नेपाल में भी होगा बांग्लादेश की तरह तख्तापलट! PM ओली के इस्तीफे पर अड़े काठमांडू में प्रदर्शन कर रहे Gen-Z, कहा- ये सरकार नहीं, आतंकी हैं
नेपाल के हालात आज से एक साल पहले के बांग्लादेश जैसे नजर आ रहे हैं, जब युवाओं ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर देश में तख्तापलट कर दिया था. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या नेपाल का भी हाल बांग्लादेश जैसा होने जा रहा है? क्या नेपाल में भी तख्तापलट होगा?
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नेपाल के युवा सड़कों पर हैं और केपी ओली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफे की मांग की जा रही है. युवाओं में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और आर्थिक मंदी को लेकर गुस्सा है. सोमवार, 8 अगस्त को हजारों युवाओं ने सोशल मीडिया बैन के खिलाफ प्रदर्शन किया. लेकिन यह प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई. इधर, विरोध को देखते हुए सरकार ने बैन तो हटा लिया, लेकिन प्रधानमंत्री केपी ओली इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं.
सरकार ने युवाओं से प्रदर्शन वापस लेने की अपील की है, लेकिन युवा और आम नागरिकों में भारी आक्रोश है. लोग एक बार फिर काठमांडू में संसद के बाहर जुटने लगे हैं और विरोध तेज करने की चेतावनी दी है.
नेपाल के हालात आज से एक साल पहले के बांग्लादेश जैसे नजर आ रहे हैं, जब युवाओं ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर देश में तख्तापलट कर दिया था. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या नेपाल का भी हाल बांग्लादेश जैसा होने जा रहा है? क्या नेपाल में भी तख्तापलट होगा?
ये सरकार नहीं, ये आतंकी हैं- आंदोलनकारी
सड़कों पर उतरे युवाओं का कहना है कि इस सरकार ने छात्रों और युवाओं पर गोली चलवाई है. ये सरकार हमारे लिए सरकार की तरह नहीं बल्कि आतंकी की तरह काम कर रही है. हमें ऐसी सरकार नहीं चाहिए. हम सत्ता और व्यवस्था बदलने के लिए सड़कों पर उतरें हैं. हम अपना हक लेकर ही मांनेंगे.
क्या है जनता की अहम मांगे?
1- संसद को भंग किया जाए.
2- सभी सांसद इस्तीफा दें.
3- प्रदर्शनकारियों को गोली मारने का आदेश देने वाले सीनियर अफसरों को तुरंत सस्पेंड करे
4- हमारे नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनाई जाए.
5- अंतरिम सरकार के तहत जल्द चुनाव कराए जाएं.
नेपाल की सेना ने किया फ्लैग मार्च
काठमांडू की सड़कों पर मंगलवार सुबह से ही अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं. खासतौर पर संसद भवन की ओर जाने वाले मार्गों पर सेना की कई टुकड़ियां तैनात की गई हैं. सरकार को आशंका है कि आज भी बड़ी संख्या में युवा प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर सकते हैं. ऐसे में सोमवार जैसी सुरक्षा चूक से बचने के लिए इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है.
पीएम ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
सूत्रों के मुताबिक, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरे युवा अब सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने लगे हैं. उनका कहना है कि मौजूदा ओली सरकार को बिना देरी तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. इसी बीच, काठमांडू में जारी प्रदर्शनों के दबाव में देश के गृहमंत्री पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं.
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