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दवाइयों की कमी होगी दूर, CGHS डिस्पेंसरी में बढ़ेगी सुविधा

CGHS एक बेहतरीन योजना है जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा देती है. सरकार द्वारा किए जा रहे ये सुधार इस योजना को और भी मजबूत बना देंगे. यदि आप इस योजना के पात्र हैं तो इससे जुड़कर आप और आपके परिवार को मेडिकल खर्चों से काफी राहत मिल सकती है.

11 Jun, 2025
( Updated: 11 Jun, 2025
08:38 AM )
दवाइयों की कमी होगी दूर, CGHS डिस्पेंसरी में बढ़ेगी सुविधा
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CGHS Facility: स्वास्थ्य हर इंसान के जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा होता है. कभी भी कोई मेडिकल इमरजेंसी आ सकती है, और ऐसे समय में यदि आपके पास इलाज के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध न हों तो बड़ी परेशानी हो सकती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने साल 1954 में CGHS योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवारों को बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं देना है.

CGHS के तहत क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?

इस योजना के अंतर्गत देशभर में 80 से ज्यादा शहरों में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं. लगभग 1 करोड़ लाभार्थी इस स्कीम के अंतर्गत आते हैं, जिसमें से केंद्र सरकार के कर्मचारी, पेंशनधारी, सांसद, न्यायपालिका के सदस्य, कुछ पत्रकार और अन्य पात्र लोग शामिल हैं.

इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं:

कैशलेस इलाज: देशभर में करीब 1500 इम्पैनल्ड सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है.

सस्ती दवाइयां: CGHS की डिस्पेंसरी में इलाज के साथ-साथ जरूरी दवाइयां भी कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाती हैं.

स्वास्थ्य जांच और उपचार: सभी वेलनेस सेंटर्स (डिस्पेंसरी) में सामान्य बीमारियों से लेकर क्रॉनिक डिजीज़ तक के इलाज की सुविधा मौजूद होती है.

मेडिकल रिफंड क्लेम: जिन मामलों में कैशलेस इलाज नहीं मिल पाता, वहां इलाज का खर्चा मरीज द्वारा पहले वहन करने के बाद सरकार से क्लेम के रूप में वापस लिया जा सकता है.

CGHS में होने जा रहे बदलाव

हाल ही में सरकार की ओर से इस योजना में कुछ जरूरी और बड़े बदलाव करने की योजना बनाई गई है ताकि लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं मिल सकें और मौजूदा समस्याओं को दूर किया जा सके.

संभावित बदलाव इस प्रकार हैं:

1. नए वेलनेस सेंटर्स की शुरुआत

सरकार की योजना है कि कुछ नए शहरों में CGHS वेलनेस सेंटर्स खोले जाएं। इन शहरों में पुणे, बेंगलुरु, नागपुर, बालासोर, चेन्नई, पुडुचेरी और जम्मू प्रमुख हैं। इससे वहां के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।

2. स्टाफ की कमी को दूर करना

देशभर के वेलनेस सेंटर्स में स्टाफ की कमी एक बड़ी समस्या रही है. इस कमी को दूर करने के लिए Staff Selection Commission (SSC) के माध्यम से नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इससे डॉक्टर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और अन्य मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता बेहतर होगी.

3. दवाइयों की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी

कई बार देखा गया है कि CGHS डिस्पेंसरी में जरूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं होतीं. इस मुद्दे को भी सरकार गंभीरता से ले रही है और दवाओं की आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर करने की योजना है.

4. निजी अस्पतालों को योजना में जोड़ा जाएगा

सरकार अधिक निजी अस्पतालों को CGHS योजना में इम्पैनल करने की योजना बना रही है ताकि लाभार्थियों को अपने नजदीकी अच्छे प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा मिल सके. ये अस्पताल भी सब्सिडी वाले दरों पर इलाज देंगे.

5. मेडिकल रिफंड क्लेम की प्रक्रिया में सुधार

कई पेंशनधारकों को समय पर रिफंड नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी होती है. अब इस प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और ट्रैकिंग सिस्टम को बेहतर किया जाएगा.

इन बदलावों से क्या होगा फायदा?

इन सभी प्रस्तावित सुधारों से CGHS स्कीम पहले से ज्यादा सुलभ, प्रभावी और लाभकारी बन जाएगी. इससे कर्मचारियों और पेंशनधारकों को न सिर्फ समय पर इलाज मिल पाएगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति पर भी अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा। विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लाभार्थियों को बहुत राहत मिलेगी.

CGHS एक बेहतरीन योजना है जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा देती है. सरकार द्वारा किए जा रहे ये सुधार इस योजना को और भी मजबूत बना देंगे. यदि आप इस योजना के पात्र हैं तो इससे जुड़कर आप और आपके परिवार को मेडिकल खर्चों से काफी राहत मिल सकती है.

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