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पहले आतंकी भेजते थे, अब थोक में भेज रहे भीखमंगे...पाकिस्तानियों से परेशान मुस्लिम देश, खदेड़े गए 50000+ भिखारी

सऊदी, यूएई सहित कई देशों ने तंग आकर पाकिस्तानी भिखारियों को अपने यहां से उठाकर बाहर करना शुरू कर दिया है. सबसे ज्यादा सऊदी अरब ने ऐसा किया है. ये लोग मुस्लिम देशों में हज और उमरा के नाम पर जाते हैं और वापस नहीं लौटते हैं.

पाकिस्तानी भीखमंगे की प्रतीकात्मक तस्वीर / शहबाज शरीफ

पाकिस्तान अपनी हरकतों और अपने लोगों की वजह से पूरी दुनिया पर बोझ बन गया है. अब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाक-प्रायोजित आतंकवाद से तो परेशान था ही, अब उसके भिखारियों ने भी लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. सालों से पाक सरकार IMF, वर्ल्ड बैंक, अमेरिका, चीन और गल्फ के अमीर मुल्कों से पैसे मांगती आई है. जब भी उनका विदेश दौरा होता था, यही लगता था कि फिर आ गए मुफ्तखोरी, भीख और कर्ज मांगने. लेकिन अब आम पाकिस्तानियों ने भी संगठित रूप से ऐसा करना शुरू कर दिया है. ऐसा लगता है कि यह आतंकिस्तान का राष्ट्रीय कैरेक्टर और पेशा बन गया है. इसी से तंग आकर दुनियाभर के देशों ने अपने यहां से हजारों पाकिस्तानियों और भीखमंगों को उठाकर बाहर फेंकना शुरू कर दिया है, यानी उन्हें भीख मांगने के आरोप में निर्वासित कर दिया गया है.

ये बात हम नहीं, कोई भारतीय नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तानी संसद नेशनल असेंबली की ओवरसीज पाकिस्तानियों और मानवाधिकारों पर स्थायी समिति की बैठक में FIA के महानिदेशक रिफ्फत मुख्तार राजा ने स्वीकारी है. राजा ने समिति को जानकारी दी कि इस वर्ष यानी अकेले 2025 में करीब 51,000 पाकिस्तानियों पर विभिन्न देशों ने अपने यहां एंट्री पर बैन लगा दिया है.

सऊदी-UAE ने हजारों भीखमंगों को किया डिपोर्ट!

FIA DG राजा ने आगे जानकारी दी कि मुस्लिमों के रहनुमा मुल्क सऊदी अरब, जहां सबसे ज्यादा लोग हज और उमरा के लिए जाते हैं, ने सबसे ज्यादा लोगों को डिपोर्ट किया है. सऊदी से भीख मांगने के आरोप में करीब 24,000 पाकिस्तानी लोगों को वापस भेजा गया. वहीं, UAE ने भी इसी आधार पर करीब 6,000 पाकिस्तानियों को वापस भेजा, जबकि अजरबैजान से करीब 2,500 भिखारियों को निर्वासित किया गया. आपको बता दें कि सऊदी अरब में खास तौर पर यह देखा गया है कि यहां पाकिस्तानी भिखारियों की संख्या सबसे ज्यादा है. ये लोग हज और उमराह के नाम पर जाते हैं और फिर वापस नहीं आते, मक्का-मदीना के बाहर भीख मांगना शुरू कर देते हैं.

म्यांमार-कंबोडिया से वापस नहीं आए 14,500 पाकिस्तानी!

FIA महानिदेशक ने आगे कहा कि सऊदी के अलावा यूरोप ने भी विभिन्न प्रकार के बहाने बनाकर जाने वाले पाकिस्तानियों को रोका है. यूरोपीय देशों में घुसने का प्रयास कर रहे ऐसे लोगों के दस्तावेजों की गहन जांच की गई, तो इनके असली इरादे सामने आए. रिफ्फत मुख्तार राजा ने कहा कि ऐसे लोगों को ठोस सबूतों के आधार पर मुल्क से बाहर जाने से रोका गया. उन्होंने समिति को यह भी जानकारी दी कि इस साल 24,000 पाकिस्तानी कंबोडिया गए, वहीं पर्यटक वीजा पर 4,000 लोग म्यांमार गए, लेकिन इनमें से करीब 14,500 लोग अब तक वापस नहीं लौटे हैं.

FIA का भिखारियों पर क्रैकडाउन!

पाकिस्तान के पासपोर्ट की वैश्विक रैंकिंग में सुधार हुआ है और यह 118वें स्थान से 92वें स्थान पर पहुंच गया है. अधिकारियों के अनुसार, अवैध प्रवासन पर सख्ती और नीतिगत बदलावों से स्थिति बेहतर हुई है. पहले पाकिस्तान अवैध प्रवासन के मामलों में शीर्ष पांच देशों में शामिल था. हालांकि, जनवरी में सऊदी अरब और अमेरिका सहित कई देशों से एक सप्ताह के भीतर 200 से अधिक पाकिस्तानियों को निर्वासित किया गया था. जियो न्यूज के मुताबिक, ये निर्वासन वीजा उल्लंघन, कानूनी मामलों और मानव तस्करी से जुड़े थे.

जब सऊदी जाते ड्राइवर को गृह मंत्री ने रोका!

आपको बता दें कि सऊदी, यूएई और अन्य मुस्लिम देशों में काम करने और भीख मांगने के मामलों में पाकिस्तान टॉप पर आता है. इन देशों में लोगों को फर्जी तरीके से भेजने का एक पूरा नेटवर्क और धंधा है. बीते दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक पाकिस्तानी को सऊदी जाते वक्त पाकिस्तान के ही एक एयरपोर्ट पर गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने रोका था. वह ड्राइवरी की नौकरी के लिए जा रहा था.

उसके पास वीजा और टिकट भी था, जिसके लिए उसने करीब 10 लाख PKR खर्च किए थे. हैरानी की बात यह थी कि उसने पाकिस्तान में कभी कार ड्राइव भी नहीं की थी और न ही उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस था. नकवी ने उसे रोका और कहा कि पहले लाइसेंस ले, ड्राइविंग टेस्ट दे, तब जाए. जब उसकी ड्राइविंग की टेस्टिंग हुई, तो पता चला कि उसे गियर का भी ज्ञान नहीं था और वह स्टीयरिंग तक ठीक से नहीं पकड़ पा रहा था.

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