'नहीं करेंगे सरेंडर...', खामेनेई ने दी अमेरिका को चेतावनी- अगर जंग में कूदे तो चुकानी होगी भारी कीमत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान अमेरिका पर हमले की बड़ी तैयारी कर रहा है. इसके पीछे की वजह ईरान से चल रहे युद्ध में इजरायल को सीधा समर्थन देना. ईरान का कहना है कि अगर इस युद्ध में अमेरिका सीधे तौर पर शामिल होता है, तो वह हमले के जरिए जवाबी कार्रवाई करेंगे.

इजराइल का समर्थन देने पर ईरान अमेरिका के ऊपर भड़क उठा है. ईरान ने मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमलों के लिए मिसाइलें और कई अन्य बड़े सैन्य उपकरण तैयार करने शुरू कर दिए हैं. यह जानकारी अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के द्वारा मिली है. ईरान का कहना है कि अगर इस युद्ध में अमेरिका इजरायल के साथ शामिल होता है, तो वह उस पर भी हमला करने से नहीं डरेंगे. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 दिन पहले ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर अमेरिका के ऊपर हमला करने की कोशिश या उनके नागरिकों को किसी तरह की हानि पहुंचाई गई, तो हम पूरी ताकत के साथ करारा जवाब देंगे.
अमेरिका ने तीन दर्जन विमान यूरोप भेजे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने करीब तीन दर्जन ईंधन वाले विमान यूरोप भेजे हैं, जो अमेरिकी सैन्य अड्डों पर लगे फाइटर जेट्स की सुरक्षा कर सकते हैं. इसके अलावा ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित हमलों के लिए लंबी दूरी तय करने वाले बॉम्बर जेट्स की मदद कर सकते हैं.
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इजरायल बना रहा अमेरिका पर दबाव
ईरान-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका शुरुआत से ही बीच में घुसने की कोशिश में लगा हुआ है. दूसरी तरफ इजरायल भी व्हाइट हाउस पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है कि वह ईरान के खिलाफ उसके अभियान में शामिल हो. ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि युद्ध और भी ज्यादा भड़क सकता है.
हूती विद्रोही और मिलिशिया समूह अमेरिका पर हमला कर सकते हैं
अमेरिका द्वारा अगर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया, तो ईरान समर्थित हूती विद्रोही फिर से लाल सागर में जहाज पर हमले शुरू कर देंगे. इसके अलावा मिलिशिया समूह जो कि इस वक्त इराक और सीरिया में काफी ज्यादा संख्या में मौजूद हैं, वह अमेरिकी सैन्य अड्डों पर बड़ा हमला कर सकते हैं.
मिडिल ईस्ट में 40,000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात
कई अमेरिकी अधिकारियों का यह भी कहना है कि अगर युद्ध शुरू हुआ, तो ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य में बारूदी सुरंगे बिछा सकता है. ऐसा करने से अमेरिका का युद्धपोत फारस की खाड़ी में फंस जाएगा. जिस तरीके से हालात बने हुए हैं उसे देखते हुए अमेरिका ने यूएई, जॉर्डन, सऊदी अरब में अपने सैन्य अड्डों पर मौजूद सैनिकों को हाई अलर्ट मोड पर रखा है. एक आंकड़ों के मुताबिक, मिडिल ईस्ट में अमेरिका के कुल 40,000 से ज्यादा सैनिक तैनात हैं.
अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान की नजर
ईरानी अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अगर इजरायल के साथ अमेरिका युद्ध में शामिल होता है. तो ईरान सबसे पहले इराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला करेगा. इसके अलावा अगर किसी और अरब देश में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डा इसमें भाग लेता है, तो उसे भी निशाना बनाया जाएगा. ईरान के विदेश मंत्री ने सोमवार को अपने बयान में कहा है कि हमारे दुश्मनों को समझना चाहिए कि वह सैन्य हमलों से कोई समाधान नहीं निकाल सकते हैं. न ही ईरानी जनता पर अपनी शर्तें थोप सकते हैं.
अमेरिका के हमले पर हम जवाबी कार्रवाई शुरू कर देंगे
ईरान का कहना है कि अगर अमेरिका ने उसके क्षेत्रों में हमला किया, तो वह अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू कर देगा. अगर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि अमेरिका ईरान पर हमले के लिए सीधे तौर पर शामिल है, तो हम अमेरिका को जवाब देना शुरू कर देंगे.