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अब सड़क हादसों में मिलेगा पीड़ित को किसी भी अस्पताल में फ्री इलाज, नितिन गडकरी ने शुरू कि योजना

Cashelss Treatment: योजना को लागू करने का जिम्मा एनएनएच है है।उन्होंने बताया कि अगले संसदीय सत्र में मोटर वाहन संशोधन कानून पेश किया जाएगा। 14 मार्च 2024 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क हादसे के पीड़ितों को कैशलेस इलाज देने कि पायलेट योजना शुरू कि थी।

अब सड़क हादसों में मिलेगा पीड़ित को किसी भी अस्पताल में फ्री इलाज, नितिन गडकरी ने शुरू कि योजना
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Cashless Treatment: सड़क हादसों के घायलों को देशभर में मार्च तक कैशलेस इलाज शुरू हो जाएगा।  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ये जानकरी दी है।  उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के सड़क हादसे में घायलों को सात दिन तक प्रति दिन तक प्रति दुर्घटना 15 लाख रूपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। आइये जानते है इस खबर को विस्तार से ....

पायलट प्रोजेक्ट के बाद पूरे देश में योजना हो रही है लागू 

योजना को लागू करने का जिम्मा एनएनएच है है।उन्होंने बताया कि अगले संसदीय सत्र में मोटर वाहन संशोधन कानून पेश किया जाएगा।  14 मार्च 2024 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क हादसे के पीड़ितों को कैशलेस इलाज देने कि पायलेट योजना शुरू कि थी।  योजना के बाद में छह राज्यों में लागू कि गयी है।  वही अब दो महा बाद मार्च में योजना को पूरे देश में लागू हो जायेगा। 

ट्रक बस और कवच प्रणाली जैसी सुरक्षा 

गडकरी ने बताया कि 42 वी परिवहन विकास परिषद् कि बैठक में सड़क सुरक्षा प्राथिमकता रही।बैठक में फैसला लिया गया कि भारी वाहन जैसे बस या ट्रक बनने वाली कंपनियों को निर्देश जारी किया गया है कि अब बस ट्रैकों के निर्माण के दौरान , तीन सुरक्षा तकनीके जरूर होनी चाहिए।  वही कहा जा रहा है कि बसों -ट्रैकों में भी कवच जैसी सुरक्षा दी जा सकती है। वही गडकरी ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि बस ट्रक में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कण्ट्रोल और आटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम का इस्तमाल किया जाएगा।  जिससे दो वाहनों के एक्सीडेंट को रोका जाए।  इसके आलावा , बस ट्रक में ड्राइवर ड्रोइंजीनस सिस्टम अलर्ट लगाया जाएगा।जिससे जब भी ड्राइवर को झपकी आएगी तो ये अलार्म ड्राइवर को अलर्ट कर देगा। 

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सिर्फ आठ घंटे से अधिक नहीं हो सकती है ड्राइविंग 

वही आपको बता दें , गडकरी ने बताया कि ड्राइवर सुबह साढ़े चार बजे से रात 9 बजे तक गाडी चलाते है , यूरोप में कोई भी ड्राइवर आठ घंटे से ड्राइविंग नहीं चलता है।  भारत में 22 लाख ड्राइवर कि कमी है।  इसी कमी को दूर करने के लिए मंत्रालय प्लान कर रहें है कि एक ऐसा सिस्टम डेवेलोप किया जाए , जिसमे आधार कार्ड से लक्स कार्ड को स्वाइप किया जायेगा और इंजन स्टार्ट हो जाएगा।इसके बाद आठ घंटे बाद इंजन बंद हो जायेगा।  इंजन फिर तभी शुरू होगा, जब दूसरा ड्राइवर अपना कार्ड स्वाइप करेगा।  

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