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अब 50 हजार नहीं, सिर्फ इतने रुपये रखने होंगे खाते में, ICICI बैंक का बड़ा यू-टर्न

इस फैसले को वापस लेने के पीछे बैंक ने एक साफ वजह बताई है ग्राहकों का फीडबैक. जब 50,000 रुपये की नई लिमिट की घोषणा की गई, तब कई ग्राहकों ने सोशल मीडिया, कस्टमर केयर और अन्य माध्यमों से बैंक को अपना असंतोष जताया.

Image Credit: ICICI Bank

ICICI Bank: आज के समय में लगभग हर व्यक्ति का कम से कम एक बैंक खाता जरूर होता है. बहुत से लोग तो अलग-अलग उद्देश्यों के लिए एक से ज्यादा खाते भी रखते हैं , जैसे एक सैलरी अकाउंट होता है, जिसमें कंपनी वेतन भेजती है, और दूसरा सेविंग अकाउंट होता है, जिसमें लोग अपनी बचत जमा करते हैं. इन खातों को रखने के साथ एक अहम नियम जुड़ा होता है जिसे "मिनिमम बैलेंस" कहते हैं. हालांकि कुछ खास तरह के खातों जैसे जीरो बैलेंस अकाउंट में ये अनिवार्यता नहीं होती, लेकिन सामान्य खातों में ग्राहकों को एक तय राशि खाते में बनाए रखनी होती है, ताकि चार्ज न लगे.

क्या होता है मिनिमम बैलेंस और क्यों जरूरी होता है?

जब भी आप किसी बैंक में खाता खोलते हैं, तो बैंक एक तय राशि बताता है जिसे हर समय खाते में रखना जरूरी होता है, यही होती है मिनिमम बैलेंस लिमिट. अगर इस सीमा से कम रकम खाते में रहती है तो बैंक पेनल्टी या चार्ज लगा सकता है. हर बैंक की अपनी अलग-अलग मिनिमम बैलेंस की सीमा होती है, और ये शहर या ग्राहक की प्रोफाइल के आधार पर भी बदल सकती है. उदाहरण के लिए मेट्रो शहरों में यह लिमिट आमतौर पर ज्यादा होती है, जबकि ग्रामीण इलाकों में कम.

ICICI बैंक ने बढ़ाई थी लिमिट, फिर लिया यू-टर्न

हाल ही में आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया था, जिसमें नए ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट को बढ़ाकर सीधे 50,000 रुपये कर दिया गया था. यह खबर सुनकर ग्राहकों में चिंता बढ़ गई थी क्योंकि इतनी बड़ी राशि खाते में बनाए रखना हर किसी के लिए आसान नहीं होता, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आमदनी सीमित है. लेकिन अब राहत की खबर यह है कि बैंक ने इस फैसले को वापस लेते हुए इस सीमा को घटा दिया है.

अब कितनी कर दी गई है नई मिनिमम बैलेंस लिमिट?

आईसीआईसीआई बैंक ने अब मिनिमम बैलेंस की लिमिट को घटाकर 15,000 रुपये कर दिया है. ये बदलाव विशेष रूप से मेट्रो और अर्बन (शहरी) इलाकों के ग्राहकों के लिए लागू किया गया है. हालांकि यह लिमिट अभी भी पहले की तुलना में ज्यादा है, लेकिन 50,000 रुपये के मुकाबले काफी राहत वाली है। इससे ग्राहकों को न सिर्फ मानसिक शांति मिलेगी बल्कि उन्हें बार-बार चार्ज लगने का डर भी नहीं रहेगा.

पहले क्या थी मिनिमम बैलेंस की सीमा?

अगर हम बात करें पुराने नियम की, तो ICICI बैंक की पहले की मिनिमम बैलेंस लिमिट 10,000 रुपये थी. बाद में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया, जिससे ग्राहकों में नाराजगी बढ़ गई। अब बैंक ने ग्राहकों के हित में फैसला लेते हुए इसे घटाकर 15,000 रुपये कर दिया है. यानी अभी की नई लिमिट, पुरानी से 5,000 रुपये ज्यादा जरूर है, लेकिन पहले के फैसले से काफी बेहतर मानी जा रही है.

बैंक ने क्यों लिया अपना फैसला वापस?

इस फैसले को वापस लेने के पीछे बैंक ने एक साफ वजह बताई है ग्राहकों का फीडबैक. जब 50,000 रुपये की नई लिमिट की घोषणा की गई, तब कई ग्राहकों ने सोशल मीडिया, कस्टमर केयर और अन्य माध्यमों से बैंक को अपना असंतोष जताया. इस प्रतिक्रिया को गंभीरता से लेते हुए बैंक ने 1 अगस्त 2025 से पहले वाला नियम वापस ले लिया और उसी तारीख से नई लिमिट (15,000 रुपये) लागू कर दी. इससे यह भी साफ होता है कि बैंक अब ग्राहकों की बातों को सुन रहा है और उनकी जरूरतों को समझकर ही फैसले ले रहा है. 

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