Advertisement

फर्जी राशन कार्ड वालों से वसूली तय, अब देना होगा हर अनाज का दाम

अगर आप या आपका कोई जानने वाला ऐसे कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है जिसका वो हकदार नहीं है, तो बेहतर यही होगा कि स्वेच्छा से कार्ड लौटा दें. सरकार अब इस मामले को हल्के में नहीं ले रही और कार्रवाई भी तेजी से हो रही है. ईमानदारी ही सबसे अच्छा रास्ता है  खुद भी गलत फायदा न उठाएं और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करें.

21 Aug, 2025
( Updated: 21 Aug, 2025
03:37 PM )
फर्जी राशन कार्ड वालों से वसूली तय, अब देना होगा हर अनाज का दाम
Image Credit: Ration Card

Ration Card: सरकार गरीबों को सस्ती दरों पर अनाज देने के लिए नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत राशन कार्ड जारी करती है. इसका मकसद यह है कि गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन जी रहे लोगों को सस्ते या मुफ्त में गेहूं, चावल और अन्य जरूरी सामान मिल सके. लेकिन आज की हकीकत यह है कि बहुत सारे ऐसे लोग भी इस योजना का फायदा उठा रहे हैं, जो इसके लायक ही नहीं हैं. यानी जिनकी आमदनी अच्छी है, जिनके पास पक्के मकान, गाड़ियाँ या जमीन है, वो भी गरीबों के हक का राशन ले रहे हैं. अब सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की शुरुआत कर दी है.

सरकार ने कहा, अब वसूली होगी और सजा भी

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने साफ कर दिया है कि जो लोग अपात्र हैं लेकिन फिर भी राशन कार्ड का गलत फायदा उठा रहे हैं, उनसे अब अनाज की कीमत वसूली जाएगी. सरकार ने एक ‘गिव अप अभियान’ शुरू किया है, जिसमें लोगों से अपील की गई है कि अगर वे योजना के पात्र नहीं हैं, तो स्वेच्छा से अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दें. सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर तय समय सीमा के बाद भी किसी का कार्ड फर्जी या अपात्र पाया गया, तो उससे न सिर्फ अनाज की कीमत वसूली जाएगी, बल्कि भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

कैसे होगी वसूली?

सरकार ने यह भी बताया है कि वसूली का तरीका बिल्कुल साफ होगा. जितना अनाज किसी ने अब तक लिया है, उसकी कीमत सरकारी दर (जैसे ₹27 प्रति किलो) के हिसाब से उनसे ली जाएगी. अगर किसी ने 100 किलो गेहूं, चावल या चीनी लिया है, तो उसे 2700 रुपए सरकार को लौटाने होंगे. साथ ही, अगर मामला गंभीर है तो उस व्यक्ति पर जुर्माना, राशन कार्ड की रद्दीकरण और जेल की सजा भी दी जा सकती है.

किन लोगों को नहीं मिलना चाहिए राशन?

सरकार ने शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए अलग-अलग पात्रता की शर्तें तय की हैं, जो इस प्रकार हैं:

शहरी क्षेत्र के लिए:

जिनकी सालाना आय ₹1 लाख से ज्यादा है
जिनके पास पक्का मकान, चार पहिया गाड़ी, फ्रिज, या बड़ा जनरेटर है
ऐसे परिवार इस योजना के पात्र नहीं माने जाएंगे

ग्रामीण क्षेत्र के लिए:

जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा जमीन है
जिनके पास ट्रैक्टर, हार्वेस्टर जैसे खेती के भारी वाहन हैं
या जिनकी सालाना आय ₹2 लाख से ज्यादा है
ये लोग भी योजना का लाभ नहीं ले सकते

अब नहीं मानी बात तो पड़ेगा पछताना

सरकार ने सभी राज्यों और जिलों में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि जो लोग अपात्र होते हुए भी राशन कार्ड का फायदा उठा रहे हैं, उनकी पहचान कर ली जाए. जिन लोगों ने अब तक अपना राशन कार्ड स्वेच्छा से सरेंडर नहीं किया, उनके खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी. न केवल उनका कार्ड रद्द किया जाएगा, बल्कि उनसे सारा पैसा वसूला जाएगा और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है. कुछ मामलों में जेल की सजा भी हो सकती है.

ईमानदारी दिखाएं, खुद कार्ड सरेंडर करें

यह भी पढ़ें

सरकार की मंशा बहुत साफ है, इस योजना का लाभ सिर्फ उन गरीब लोगों तक पहुँचना चाहिए जिन्हें इसकी सच में जरूरत है. इसलिए जिन लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी है और जो इन शर्तों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें खुद ही राशन कार्ड सरेंडर कर देना चाहिए. वरना बाद में जब जांच होगी और गड़बड़ी सामने आएगी, तो पैसे की वसूली, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

अगर आप या आपका कोई जानने वाला ऐसे कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है जिसका वो हकदार नहीं है, तो बेहतर यही होगा कि स्वेच्छा से कार्ड लौटा दें. सरकार अब इस मामले को हल्के में नहीं ले रही और कार्रवाई भी तेजी से हो रही है. ईमानदारी ही सबसे अच्छा रास्ता है  खुद भी गलत फायदा न उठाएं और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करें.

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें