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Delhi New Excise Policy: अब 21 की उम्र में खुलेंगे बीयर के दरवाजे! दिल्ली सरकार ला रही है नई शराब नीति

Delhi New Excise Policy: दिल्ली की नई आबकारी नीति, अगर लागू होती है, तो इसका असर सीधे युवाओं, व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. एक ओर जहां युवाओं के लिए बीयर पीने की उम्र में छूट मिल सकती है, वहीं दूसरी ओर रिहायशी इलाकों को शराब दुकानों से राहत मिलेगी. साथ ही, प्राइवेट कंपनियों के आने से बाज़ार में बदलाव की बड़ी लहर देखने को मिल सकती है.

13 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:09 AM )
Delhi New Excise Policy: अब 21 की उम्र में खुलेंगे बीयर के दरवाजे! दिल्ली सरकार ला रही है नई शराब नीति
Source: Beer (File Photo)

Delhi New Excise Policy: दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जो खासतौर पर बीयर पीने वाले युवाओं के लिए राहत लेकर आ सकती है. प्रस्ताव के मुताबिक, अब दिल्ली में बीयर पीने की न्यूनतम उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करने की योजना बनाई जा रही है. यह बदलाव केवल बीयर के लिए होगा. बाकी अन्य शराब जैसे व्हिस्की, रम और वाइन आदि के लिए उम्र सीमा अभी भी 25 साल ही रहेगी. सरकार का मानना है कि NCR के अन्य राज्यों जैसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पहले से ही शराब पीने की न्यूनतम उम्र 21 साल है. ऐसे में दिल्ली के युवा वहां जाकर शराब खरीदते हैं, जिससे न सिर्फ सुरक्षा का खतरा बढ़ता है बल्कि दिल्ली सरकार को राजस्व में भी नुकसान होता है. इसी नुकसान को रोकने और प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए यह निर्णय लिया जा सकता है.

रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानों की संख्या होगी कम

नई नीति के मसौदे में यह भी प्रस्ताव है कि अब रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानों की संख्या कम की जाएगी. इसके बदले में इन दुकानों को मॉल्स, बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और कमर्शियल एरिया में शिफ्ट किया जाएगा. इससे रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों को होने वाली असुविधा में काफी हद तक कमी आएगी, खासकर उन परिवारों को जिन्हें शराब की दुकानों की मौजूदगी से परेशानी होती है.

 अब निजी दुकानदारों को भी मिलेगा लाइसेंस

फिलहाल दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री केवल चार सरकारी एजेंसियों (DTTDC, DSIIDC, DCCWS, और DSCSC) के जरिये होती है. लेकिन अब सरकार इस व्यवस्था को बदलने की सोच रही है. नई आबकारी नीति के तहत, सरकार निजी दुकानदारों को भी लाइसेंस देने पर विचार कर रही है. इसका मतलब है कि अब दिल्ली में शराब की बिक्री का मॉडल सरकारी और निजी दुकानों के मिलेजुले "हाइब्रिड मॉडल" पर आधारित हो सकता है. इस बदलाव से सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी और बाजार में प्रतिस्पर्धा आने से उपभोक्ताओं को बेहतर ब्रांड्स और बेहतर सेवा भी मिल सकेगी.

 2021 की नीति क्यों नहीं हो पाई थी लागू?

दिल्ली सरकार ने 2021 में भी कुछ ऐसे ही बड़े बदलावों का प्रस्ताव रखा था, जिसमें शराब पीने की उम्र को 25 से घटाकर 21 साल करने की बात की गई थी। लेकिन उस समय यह नीति राजनीतिक विवादों और कानूनी अड़चनों के चलते लागू नहीं हो सकी. अब जब नई आबकारी नीति पर दोबारा विचार हो रहा है, तो सरकार पहले की गलतियों से सबक लेते हुए इसे व्यवस्थित और व्यवहारिक तरीके से लागू करने की योजना बना रही है.

 प्रीमियम ब्रांड्स की उपलब्धता पर भी ध्यान

नई नीति में एक और अहम बात यह है कि सरकार दिल्ली में अब प्रीमियम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शराब ब्रांड्स की उपलब्धता को भी बेहतर बनाना चाहती है. इसके लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल किया जा सकता है और बाजार में ऊंचे दर्जे के उत्पादों को लाने का रास्ता साफ किया जा सकता है. इससे दिल्ली के शराब उपभोक्ताओं को बिना दूसरे राज्यों में जाए, अपने शहर में ही अच्छी क्वालिटी के ब्रांड्स मिल सकेंगे.

शराब नीति में बड़े बदलाव के संकेत

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दिल्ली की नई आबकारी नीति, अगर लागू होती है, तो इसका असर सीधे युवाओं, व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. एक ओर जहां युवाओं के लिए बीयर पीने की उम्र में छूट मिल सकती है, वहीं दूसरी ओर रिहायशी इलाकों को शराब दुकानों से राहत मिलेगी. साथ ही, प्राइवेट कंपनियों के आने से बाज़ार में बदलाव की बड़ी लहर देखने को मिल सकती है.

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