पुलिस आई है गिरफ्तारी करने? जानिए अपने अधिकार और इन जरूरी कदमों के बारे में
अगर कभी ऐसा समय आए कि पुलिस आपके घर पर गिरफ्तारी के लिए पहुंचे, तो घबराएं नहीं। उस वक्त हौसला और जानकारी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत होती है।

Rights When Police Arrests you: भारत में हर नागरिक को कानून के तहत कुछ मौलिक अधिकार मिले हुए हैं, चाहे वो आरोपी हो या निर्दोष। अगर कभी ऐसा समय आए कि पुलिस आपके घर पर गिरफ्तारी के लिए पहुंचे, तो घबराएं नहीं। उस वक्त हौसला और जानकारी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत होती है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आप क्या कर सकते हैं और पुलिस को क्या करने की अनुमति है।
पुलिस को किसी को गिरफ्तार करने का कानूनी हक कब होता है?
पुलिस को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार तभी होता है जब:
1. उसके खिलाफ कोई FIR दर्ज हो (संज्ञेय अपराध के मामले में)
2. अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ हो
3. पुलिस के पास कोई ठोस सबूत या शक हो कि व्यक्ति ने गंभीर अपराध किया है और वह भाग सकता है या सबूत मिटा सकता है
गिरफ्तारी के समय सबसे पहले क्या करें?
1. शांत रहें और हड़बड़ाएं नहीं।
2. पुलिस अगर घर पर आती है तो सबसे पहले उनसे पूछें कि वो किस कारण से आई है। क्या उनके पास FIR की कॉपी है? अगर वो बिना वारंट आए हैं, तो उनसे गिरफ्तारी का कारण पूछें।
3.अगर पुलिस के पास वारंट है, तो आप यह मांग सकते हैं कि वह वारंट की कॉपी आपको दिखाए।
4. महिलाओं की गिरफ्तारी सूरज ढलने के बाद नहीं हो सकती – यह आपका कानूनी अधिकार है।
परिवार या वकील को तुरंत सूचित करें
1. आपको यह अधिकार है कि आप अपनी गिरफ्तारी की सूचना अपने किसी परिजन, मित्र या वकील को दें।
2. कानून के मुताबिक पुलिस को यह सूचना आपके द्वारा बताए गए व्यक्ति को देना अनिवार्य है।
3. इसलिए गिरफ्तारी के समय, पुलिस से कहें कि वह आपके वकील या किसी करीबी को सूचना दे।
गिरफ्तारी मेमो मांगें (Arrest Memo)
हर गिरफ्तारी के समय पुलिस को एक Arrest Memo जारी करना होता है जिसमें निम्न जानकारियाँ होती हैं:
1. गिरफ्तारी का दिन, तारीख और समय
2. पुलिस अधिकारी का नाम और पद
3. गवाह के रूप में परिवार का कोई सदस्य या पड़ोसी का नाम
4. आपके हस्ताक्षर
5. अगर पुलिस ये Arrest Memo नहीं देती, तो यह अवैध गिरफ्तारी मानी जा सकती है।
6. महिला, बुजुर्ग और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान
7. महिलाओं को बिना महिला पुलिसकर्मी के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
8. महिलाओं की गिरफ्तारी शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले नहीं की जा सकती।
9. 15 साल से कम उम्र के बच्चे, 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग, और दिव्यांग जनों को विशेष सुरक्षा प्राप्त होती है।
बिना वकील की सलाह के कुछ न कहें
1. आपको यह अधिकार है कि आप वकील से सलाह लेने के बाद ही कोई बयान दें।
2. किसी भी दबाव में आकर पुलिस के सामने कुछ भी न कहें, क्योंकि वह आपके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है।
3. कानून के मुताबिक, गिरफ्तार व्यक्ति को एक वकील की सहायता लेने का अधिकार है।
पुलिस जबरदस्ती या हिंसा करती है तो क्या करें?
1. अगर पुलिस मारपीट, धमकी या किसी प्रकार की ज्यादती करती है तो आप इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग या अदालत में कर सकते हैं।
2. आपके पास यह अधिकार है कि आप गिरफ्तारी के समय और बाद में अपने साथ हो रही हर चीज़ की जानकारी किसी को दें और उसे रिकॉर्ड भी करें।
इन हेल्पलाइन नंबरों को रखें याद
1. दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम: 112
2. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC): 14433
3. लीगल एड हेल्पलाइन: 1516 (राज्य अनुसार अलग हो सकती है)
4. महिला हेल्पलाइन: 1091
अगर कभी पुलिस आपके घर पर गिरफ्तारी के लिए पहुंचे, तो सबसे जरूरी है कि आप शांत रहें और अपने अधिकारों को समझें। याद रखें, भारत का संविधान और कानून आपको पूरी सुरक्षा देता है — बशर्ते आपको अपने अधिकारों की जानकारी हो। किसी भी स्थिति में डरने या भागने की बजाय कानूनी तरीके से चीज़ों को हैंडल करें।