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चिन्मय कृष्ण दास के साथ खड़ा हुआ इस्कॉन संगठन, बोला- 'हिंदुओं के अधिकारों की लड़ाई में हम चिन्मय के साथ'

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध करने पर हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बवाल बढ़ गया है। इस बीच इस्कॉन संगठन का चिन्मय कृष्ण दास के साथ कोई संबंध न होने की खबरों पर इस्कॉन संगठन ने अपना बयान जारी किया है।

29 Nov, 2024
( Updated: 29 Nov, 2024
09:51 PM )
चिन्मय कृष्ण दास के साथ खड़ा हुआ इस्कॉन संगठन, बोला- 'हिंदुओं के अधिकारों की लड़ाई में हम चिन्मय के साथ'
हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास की बांग्लादेश में हुई गिरफ्तारी के बाद बवाल बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर हो रहे हमले का विरोध करने पर देशद्रोह के मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तारी के बाद से भारत के कई हिंदू संगठन भी उनके साथ खड़े हो गए हैं और भारत सरकार से मांग की है कि उन पर हो रहे जुल्म पर बांग्लादेश को सबक सिखाए। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा बताया गया था कि हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास का इस्कॉन संगठन से कोई संबंध नहीं है। जिसको लेकर इस्कॉन संगठन की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इस्कॉन ने इस बयान में चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों का समर्थन और हिंदुओं के साथ खड़े रहने की बात कही है। 

हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास पर इस्कॉन का बड़ा बयान 


बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिन्दू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास के साथ अब इस्कॉन भी खड़ा हो गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से कई ऐसी खबरें चल रहीं थी। जिसमें बताया जा रहा था कि उनका इस्कॉन संगठन से कोई संबंध नहीं है। इस्कॉन ने अपनी तरफ से जारी बयान में कहा है कि " इस्कॉन चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों का समर्थन करता है। उन्होंने हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की रक्षा के लिए चिन्मय के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों से दूरी नहीं बनाई है। हम अन्य सभी सनातनी समूहों के साथ मिलकर हिंदुओं का समर्थन करते हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को शांतिपूर्ण ढंग से रहने का माहौल फिर से तैयार करने का आह्वान करते हैं"।

देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार हुए हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास भड़की हिंसा 


आपको बता दें कि बांग्लादेश की लॉ एंफोर्समेंट एजेंसी ने हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में 25 नवंबर को गिरफ्तार किया है। वहां की अदालत ने उन्हें जमानत देने से मना करते हुए सीधा उन्हें  भेज दिया। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक और हिंदू लोग सड़कों पर उतर आए। जिसके बाद उग्र विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। बांग्लादेश के इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद माहौल पूरी तरीके से बिगड़ता जा रहा है। इस दौरान BNP और जमात के कट्टरपंथियों ने हिंदुओं पर हमला भी किया है। इनमें 50 से ज्यादा हिंदू घायल हुए हैं। बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों ने हर जिले में शांतिपूर्ण सभाएं की हैं। इनमें चरमपंथियों ने चटगांव में हिंदुओं  के ऊपर हमला किया है। 

कौन है चिन्मय कृष्ण दास जिनकी गिरफ्तारी पर हुआ बवाल? 


बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के नेता और  इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं। बांग्लादेश में उन्हें लोग चिन्मय प्रभु के नाम से पुकारते हैं। वह बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर समय-समय पर अपनी आवाज उठाते हैं। पूरे बांग्लादेश की बात की जाए। तो इस्कॉन के करीब 77 से ज्यादा मंदिर हैं। इस संगठन के जरिए 50,000 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। बांग्लादेश में यह हिंदुओं की आवाज बने हुए हैं। ‌यही वजह है कि उनकी गिरफ्तारी पर बवाल बढ़ता जा रहा है।

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