स्टार्मर की उपस्थिति में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस समझौते को अंतिम रूप दिया. इस समझौते के जरिए अब भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार में हर साल लगभग 34 अरब डॉलर की वृद्धि की उम्मीद है. यह समझौता केवल आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को भी नई मजबूती मिलेगी.
किसानों के हितों की रक्षा
FTA के तहत भारत ने घरेलू किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए डेयरी उत्पाद, खाद्य तेल और सेब जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को समझौते से बाहर रखा है. यह कदम सरकार की उस नीति को दर्शाता है, जिसमें वैश्विक साझेदारी के साथ-साथ देश के छोटे और मध्यम किसानों के हितों की रक्षा भी प्राथमिकता है. वहीं दूसरी ओर, 95 प्रतिशत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं पर अब शून्य शुल्क लगेगा, जिससे भारतीय उत्पादों को ब्रिटिश बाज़ार में बेहतर पहुंच मिलेगी.
उपभोक्ताओं के लिए क्या होगा सस्ता?
इस समझौते का सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर भी पड़ेगा. अब ब्रिटेन से आने वाली लक्ज़री कारें, स्कॉच व्हिस्की, जिन, सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, मेडिकल डिवाइसेस, एयरोस्पेस पार्ट्स, जूते, कपड़े, फैशन उत्पाद, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक सामान भारतीय बाज़ार में पहले से सस्ते मिल सकेंगे. वहीं भारत से ब्रिटेन जाने वाले वस्त्र, गहने, हस्तशिल्प और आईटी सेवाओं को भी नया बाज़ार मिलेगा.
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बताते चलें कि भारत और ब्रिटेन दोनों विश्व मंच पर लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच यह समझौता सिर्फ एक आर्थिक करार नहीं, बल्कि दो सभ्यताओं के बीच विश्वास, समझ और सहयोग का प्रतीक है. वही चाय की प्याली से शुरू हुई यह चर्चा अब उद्योग, तकनीक, स्टार्टअप्स और ग्रीन इनर्जी जैसे क्षेत्रों में विस्तृत सहयोग की ओर बढ़ रही है. भारत और ब्रिटेन दोनों ही इन अवसरों को लेकर बेहद उत्साहित हैं.