नौकरी बदलते ही PF ट्रांसफर क्यों है जरूरी? लापरवाही की तो हो सकता ये बड़ा नुकसान

Employees’ Provident Fund: EPF एक बचत योजना है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हर महीने कुछ हिस्सा जमा करते हैं. यह पैसा नौकरी के दौरान सेविंग्स के रूप में जमा होता रहता है और रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर इसे निकाला जा सकता है. सरकार इस फंड पर ब्याज भी देती है, जो आपकी सेविंग्स को बढ़ाता है....
EPFO अकाउंट खुद-ब-खुद नई कंपनी के साथ नहीं जुड़ता
जब आप एक नौकरी से दूसरी नौकरी में जाते हैं, तो आपका EPF अकाउंट खुद-ब-खुद नई कंपनी के साथ नहीं जुड़ता. इसके लिए आपको EPFO के मेंबर पोर्टल पर जाकर मैन्युअली ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करनी होती है. जब तक आप यह प्रक्रिया पूरी नहीं करते, तब तक आपकी पुरानी कंपनी में जमा किया गया PF वहीं के खाते में बना रहता है. हालांकि आपका UAN नंबर वही रहता है, लेकिन आपका पुराना और नया PF अकाउंट अलग-अलग काम करते हैं.
नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर क्यों जरूरी है?
जब आप नौकरी बदलते हैं, तो आपकी पुरानी कंपनी में जमा हुआ PF बैलेंस वहीं के PF अकाउंट में रह जाता है. अगर आप उसे नए कंपनी के PF अकाउंट में ट्रांसफर नहीं करते हैं, तो:
1. ब्याज मिलना बंद हो सकता है (3 साल तक कोई योगदान न होने पर).
2. आपको दो PF अकाउंट में बैलेंस को ट्रैक करना पड़ेगा.
3. टैक्सेशन की समस्या हो सकती है अगर आप बिना ट्रांसफर के पैसा निकालते हैं.
4. पेंशन स्कीम (EPS) का कंटीन्युइटी रिकॉर्ड टूट सकता है, जिससे रिटायरमेंट बेनिफिट्स पर असर पड़ता है.
PF ट्रांसफर कैसे करें?
आजकल PF ट्रांसफर की प्रक्रिया बहुत आसान हो गई है। इसे आप ऑनलाइन UAN पोर्टल के ज़रिए कर सकते हैं.
स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस:
1. EPFO की https://www.epfindia.gov.in/site_en/index.php portal पर जाएं.
2. UAN और पासवर्ड से लॉगिन करें.
3. "Online Services" में जाकर One Member – One EPF Account (Transfer Request) पर क्लिक करें.
4. पुरानी और नई कंपनी की जानकारी भरें.
5. OTP वेरीफाई कर के सबमिट करें.
6. आपकी नई कंपनी और EPFO से अप्रूवल मिलने के बाद PF बैलेंस ट्रांसफर हो जाएगा.
ट्रांसफर में देरी के क्या नुकसान हैं?
ब्याज नहीं मिलेगा: अगर आप लंबे समय तक ट्रांसफर नहीं करते हैं, तो आपके पैसे पर ब्याज मिलना बंद हो सकता है.
टैक्स कट सकता है: अगर आपने 5 साल से कम समय तक काम किया है और ट्रांसफर न कर के पैसा निकाल लिया, तो उस पर टैक्स लग सकता है.
ड्यूप्लिकेट PF अकाउंट से आपका रिटायरमेंट फंड कमजोर पड़ सकता है.
ट्रांसफर करने के फायदे
1. PF बैलेंस एक जगह पर रहेगा और उसे ट्रैक करना आसान होगा.
2. ब्याज नियमित रूप से मिलता रहेगा.
3. EPS (पेंशन) कंटीन्यू रहेगी, जिससे भविष्य में ज्यादा पेंशन मिलेगी.
4. नौकरी के हिसाब से आपकी सेविंग्स जुड़ती रहेंगी.
अगर आपने नौकरी बदल ली है, तो PF ट्रांसफर करना न भूलें. यह सिर्फ एक तकनीकी काम नहीं है, बल्कि आपकी मेहनत की कमाई और भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. थोड़ी सी लापरवाही से आपको ब्याज और टैक्स दोनों में नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके, अपना PF ट्रांसफर ऑनलाइन प्रक्रिया के ज़रिए पूरा कर लें और चैन की नींद लें.