योगी सरकार ने पूरी की शिक्षकों की मांग, वापस मिली पुरानी पेंशन योजना
Old Pension Yojana: इस फैसले से पूरे प्रदेश के लगभग 9 लाख परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, क्योंकि लंबे समय से शिक्षक इस तरह की सुविधा की मांग कर रहे थे
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CM Yogi: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों को एक बहुत बड़ी राहत दी है. सरकार ने फैसला लिया है कि 154 प्रवक्ताओं, असिस्टेंट प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की जगह पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ दिया जाएगा. यह फैसला लंबे समय से शिक्षकों की मांग थी, जिसे अब सरकार ने पूरा कर दिया है. इससे इन सभी शिक्षकों के भविष्य और बुढ़ापे में मिलने वाली सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता कम होगी.
फैसले की मंजूरी कैसे मिली?
इस फैसले को मंजूरी उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने दी है. विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्तावों और वित्त विभाग के शासनादेशों को ध्यान से देखने के बाद यह निर्णय लिया गया. सरकार ने सुनिश्चित किया है कि जो भी कदम उठाया जाए, वह नियमों और वित्त विभाग की गाइडलाइन के अनुसार ही हो, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी या गलत फायदा उठाने की संभावना न रहे.
शिक्षकों के हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि योगी सरकार हमेशा से शिक्षकों के सम्मान, हितों और सामाजिक सुरक्षा को सबसे ऊपर रखती है. उनके अनुसार, शिक्षक समाज की बौद्धिक रीढ़ की हड्डी होते हैं. जब शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित होगा, तभी वे मन से शिक्षा दे सकेंगे और समाज को सही दिशा दे सकेंगे। सरकार का मानना है कि शिक्षकों की सुरक्षा और सम्मान बढ़ाना उसकी जिम्मेदारी है और योगी सरकार इस जिम्मेदारी को लगातार निभा रही है.
OPS लागू करने से पहले होगी पूरी जांच
विशेष सचिव उच्च शिक्षा गिरिजेश त्यागी ने आदेश जारी करके कहा है कि OPS का लाभ देने से पहले सभी 154 शिक्षकों और कर्मचारियों के दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच की जाएगी. यह जांच इसलिए जरूरी है ताकि पता चल सके कि यह सभी लोग नियमों के दायरे में आते हैं या नहीं. वित्त विभाग के जो भी आदेश पहले जारी हुए हैं, उनके अनुसार ही प्रत्येक मामले का परीक्षण किया जाएगा. सरकार चाहती है कि इस प्रक्रिया में कोई गलती न हो और सिर्फ पात्र लोगों को ही OPS का लाभ मिले.
किन पर लागू नहीं होगा यह आदेश?
सरकार ने साफ कर दिया है कि यह योजना तदर्थ (ad-hoc), संविदा, वर्क चार्ज, दैनिक वेतन (daily wage), सीजनल कर्मचारियों और मृतक आश्रित के रूप में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी. अर्थात केवल नियमित और योग्य शिक्षकों एवं कर्मचारियों को ही OPS का फायदा दिया जाएगा.
पहले भी किया गया था शिक्षकों के लिए बड़ा ऐलान
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इससे पहले 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर भी योगी सरकार ने शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था. सरकार ने घोषणा की थी कि सभी शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और रसोइया को कैशलेस मेडिकल सुविधा दी जाएगी. इस फैसले से पूरे प्रदेश के लगभग 9 लाख परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, क्योंकि लंबे समय से शिक्षक इस तरह की सुविधा की मांग कर रहे थे. कैशलेस इलाज मिलने से आर्थिक बोझ बहुत कम हो जाता है, खासकर अचानक बीमारी में.
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