GST में राहत, लेकिन क्या दुकानों में पहले से रखा सामान भी होगा सस्ता? जानिए
केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत देते हुए जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है. बुधवार, 3 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने जीएसटी टैक्स को और भी सरल और कम कर दिया है.
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केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत देते हुए जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है. बुधवार, 3 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने जीएसटी टैक्स को और भी सरल और कम कर दिया है. अब ज़्यादातर सामानों पर पहले से कम टैक्स देना होगा....
12% और 28% टैक्स स्लैब अब खत्म!
वित्त मंत्री ने बताया कि पहले जो चीजें 12% टैक्स स्लैब में आती थीं, उनमें से 99% चीजें अब सिर्फ 5% टैक्स स्लैब में डाल दी गई हैं. वहीं, जो चीजें पहले 28% टैक्स में आती थीं, उनमें से 90% चीजें अब सिर्फ 18% टैक्स स्लैब में रखी गई हैं.
लग्ज़री और गुटखा जैसी चीजों पर 40% टैक्स
सरकार ने कहा कि अब सिर्फ महंगी और नुकसानदायक चीजें (जैसे- तंबाकू, शराब, गुटखा, लग्ज़री कारें) को 40% टैक्स वाले एक नए स्लैब में रखा गया है. ये आम आदमी को प्रभावित नहीं करेगा.
आम आदमी को क्या होगा फायदा?
सरकार का कहना है कि यह कदम "GST 2.0" का हिस्सा है. इसका मकसद है कि मिडिल क्लास, गरीब वर्ग और छोटे कारोबारियों (MSME) को राहत दी जा सके। जब टैक्स कम होगा, तो सामान सस्ते होंगे, लोग ज़्यादा खरीदारी करेंगे और बाजार में रौनक बढ़ेगी. इससे महंगाई पर भी कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.
क्या पहले से मौजूद स्टॉक भी सस्ता मिलेगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जो सामान पहले से दुकानों में रखा है (यानि पुराना स्टॉक), क्या वो भी सस्ता मिलेगा? क्योंकि वो तो पुराने टैक्स के हिसाब से खरीदा गया था.वित्त मंत्री ने साफ कहा कि नई जीएसटी दरों का फायदा तुरंत लागू होगा. यानी कंपनियों और दुकानों को कहा गया है कि वो नई कीमतें (MRP) जल्दी से अपडेट करें. अगर कोई दुकानदार या कंपनी पुराने रेट पर सामान बेचती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
पुराने स्टॉक पर क्या होगा?
इनपुट टैक्स क्रेडिट से होगा बैलेंस
दुकानदारों और कंपनियों को कहा गया है कि जो उन्होंने पुराने टैक्स रेट पर टैक्स दिया था, उसका वो इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम कर सकते हैं. इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा और वो आसानी से नई दरों पर सामान बेच सकेंगे.
2–4 हफ्ते लग सकते हैं बदलाव में
पुराना स्टॉक बाजार से पूरी तरह हटने में 2 से 4 हफ्ते लग सकते हैं. इस दौरान दुकानदार धीरे-धीरे नई दरें लागू करेंगे। लेकिन ग्राहक चाहें तो बिल में जीएसटी की दर चेक करें। अगर किसी ने नई दर नहीं लगाई, तो ग्राहक शिकायत भी कर सकते हैं.
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
वित्त मंत्री ने लोगों से अपील की है कि जब भी कोई सामान खरीदें, तो:
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बिल ज़रूर लें
GST की दरें चेक करें
अगर दुकानदार पुराने रेट ले रहा हो, तो शिकायत दर्ज करें
सरकार ने CCI (Competition Commission of India) और टैक्स विभाग को निगरानी करने को कहा है ताकि GST कटौती का पूरा फायदा लोगों तक पहुंचे.
सरकार ने 12% और 28% GST स्लैब को हटा दिया है.
अब ज्यादातर सामान 5% और 18% टैक्स में आएंगे.
लग्ज़री और हानिकारक चीजों पर नया 40% टैक्स स्लैब बना है.
कंपनियों को नई दरों के हिसाब से MRP घटानी होगी.
ग्राहक बिल चेक करें और नई दरें लागू न होने पर शिकायत करें.
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