ईरान ने शुरू की इजरायल-अमेरिका से युद्ध की तैयारी? चीन के साथ 800 बैलिस्टिक मिसाइल की डील डन! रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता के बीच ईरान ने चीन से हजारों टन बैलिस्टिक मिसाइल सामग्री का ऑर्डर दिया है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में मामले से परिचित सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है.

ईरान अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर चल रही बातचीत के बीत ईरान ने एक बड़ा कदम उठाया है. ईरान ने चीन के साथ बैलिस्टिक मिसाइलों पर बड़ी डील की है. ये दावा वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में किया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने जितनी मात्रा में मिसाइल सामग्री का ऑर्डर दिया है उससे 800 बैलिस्टिक मिसाइल तैयार हो सकते हैं.
ईरान ने की चीन से डील
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने चीन से जो मिसाइल ईंधन डील की है. उसके तहत चीन ने ईरान को हजारों टन मिसाइल ईंधन का ऑर्डर दिया है. इसमें अमोनियम परक्लोरेट (Ammonium perchlorate) भी शामिल है ताकि वह बडे़ पैमाने पर बैलिस्टिक मिसाइले बना सके. इस ईंधन से ईरान 800 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार करेगा.
इसके साथ ही ईरान अक्टूबर 2023 में इजरायल के हमले में नष्ट 12 प्लैनेटरी मिक्सर को दुरुस्त करने जुटा है. इससे पहले फरवरी और मार्च में छोटी दूरी की 260 मिसाइलों के लिए ईंधन की खेप तेहरान पहुंची थी. लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम से अमेरिका खुश नहीं है. अमेरिका ने 2022 में ओमान की खाड़ी से ईरान जा रही परमाणु ईंधन की 70 टन की खेप जब्त कर ली थी.
हांगकांग से होगी सप्लाई
रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल सामग्री का ऑर्डर हाल के महीनों में एक ईरानी संस्था पिशगामन तेजरत रफी नोविन कंपनी ने दिया था. यह सामग्री हांगकांग स्थित लॉयन कमोडिटीज होल्डिंग्स लिमिटेड से प्राप्त की गई थी. वॉल स्ट्रीट जर्नल के टिप्पणी के अनुरोध पर कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में इस सौदे के बारे में जानकारी से इनकार किया और कहा कि बीजिंग ने हमेशा चीन के निर्यात नियंत्रण कानूनों और विनियमों और अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं पर सख्त नियंत्रण रखा है.
हूतियों को भी दी जाएगी सामग्री
ईरान को दिए जाने वाले कुछ अमोनियम परक्लोरेट को तेहरान समर्थित मिलिशिया समूहों को भेजे जाने की उम्मीद है, जिसमें यमन के हूती विद्रोही भी शामिल हैं. सूत्रों में से एक ने इस बारे में खुलासा किया है. दरअसल हूती विद्रोही पिछले कुछ समय से इजरायल के ऊपर लगातार बैलिस्टिक मिसाइलें दाग रहे हैं. ईरान का यह कदम अपने मिसाइल शस्त्रागार को मजबूत करने के साथ ही क्षेत्रीय प्रभाव को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है.