Advertisement

समोसे-जलेबी पर 'सिगरेट जैसी चेतावनी'? जानिए कहां और कैसे लगेंगे बोर्ड

स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम भले ही अभी सरकारी दफ्तरों तक सीमित हो, लेकिन इसका उद्देश्य बहुत बड़ा है, लोगों की सोच को बदलना. जब खाने से पहले आंखों के सामने यह चेतावनी होगी कि इसमें कितना तेल, चीनी या कैलोरी है, तो लोग खुद-ब-खुद अपनी आदतों पर गौर करेंगे. यह पहल देश को एक स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाने का एक छोटा लेकिन अहम प्रयास है.

17 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
11:00 AM )
समोसे-जलेबी पर 'सिगरेट जैसी चेतावनी'? जानिए कहां और कैसे लगेंगे बोर्ड

Jalebi and Samosa Health Warning: भारत में नाश्ते और चाय के साथ समोसे और जलेबी जैसे पारंपरिक स्नैक्स का स्थान आज भी बहुत खास है. विशेषकर उत्तर भारत में हर गली, नुक्कड़ और बाजार में समोसे-जलेबी की दुकानें देखी जा सकती हैं. लोग इन्हें बड़े चाव से खाते हैं, बिना यह सोचे कि इसमें कितनी कैलोरी, तेल या शक्कर है. उनके लिए स्वाद, सेहत से कहीं ज्यादा अहम होता है. लेकिन अब सरकार इस सोच को बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय का नया आदेश: अब चेतावनी देना अनिवार्य

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब एक नया निर्देश जारी किया है, जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नागरिकों को यह जानकारी दी जानी चाहिए कि वे जो खा रहे हैं, वह उनके शरीर के लिए कितना लाभकारी है और कितना नुकसानदेह. इसके तहत, सरकारी विभागों, केंद्रीय मंत्रालयों और संस्थानों की कैंटीनों में बिकने वाले स्नैक्स पर चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य किया गया है. यानी समोसा, जलेबी, पकौड़े, लड्डू जैसे खाने की चीज़ों के साथ अब जानकारी दी जाएगी कि उसमें कितना तेल या चीनी है. एक बोर्ड पर लिखा जा सकता है कि "एक गुलाब जामुन में लगभग पांच चम्मच चीनी होती है." इस तरह की जानकारी उपभोक्ताओं को यह सोचने पर मजबूर करेगी कि वे जो खा रहे हैं, वह उनकी सेहत को कितना नुकसान पहुँचा सकता है. यह चेतावनी बिल्कुल सिगरेट के पैकेट पर लिखे संदेश की तरह है, हालांकि कम तीव्रता के रूप में..

क्या अब हर हलवाई की दुकान पर चेतावनी लगेगी?

यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या अब आम हलवाई की दुकानें, सड़क किनारे ठेले, या निजी रेस्टोरेंट्स भी इस नियम के दायरे में आएंगे? नहीं.... यह नियम अभी केवल केंद्र सरकार के अधीन आने वाले दफ्तरों और संस्थानों की कैंटीन पर लागू किया गया है. आम जनता के लिए खुली बाजार की दुकानें इस निर्देश के तहत नहीं आतीं. हालांकि, भविष्य में यह नियम और व्यापक रूप ले सकता है.

सरकार के इस कदम की ज़रूरत क्यों पड़ी?

इस फैसले के पीछे की सबसे बड़ी वजह है देश में तेज़ी से बढ़ती जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां. भारत में मोटापा, डायबिटीज़, हृदय रोग जैसी समस्याएं गंभीर रूप ले रही हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक देश में लगभग 45 करोड़ लोग मोटापे या ओवरवेट की समस्या से जूझ सकते हैं . इसका मुख्य कारण है असंतुलित भोजन, अत्यधिक तेल-शक्कर का सेवन, और कम होती शारीरिक सक्रियता.

सरकार अब जंक फूड को तंबाकू और सिगरेट की तरह स्वास्थ्य के लिए सीरियस खतरा मान रही है. इसीलिए यह चेतावनी बोर्ड लगाने की पहल की गई है, ताकि लोग कम से कम यह जानें कि उनकी प्लेट में स्वाद के साथ कितना नुकसान भी परोसा जा रहा है.

अब खाना सिर्फ स्वाद से नहीं, सोच-समझ से भी चुनें

यह भी पढ़ें

स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम भले ही अभी सरकारी दफ्तरों तक सीमित हो, लेकिन इसका उद्देश्य बहुत बड़ा है, लोगों की सोच को बदलना. जब खाने से पहले आंखों के सामने यह चेतावनी होगी कि इसमें कितना तेल, चीनी या कैलोरी है, तो लोग खुद-ब-खुद अपनी आदतों पर गौर करेंगे. यह पहल देश को एक स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाने का एक छोटा लेकिन अहम प्रयास है.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें