क्या बच्चों की पढ़ाई रुकेगी अपार आईडी के बिना? जानिए पूरी जानकारी
अपार कार्ड छात्रों के लिए एक उपयोगी डिजिटल पहचान है, जो भविष्य की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और आसान बनाएगा. हालांकि, यह अनिवार्य नहीं है, और बच्चे बिना इसके भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं. माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है.

APAAR ID: आज के समय में शिक्षा का क्षेत्र भी तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रहा है. बच्चों की अटेंडेंस, मार्कशीट, सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी दस्तावेज अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत साल 2023 में एक बड़ी पहल की — जिसका नाम है अपार आईडी (APAAR ID).इसका उद्देश्य है देशभर के हर छात्र को एक यूनिक डिजिटल पहचान देना, ताकि उनकी शैक्षणिक जानकारी एक जगह डिजिटल रूप से स्टोर हो सके और पूरे देश में किसी भी संस्थान द्वारा आसानी से एक्सेस की जा सके.
क्या है अपार आईडी?
APAAR का पूरा नाम है: Automated Permanent Academic Account Registry.
सरल भाषा में समझें तो यह एक डिजिटल आईडी है जो हर छात्र को दी जाती है. इसमें 12 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है, ठीक वैसे ही जैसे आधार कार्ड में होता है.इस कार्ड में एक छात्र की पूरी शैक्षणिक जानकारी दर्ज होती है — जैसे उसका नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, फोटो, स्कूल या कॉलेज की जानकारी, उसकी मार्कशीट, डिग्री, सर्टिफिकेट, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, आदि. इससे छात्रों को किसी भी समय अपने दस्तावेज़ डिजिटल रूप में प्राप्त करने में मदद मिलती है.
क्या बिना अपार कार्ड के पढ़ाई नहीं हो सकती?
इस सवाल का सीधा जवाब है — बिलकुल पढ़ाई हो सकती है. अपार कार्ड अनिवार्य नहीं है, बल्कि यह एक सुविधा है, जिससे छात्र की शैक्षणिक जानकारी डिजिटल रूप से सुरक्षित और उपलब्ध रहती है. यदि किसी छात्र के पास अपार कार्ड नहीं है, तो उसकी पढ़ाई नहीं रुकेगी। वह स्कूल या कॉलेज में सामान्य रूप से पढ़ सकता है। हाँ, हो सकता है कि भविष्य में डिजिटल सर्टिफिकेट निकालने या किसी योजना का लाभ लेने में थोड़ी देर या दिक्कत हो सकती है, लेकिन शिक्षा का अधिकार अपार कार्ड के बिना भी बना रहेगा।
अपार कार्ड कैसे बनवाएं?
अगर छात्र का अपार कार्ड अब तक नहीं बना है, तो यह प्रक्रिया बेहद आसान है:
1.स्कूल से संपर्क करें — स्कूल की ओर से ही अपार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू होती है.
2.स्कूल प्रशासन अपार पोर्टल (https://apaar.education.gov.in) पर जाकर छात्र का पंजीकरण करता है.
3.इसके लिए छात्र का आधार कार्ड अनिवार्य है.
4.अगर छात्र 18 वर्ष से कम उम्र का है, तो उसके माता-पिता या अभिभावक को सहमति पत्र (consent form) भरना होगा.
5.सहमति मिलने के बाद ही छात्र का डेटा अपार पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा और उसे अपार आईडी जारी की जाएगी.
अपार आईडी क्यों है फायदेमंद?
1.छात्रों को अपनी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बार-बार जमा नहीं करने पड़ेंगे.
2.डिजिटल लॉकर की तरह यह सभी शैक्षणिक दस्तावेज एक जगह स्टोर रखता है.
3.स्कूल बदलने पर या कॉलेज एडमिशन में आसानी होती है.
4.भविष्य में छात्रवृत्ति, प्रतियोगी परीक्षा या अन्य शैक्षणिक लाभ लेने में सुविधा होगी.
अपार कार्ड छात्रों के लिए एक उपयोगी डिजिटल पहचान है, जो भविष्य की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और आसान बनाएगा. हालांकि, यह अनिवार्य नहीं है, और बच्चे बिना इसके भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं. माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है. बेहतर होगा कि अपार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर दें, ताकि भविष्य में सभी दस्तावेज़ एक जगह सुरक्षित रहें और किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके.